बच्चों को दें पौष्टिक भोजन

यह तो सभी जानते हैं कि जीवित रहने के लिये भोजन आवश्यक है। भोजन से शक्ति प्राप्त होती है व शरीर अपना कार्य करता है, परन्तु स्वस्थ रहने के लिये हमें किस तरह का भोजन लेना चाहिए, भोजन में क्या-क्या आवश्यक तत्व हों, इसका ज्ञान भी जरूरी है। बच्चों के आहार के बारे में विशेष ध्यान देना आवश्यक है ताकि उन्हें कुपोषण बीमारियों से बचाया जा सके। बच्चों के लिए पौष्टिक भोजन की आवश्यकता अन्य व्यक्तियों से अधिक होती है क्योंकि उनका शारीरिक तथा मानसिक विकास बहुत तेजी से होता है।
 कुपोषण से बचने के लिये हम निम्न उपाय कर सकते हैं जो उसके भोजन पर आधारित है।
४मां के दूध के अलावा कोई भी वस्तु जैसे-शहद, ग्लूकोज, घुट्टी आदि न दें।
४ यदि बच्चा 24 घंटे में कम से कम 6 बार पेशाब करता है तो दूध को पर्याप्त समझना चाहिए।
४ बच्चे को स्तनपान ही करावें। चुसनी या बोतल का दूध कभी न दें।
उपरोक्त छोटी-छोटी बातों को यदि ध्यान में रखा जाए तो बच्चा प्रारंभ से ही बलशाली रहेगा तथा कुपोषण से मुक्त रहेगा। इसके साथ-साथ बच्चा 5 माह का होने पर मां के दूध के साथ-साथ अन्य तरल पदार्थ जैसे उबला पानी, फलों का रस, सब्जियों का रस आदि देना चाहिए। जब बच्चा तरल पदार्थ ग्रहण करने लगे तब अन्य भोजन जैसे मसला हुआ केला, दाल-चावल, उबला आलू, खीर, आदि देना आवश्यक है। इसके साथ स्थानीय या पास के अनुभवशील चिकित्सक की सलाह भी लेना आवश्यक है। कुपोषण की पहचान के लिए निम्नलिखित लक्षण भी बच्चे में देखे जा सकते हैंर्-
४ खेलते-खेलते उसकी सांस जल्दी फूल सकती है।
४वह सुस्त रहता है। त्वचा भी सिकुड़ी रहती हैं
४ बच्चा कमजोर रहता है या हड्डियों का ढांचा नजर आता है।  (उर्वशी)