जब तक मेरी सरकार है किसानों को मुफ्त बिजली मिलती रहेगी : कैप्टन

चंडीगढ़, 30 मई (अ.स.): पंजाब के किसानों को मुहैया करवाई जा रही मुफ्त बिजली की सुविधा वापस लेने के आरोपों को शुरू से ही रद्द करते पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने आज कहा कि उनकी सरकार केन्द्र द्वारा पेश किए वित्तीय घाटे की वृद्धि के हिस्से को छोड़ने के लिए तैयार है परन्तु किसी भी कीमत पर किसानों के हितों से समझौता नहीं करेगी। केन्द्र द्वारा मुफ्त बिजली के बदल के रूप में किसानों को डी.बी.टी. द्वारा लाभ देने के सुझाव को सिरे से खारिज करते मुख्यमंत्री ने कहा कि इसको वह बिल्कुल भी नहीं सहेंगे तथा यह सीधे तौर पर देश के संघीय ढांचे पर हमला है। उन्होंने कहा कि वह यह मामला केन्द्र के पास उठाएंगे कि कोविड महामारी के चलते वित्तीय सहायता बढ़ाने की आड़ में वित्तीय घाटा झेल रहे राज्य में किसान विरोधी शर्त लागू नहीं कर सकते। कैप्टन ने किसानों को विश्वास दिलाते कहा कि जब तक उनकी सरकार सत्ता में है, किसानों को मुफ्त बिजली की सुविधा मिलती रहेगी।  कैप्टन ने अकाली दल के प्रधान स. सुखबीर बादल पर बरसते कहा कि वह केन्द्र सरकार के दुष्कर्मों का आरोप राज्य सरकार पर न मड़ें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मार्च 2017 में सत्ता में आने के बाद किसानों को निर्विघ्न मुफ्त बिजली की सुविधा दे रही है, चाहे अकाली-भाजपा के 10 वर्ष के कुशासन के चलते राज्य बुरी तरह वित्तीय संकट में घिरा हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा राज्यों को मुफ्त बिजली की वापस लेने के लिए निर्देश दिए जारहे हैं जबकि कोविड व लाकडाऊन में राज्य तथा यहां के लोगों को किसी भी तरह की राहत देने में केन्द्र सरकार फेल साबित हुई है। उन्होंने सुखबीर को कहा कि केन्द्र में वह भाईवाल होने के नाते पहले वह अकाली दल का एन.डी.ए. से नाता तोड़ें। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री व अकाली नेता हरसिमरत कौर बादल के केन्द्रीय कैबिनेट में इस्तीफे की भी मांग की। इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को एक ट्वीट द्वारा स्पष्ट कर दिया था, ‘मैं अपने किसानों को विश्वास दिलाता हूं कि पंजाब में कृषि के लिए मुफ्त बिजली की सुविधा वापस लेने की कोई योजना नहीं है।