भारतीय महिला हाकी टीम की जांबाज़ खिलाड़ी रानी रामपाल

कुरुक्षेत्र ज़िले के कस्बा शाहबाद मारकंडा में आर्थिक पक्ष के कमज़ोर एक परिवार में 4 दिसम्बर, 1994 को पिता रामपाल और माता राम मूर्ति के घर जन्मी रानी ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि किसी समय भारतीय महिला हाकी टीम की कमान उसके हाथ में होगी। पिता द्वारा मिले हौसले और प्यार से ही रानी ने अपने नाम के साथ अपने पिता का नाम भी सदा के लिए जोड़ लिया। रानी बताती हैं कि उसके घर के हालात ऐसे थे कि यदि बारिश आ जाती तो उनका घर पानी से भर जाता था और वे हमेशा बारिश रुकने के लिए प्रार्थना करने लगते। ऐसे हालात से जूझते हुए हाकी के खर्चे को उठाना रानी के परिवार के लिए आसान नहीं था। द्रोणाचार्य अवार्डी कोच बलदेव सिंह ने रानी रामपाल का पूरा खर्च उठाने के साथ-साथ उसे अपने पारिवारिक सदस्य की तरह अपने घर में रख कर उसकी खुराक का विशेष ध्यान रखा। उसने पहले ग्वालियर में जूनियर नैशनल और चंडीगढ़ स्कूल नैशनल खेलों में भाग लिया। बाद में उसे राष्ट्रीय टीम के लिए चुना गया। केवल 14 वर्ष की आयु में ही उसका चयन सीनियर टीम के लिए हो गया। उस समय वह महिला हाकी टीम की सबसे कम आयु की खिलाड़ी थी। जब भारतीय महिला हाकी टीम ने 36 वर्ष बाद 2016 में रियो ओलम्पिक के लिए क्वालीफाई किया तो वह भारतीय हाकी टीम का हिस्सा बनी। 
राना रामपाल ने जून 2009 में रूस में चैम्पियन चैलेंज टूर्नामैंट में खेलते हुए फाइनल में 4 गोल करके भारत को जीत दिलाई। उसे शीर्ष गोल स्कोरर और यंग प्लेयर आफ द टूर्नामैंट चुना गया। रानी ने नवम्बर 2009 में करवाये गये एशिया कप में भारतीय टीम के लिए रजत पदक जीतने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई खेलों में भारत की राष्ट्रीय टीम के लिए खेलने का बाद रानी रामपाल को 2010 एशियाई हाकी महासंघ की आल स्टार टीम में भी शामिल किया गया। 2010 में अर्जेंटीना में करवाये गये महिला हाकी विश्व कप में उसने कुल सात गोल किये जिसकी बदौलत भारत को महिला हाकी रैंकिंग में नौंवा स्थान प्राप्त हुआ। 2013 के जूनियर विश्व कप में उसके नेतृत्व में ही भारत ने कांस्य पदक जीता और उसे टूर्नामैंट की श्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया। वर्ष 2017 में जापान में एशिया कप जीता और रानी रामपाल की कप्तानी में ही भारतीय हाकी टीम ने 2018 में एशियन खेलों में रजत पदक जीता। अब टोक्यो ओलम्पिक में भी भारतीय महिला हाकी टीम ने उसके नेतृत्व में अच्छा प्रदर्शन करते हुए विश्व स्तर पर अपनी पहचान बनाई। वर्ष 2016 में उसे अर्जुन पुरस्कार से और 2020 में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। आज भारतीय हाकी टीम की कप्तान रानी रामपाल उन लड़कियों के लिए प्रेरणा स्रोत है, जो मुश्किलों से जूझने के बाद हार मान लेती हैं। भविष्य में भी भारतीय महिला हाकी टीम को उससे बड़ी उम्मीदें हैं।

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