डोपिंग का डंक  शर्मसार हो रहा खेल जगत

खेल जगत में जहां बहुत से लोगों को सफल होने के अवसर मिलते हैं, वहीं साथ ही खेल जगत एक ऐसा स्रोत है , जिसके द्वारा देश का नाम पूरे विश्व में चमकता है। वक्त के साथ-साथ खेल की दुनिया में डोपिंग के कलंकित भरे किस्से सामने आते रहे हैं जैसे 1988 सियोल ओलम्पिक खेलों में 100 मीटर की दौड़ में 9.79 सैकिंड का आश्चर्यजनक समय निकालते हुए स्वर्ण पदक जीतने वाले कनाडा के धावक बेनती जानसन के डोपिंग में पकड़े जाने पर बेइज़्जत होकर सियोल छोड़ना पड़ा था। खेल जगत की इस सनसनीखेज़ घटना से एथलैटिक्स की दुनिया में सन्नाटा छा गया था। इसी तरह विश्व तथा ओलम्पिक रिकार्डधारी असाफा पावेल (2005 में 100 मीटर दौड़ 9.74 सैकिंड से) तथा 2008 के बीजिंग ओलम्पिक खेलों में 100 मीटर दौड़ में कांसी एथेंस ओलम्पिक रिले में स्वर्ण पदक जीत कर नया रिकार्ड बनाने वाली जमैका की सीरोन सिप्सन तथा जमैका की ही ओलम्पियन थ्रोअर एलिसन रैडल, जिसने ओलम्पिक खेलों में भाग लिया था, के ड्रग टैस्ट पाज़िटिव पाए गए। इसके अतिरिक्त जमैका में विश्व एथलैटिक्स में दोहरा खिताब जीतने वाले टाइसन गे के डोपिंग टैस्ट में पकड़े जाने से एथलैटिक्स की दुनिया में हड़कंप मच गया था। सियोल ओलम्पिक के बाद चोटी के एथलैटिक्स सितारों के बड़े स्तर पर ड्रग सेवन के अहम खुलासे से एथलैटिक्स की दुनिया एक बार फिर शर्मसार हुई। 100 मीटर रोमांचिक दौड़ के ऐतिहासिक आंकड़ों में अब तक 9 एथलीट 9.80 सैकिंड से कम समय निकाल चुके हैं परन्तु उनमें से 6 एथलीट डोप टैस्ट में पकड़े जा चुके हैं। 9.79 सैकिंड का विश्व रिकार्ड बनाने वाला बेनती जानसन, सबसे पहला एथलीट था, जो इस आरोप में पकड़ा गया था।
 इसके बाद 2004 ओलम्पिक खेलों के चैम्पियन जस्टिन गैटलन, जिसने 9.79 सैकिंड में फर्राटा दौड़ पूरी की थी, डोप टैस्ट में सकारात्मक नतीजा पाया गया, जिस पर 2001 में दो वर्ष तथा 2006 में चार वर्ष की पाबंदी लगाई गई थी। टिम मोंटगुमरी, जिसने 9.78 सैकिंड में 2002 में विश्व रिकार्ड से खिताब जीता था, के डोपिंग में पकड़े जाने पर उसका रिकार्ड उसके नाम से मिटा दिया गया था। इसके अतिरिक्त बार्सिलोना ओलम्पिक चैम्पियन लिनफोर्ड क्रैस्टी के आरोप सिद्ध होने पर उसे भी कुछ समय के लिए दौड़ में भाग लेने के मुअत्तल कर दिया गया था। सन् 2007 में विश्व की चहेती रही तथा एथलैटिक्स की दुनिया में सुर्खियों में रहने वाली मेरियन जोन्स को उस समय शर्मसार होना पड़ा, जब सन् 2000 में उसके द्वारा जीते पांच खिताबों को उसके नाम से उस समय हटा दिया गया, जब उसने स्वयं स्वीकार किया कि मैंने शक्तिवर्द्धक स्टेराइड का सेवन किया है।

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