देश की आज़ादी में नामधारी सम्प्रदाय का विशेष योगदान : सिद्धू

मालेरकोटला, 17 जनवरी (शौकत अली) : पंजाब सरकार द्वारा नामधारी शहीदी स्मार्क में आयोजित राज्य स्तरीय शहीदी समारोह मौके 66 नामधारी सिख शहीदों को श्रद्धा के फूल भेंट करते हुए पंजाब के कैबिनेट मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि 17-18 जनवरी 1872 को मलेरकोटला में नामधारी सिखों को तोपों सामने खड़ा कर शहीद कर दिया गया था और इन शहीदों की महान कुर्बानी को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। नामधारी संगतों को संबोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने देश की आजादी लहर में नामधारी संप्रदाय की ओर से डाले योगदान प्रति श्रद्धा का प्रगटावा करते हुए कहा कि न-सहयोग लहर के प्रमुख सत्गुरू राम सिंह जी की ओर से कूका आंदोलन के तहत जहां विभिन्न सामाजिक बुराईयों के खात्मे में योगदान डाला गया वहीं समाज में लड़कियों को बराबरी के अधिकार दिलाने के लिए भी लगातार सक्रिय रहे। उन्होंने कहा कि सत्गुरु राम सिंह जी जंग-ए-आजादी के मुखी और महान क्त्रांतिकारी थे जिन्होंने सामाजिक कुरीतियों खिलाफ जोरदार मुहिम चलाई। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री श्री सिद्धू ने नामधारी सत्गुरु उदय सिंह की हाजिरी में एकत्रित हुई बड़ी संख्या संगतों को संबोधित करते हुए ऐलान किया कि पंजाब सरकार की ओर से नामधारी शहीदी स्मारक के लिए 10 लाख रुपए की अनुदान जारी की जाएगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की योग्य नेतृत्व में पंजाब सरकार की ओर से श्री भैनी साहिब में सेहत सेवाओं को ओर बेहतर बनाने के लिए अस्पताल को अपग्रेड किया जाएगा और जरूरत मुताबिक डाक्टरों की नियुक्ति की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से श्री भैनी साहिब में राष्ट्रीय हाकी के एस्ट्रोटर्फ का भी निर्माण किया जाएगा जिससे बच्चों व नौजवानों को इस खेल के साथ जोड़ा जा सके। इस मौके पर विशेष तौर पर शामिल हुए सुलतानपुर लोधी के विधायक श्री नवतेज सिंह चीमा ने नामधारी शहीदों को श्रद्धा के फूल अर्पित करते हुए कहा कि यह शहादत दुनिया की एक अनोखी घटना है है और जो सूरवीरों ने देश के लिए अपनी जान निछावर कर दी है। समागम दौरान नामधारी दरबार के प्रधान नामधारी हरिन्दर सिंह हंसपाल, विश्व नामधारी संगत के प्रधान सुरिन्दर सिंह नामधारी, पूर्व मंत्री हीरा सिंह गाबड़िया, अतिरिक्त उपायुक्त राजेश त्रिपाठी, एस.एस.पी डा.संदीप गर्ग, एस.डी.एम विकरमजीत सिंह पांथे के अलावा बड़ी संख्या में नामधारी संप्रदाय के नेता और संगत भी उपस्थित थी।