इस मौसम में दूसरों को गिफ्ट करें पौधे

पौधो का गिफ्ट यूं तो अब अजूबा नहीं रहा। लेकिन अभी भी यह ट्रेंड नहीं बना है। जबकि हर गुजरते दिन के साथ हम देख और जान रहे हैं कि किस तरह ग्लोबल वार्मिंग के चलते हरियाली का महत्व बढ़ गया है। ऐसा नहीं है कि हरियाली के इस महत्व को बताने और समझाने के लिए बहुत सारे माध्यम काम न कर रहे हों। लेकिन ये औपचारिक से उपदेश ज्यादा कुछ असर नहीं डाल रहे, खासकर आम लोगों में। इसकी वजह शायद यह है कि पर्यावरण को बेहतर बनाने, ग्रीनरी को बढ़ाने की गतिविधियों को हमने अपने रोजमर्रा के जीवन से नहीं जोड़ा।
ऐसे में अगर हम समाज में पौधों को गिफ्ट के रूप में लेने देने के चलन को दिल से बढ़ाते हैं, इसको महत्व देते हैं तो निश्चित रूप से फर्क पड़ेगा। वैसे भी जब किसी काम में महिलाएं शामिल हो जाती हैं तो उसके पूरा होने की उम्मीद ज्यादा बढ़ जाती है। इसलिए अगर महिलाएं आपस में पौधों को गिफ्ट के रूप में लेन-देन का सिलसिला शुरु करती हैं तो निश्चित रूप से इससे ग्रीनरी ही बढ़ेगी, ग्लोबल वार्मिंग घटेगी और सबसे बड़ी बात यह हमे बहुत अच्छा भी लगेगा। वैसे तो किसी भी महीने में गिफ्ट के रूप में पौधों को लिया दिया जा सकता है। लेकिन मानसून के दिन इसके लिए सबसे ज्यादा उपयुक्त हैं। इसकी कई वजहें हैं, इन दिनों पौधे बहुत स्वस्थ, बहुत सुंदर होते हैं। उनका रूप रंग निखरा सा होता है, इन दिनों प्रकृति में हर तरफ  ग्रीनरी ही ग्रीनरी होती है, इसलिए मानसून के दिनों में पौधे बाकी महीनों से सस्ते भी मिलते हैं और सबसे बड़ा जो फायदा इन दिनों पौधों को गिफ्ट के रूप में लेने और देने का होता है, वह यह है कि इन दिनों करीब करीब हर पौधा लग जाता है। चाहे हम उसे जमीन में लगाएं या किसी गमले में। इस मौसम में प्रकृति बहुत उर्वर और जीवन से भरी होती है। इसलिए हर पौधे को जीवनदान मिलता है, उनकी सेहत अच्छी रहती है।  दो से लेकर पांच पौधों का ही ज्यादातर समय में गिफ्ट दिया और लिया जाता है। लेकिन अगर आप किसी स्कूल, संस्था या ऐसे ही किसी सामाजिक संगठन को पौधे दान करना चाहते हैं तो उन्हें 21 से लेकर 251 तक भी दिये जा सकते हैं। पौधों के इस तरह के लेन देन से कई लोगों को रोजीरोटी भी मिलेगी जो एक अतिरिक्त लाभ है। दान या गिफ्ट में दिये गये पौधों का न सिर्फ  दशकों तक मान और महत्व रहता है बल्कि ये पौधे बड़े होकर हमारेभविष्य को भी बेहतर बनाते हैं। इसलिए पौधों का गिफ्ट हर गुजरते दिन के साथ पहले से कहीं ज्यादा मजबूत हो जाता है।
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर