आज के दौर में विश्वसनीयता कायम रखना मीडिया के सामने बड़ी चुनौती

जालन्धर, 16 जनवरी (रणजीत सिंह सोढी): आज जब अधिकतर मीडिया अदारों द्वारा लोक मसलों की जगह व्याप्क हितों को पहल दी जाने लगी है और इस क्षेत्र में भी बड़े औद्योगिक घरानों की घुसपैठ होने लगी है ताकि ऐसे में मीडिया को अपनी विश्वसनीयता कायम रखना सबसे बड़ी चुनौती है। यह विचार आज यहां सी.टी. इंस्टीच्यूट शाहपुर में ग्लोबल मीडिया अकैडमी द्वारा करवाई गई 5वीं 2 दिवसीय विश्व पंजाबी मीडिया कान्फ्रैंस के पहले दिन उभर कर सामने आए। अकादमी के चेयरमैन प्रो. कुलबीर सिंह द्वारा सी.टी. इंस्टीच्यूट और पंजाब जागृति मंच के सहयोग से करवाई जा रही इस कान्फ्रैंस के पहले सैशन में प्रसिद्ध अर्थ शास्त्री और सैंट्रल यूनिवर्सिटी के चांसलर डा.सरदारा सिंह जौहल, प्रसिद्ध मीडिया शख्सियत आशुतोष, प्रसिद्ध पत्रकार सतनाम सिंह माणक, डा. लखविंदर सिंह जौहल, ओम गौरी दत्त शर्मा, दीपक बाली, के.पी. सिंह (जस्स पंजाबी),  डा. शाम दीप्ति और डा. आशा सिंह घुम्मण सहित मीडिया जगत से संबंधित अन्य प्रमुख गणमान्यों ने अपने विचार रखे। मंच का संचालन डा. सिमरन सिद्धू द्वारा किया गया। इस अवसर पर सी.टी. ग्रुप के चेयरमैन चरनजीत सिंह चन्नी, मैनेजिंग डायरैक्टर मनबीर सिंह, सिमरजोत सिमर व अन्य प्रमुख गणमान्य भी उपस्थित थे। इस अवसर पर ‘आज की स्थिति में मीडिया की भूमिका’ विषय पर बोलते हुए डा. सरदारा सिंह जौहल ने देश की मौजूदा आर्थिक व सामाजिक स्थिति पर गहरी चिंता प्रकट की और कहा कि आज देश के सामने गम्भीर चुनौतियां हैं, जिनके हल के लिए मीडिया को अपना सही रोल निभाना चाहिए। प्रसिद्ध पत्रकार आषुतोष ने कहा कि मीडिया पर स्थापति का डर भारी होता जा रहा है और लोकतंत्र का चौथी स्तम्भ आज स्वयं खतरे में है। मीडिया के एक बड़े हिस्से द्वारा अपने हितों के लिए भी सच को छुपाने की कोशिश की जा रही है। जिससे लोगों तक सही जानकारी नहीं पहुंच रही और उनको सही व गलत की पहचान करने में काफी दिक्कतें आ रही हैं। प्रसिद्ध पत्रकार सतनाम सिंह माणक ने कहा कि आज जब देश के सामने आर्थिक, सामाजिक व पर्यावरण संबंधी गम्भीर चुनौतियां हैं तो ऐसे  में मीडिया को सामाजिक सरोकारों के साथ जुड़ कर काम करना चाहिए और मीडिया को लोगों की आवाज़ बन कर लोक मसलों के हल के लिए यत्न किए जाने चाहिएं। बाद दोपहर हुए दूसरे सत्र में विदेशों में पंजाबी भाईचारा स्थिति पर संभावनाएं विषय पर हुई विचार चर्चा में हिस्सा लेते हुए गुरप्रीत सिंह गिल, पलविंदर सिंह, डा. गुरविंदर सिंह धालीवाल, सरवन सिं, सुखी बाठ, सिमरजोत सिमर, मंधेर मन्नू व सरदल सिंह आदि ने कहा कि प्रदेश में रह कर भी पंजाबी भाईचारा अपनी मिट्टी के साथ पूरी तरह जुड़ा हुआ है परन्तु पिछले समय दौरान जिस तरह के हालात बने हैं, उनको लेकर प्रवासी पंजाबी काफी चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेशों में रह रहे पंजाबियों ने अपनी बोली और संस्कृति को काफी हद तक संभाल कर रखा है और इसको अगली पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए प्रयास करने की ज़रूरत है।