आओ! एक मज़बूत औरत बनें

इस समाज में औरत का मज़बूत होना बहुत ही ज़रूरी है। एक औरत ही होती है जो सारे घर को जोड़ कर रखती है और सारे घर की जिम्मेदारी एक औरत के सिर पर ही होती है। अगर घर में कभी औरत बीमार पड़ जाए या कुछ दिनों के लिए घर से बाहर चली जाए तो घर घर नहीं लगता। जिन्दगी में अच्छे और बुरे समय में औरत अगर मज़बूत होगी तो उसका घर भी मज़बूत होगा। मज़बूत होने के लिए एक औरत को सबसे पहले अपना ध्यान रखना चाहिए। दिन के काम में थोड़ा समय अपने लिए भी निकालना चाहिए, अपने खाने-पीने का ध्यान भी रखना चाहिए, ज़िन्दगी की हर परस्थिति में औरत को खुद को कमज़ोर नहीं समझना चाहिए । औरत का पहरावा और रहन-सहन अच्छा होना चाहिए। अगर घर में कभी भी लड़ाई का माहौल हो जाए तो शांत मन से सब की बातों को सुनना चाहिए। हर किसी के साथ प्यार से पेश आना चाहिए। खुद को सहनशील बनाना ही औरत का कर्त्तव्य है।
दूसरों की सहायता के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। अगर हम किसी की पैसों के साथ सहायता नहीं कर सकते तो हमें दूसरे के लिए हमदर्दी के व्यवहार के साथ मदद करनी चाहिए। हर व्यक्ति की बातों को ध्यान से सुनना चाहिए चाहे वह छोटा बच्चा हो तो भी उसकी अच्छी बातों की प्रशंसा करनी चाहिए। एक गृहणी का कर्त्तव्य है कि वह अपने घर के माहौल को सुखमय और शांत रखे ताकि उसके बच्चे भी उस माहौल में अच्छी बातें ग्रहण कर सकें। कभी भी अपने बच्चों की दूसरों के साथ तुलना नहीं करनी चाहिए। 
रिश्तेदारी को निभाना एक औरत जन्म सिद्ध अधिकार है। कभी दूसरों से अधिक उम्मीद नहीं रखनी चाहिए। कोई भी हमारे काम की प्रशंसा करे या न करे इस उम्मीद में नहीं बैठना चाहिए। हमेशा अपने आत्म विश्वास के बनाए रखना चाहिए और निडर होकर घर की जिम्मेदारी को सब के साथ मिलकर निभाना चाहिए। एक औरत का आत्मविश्वासी होना बहुत ज़रूरी ही क्योंकि बच्चे का पहला विद्यालय उसकी मां ही होती है। मां आत्मविश्वास के भरपूर होगी तो बच्चा भी उसी के गुणों को लेता है अर्थात उसका स्वभाव भी वैसा बनता है। हमेशा फुर्तीले रहना चाहिए। खाली बैठने से ज्यादा ज़रूरी है कि कुछ न कुछ करते रहना चाहिए और हमेशा नया सीखने की चाहत रखनी चाहिए। कभी भी अपनी कमज़ोरियां किसी को नहीं बतानी चाहिए और अपने आप को मज़बूत रखना चाहिए।