निर्भया दुष्कर्म मामला- 22 जनवरी को फांसी मुकर्रर
दिल्ली, 7 जनवरी (वार्ता, उपमा डागा पारथ) : 16 दिसम्बर 2012 की रात निर्भया के साथ सामूहिक दुष्कर्म और बाद में उसकी मौत से देश को दहला देने वाले इस वीभत्स कांड के चारों दोषियों को फांसी पर लटकाए जाने के लिए मंगलवार को पटियाला हाउस अदालत ने डेथ वारंट जारी कर दिए। चारों दोषियों पवन गुप्ता, विनय शर्मा, मुकेश और अक्षय ठाकुर को 22 जनवरी सुबह सात बजे तिहाड़ जेल में फंदे पर लटकाया जाएगा। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा ने सात साल पुराने इस मामले में लंबी सुनवाई के बाद फैसला सुनाते हुए दोषियों को अपनी कानूनी औपचारिकताएं पूरा करने के लिए 14 दिन का समय दिया है। फैसला सुनाए जाने के समय अदालत कक्ष में न्यायाधीश अरोड़ा, जेल के अधिकारी और दोनों पक्षों के वकील मौजूद थे। चारों को तिहाड़ जेल में फांसी दी जायेगी। डेथ वारंट के बाद कम से कम 14 दिन का समय दिया जाता है जिस दौरान जेल प्रशासन को फांसी देने की अपनी पूरी तैयारी करनी होती है। डेथ वारंट जारी करने से पहले चारों दोषियों की न्यायाधीश अरोड़ा के समक्ष वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए पेशी की गई। साकेत कोर्ट ने 13 सितम्बर 2013 को इन चारों दोषियों को फांसी की सज़ा सुनाई थी। इस मामले में कुल छह लोग गिरफ्तार किए गए थे जिसमें से एक राम सिंह ने जेल में ही खुदकुशी कर ली थी जबकि एक अन्य नाबालिग था जो तीन साल तक सुधार गृह में रहने के बाद रिहा कर दिया गया था। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने डेथ वारंट जारी होने पर कहा कि लोगों की इस मामले में न्याय के लिए किया जा रहा इंतजार आज समाप्त हो गया। डेथ वारंट जारी होने से पहले अक्षय ने न्यायाधीश से बात करने की अनुमति मांगी। अक्षय के न्यायाधीश से बात की अनुमति का अनुरोध करने के बाद अदालत कक्ष में मौजूद मीडिया को कमरे से बाहर जाने को कहा गया। अक्षय ने न्यायाधीश अरोड़ा के समक्ष अपनी बात रखी और आग्रह किया कि उसने कभी कानूनी प्रक्रिया में देर करने का प्रयास नहीं किया और सिर्फ कानूनी ढंग से अपना बचाव किया है। फैसले से पहले दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के बीच तीखी नोंक-झोंक हुई। निर्भया की मां के अधिवक्ता ने अदालत में कहा कि दोषी समय हासिल करना चाहते हैं। अभियोजन पक्ष के वकील की इस दलील पर बचाव पक्ष के अधिवक्ता ए. पी. सिंह ने कहा कि उनके मुवक्किल क्यूरेटिव याचिका दाखिल करना चाहते हैं। सिंह ने कहा कि वह उच्चतम न्यायालय में एक अथवा दो दिन में क्यूरेटिव याचिका दाखिल करेंगे। क्यूरेटिव याचिका पर उच्चतम न्यायालय के पांच वरिष्ठ न्यायाधीश सुनवाई करेंगे। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल ने डेथ वारंट जारी किए जाने का स्वागत करते हुए कहा कि यह देश में रहने वाली सभी ‘निर्भया’ की जीत है। उधर तिहाड़ जेल के सूत्रों ने बताया कि निर्भया मामले में डेथ वारंट जारी होने के बाद जेल अधिकारी उत्तर प्रदेश सरकार से इन दोषियों को फांसी पर लटकाने के लिए जल्लाद की सेवाएं उपलब्ध कराने का आग्रह कर उन्हें फांसी की तिथि और समय के बारे जानकारी देंगे।
अब सज़ा से बचने के लिए ये हैं विकल्प
नई दिल्ली, 7 जनवरी (इंट) : साल 2012 के निर्भया गैंगरेप के दोषियों का पटियाला हाउस कोर्ट ने मंगलवार को डेथ वॉरंट जारी कर दिया। लेकिन डेथ वॉरंट जारी होने के बाद भी कई तरह की कानूनी पेचिदगियां हैं, जिनका सहारा लेकर निर्भया के दोषी फांसी की तारीख आगे बढ़वा सकते हैं। दोषियों के वकील ए.पी. सिंह ने कहा है कि वे सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल करेंगे।
इसका मतलब यह है कि अगर सुप्रीम कोर्ट इस क्यूरेटिव पिटीशन पर सुनवाई करता है और 14 दिनों के भीतर इस पर फैसला नहीं आता तो भी फांसी की तारीख आगे बढ़ सकती है। दूसरा विकल्प यह है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास भी इन दोषियों की दया याचिका लंबित है। अगर राष्ट्रपति इन दोषियों की दया याचिका पर 14 दिनों में फैसला नहीं लेते तो भी फांसी की तारीख आगे खिसक सकती है। लेकिन राष्ट्रपति भी फैसला लेने के लिए कानून मंत्रालय और गृह मंत्रालय की सिफारिशों को देखते हैं, जो इन दोषियों के खिलाफ हैं। ऐसे में राष्ट्रपति की ओर से भी दया की कोई उम्मीद दिखाई नहीं देती। इसके अलावा चारों दोषी डेथ वॉरंट को भी चुनौती दे सकते हैं। हालांकि इसकी गुंजाइश काफी कम है क्योंकि इसे चुनौती देने के लिए काफी मज़बूत आधार होना चाहिए। अब देखना यह है कि इन चारों दोषियों के वकील आगे क्या कदम उठाते हैं।
हमारा संघर्ष खत्म, लड़ाई जारी रहेगी : निर्भया के माता-पिता
नई दिल्ली, 7 जनवरी (इंट) : निर्भया मामले में कोर्ट के फैसले के बाद निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि उनकी बेटी के दोषियों को फांसी दिए जाने से कानून में महिलाओं का विश्वास बहाल होगा। निर्भया की मां ने कहा कि फांसी की तारीख तय हो गई है। बहुत तसल्ली मिली। क्योंकि इस फैसले का केवल निर्भया के माता-पिता को ही नहीं। बल्कि पूरे देश को इंतजार था। दोषियों को जल्द ही फांसी होगी। निर्भया को इंसाफ मिलेगा। इस फैसले से पूरे देश में बहुत बड़ा संदेश जाएगा। उन्होंने कहा कि सात साल तक हमने संघर्ष किया, हमारे साथ लोगों ने संघर्ष किया। अब हमें उम्मीद है कि हमारे संघर्ष का मकसद पूरा होगा। हालांकि अन्य बच्चियों के लिए हमारी लड़ाई जारी रहेगी। निर्भया की मां ने कहा कि उनकी बेटी की आत्मा को सुकून मिलेगा। मुझे भी सुकून मिला। न्याय तो है देर से ही सही। हालांकि न्याय में इतनी देरी नहीं होनी चाहिए। समाज में गलत संदेश जाता है, अपराधियों में डर और खौफ खत्म हो जाता है। मैं यही चाहती हूं कि ऐसे जो भी केस हों उसमें जल्दी से ट्रायल हो जाए और जल्दी फैसला आ जाए। समय सीमा के तहत फैसला आ जाए। निर्भया के पिता ने कहा कि मैं कोर्ट के फैसले से खुश हूं। दोषियों को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी दी जाएगी। इस फैसले से ऐसे अपराध को अंजाम देने वालों अपराधियों के मन में डर पैदा होगा।