हरियाणा विधानसभा में छाया रहा भर्ती परीक्षाओं में भ्रष्टाचार का मामला

हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र में हरियाणा लोक सेवा आयोग व हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की भर्तियों में भ्रष्टाचार का मामला निरन्तर छाया रहा। विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले ही यह आसार बन गए थे कि विधानसभा के शीतकालीन सत्र में यह मामला सुर्खिंयों में रहेगा। विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले ही कांग्रेस विधायिका श्रीमती किरण चौधरी ने लगभग एक दर्जन विधायकों सहित इस बारे एक प्रस्ताव दे दिया। इसके अलावा कांग्रेस विधायक भारत भूषण बत्तरा, श्रीमती गीता भुक्कल व आफताब अहमद सहित कांग्रेस के एक दर्जन विधायकों ने विधानसभा सचिवालय को काम रोको प्रस्ताव देकर भर्तियों में भ्रष्टाचार के मामले पर चर्चा करवाए जाने की मांग की। कांग्रेस विधायकों के अलावा इनैलो विधायक अभय सिंह चौटाला ने अपना अलग से प्रस्ताव दिया और मेहम के निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने अपना अलग से काम रोको प्रस्ताव इसी मुद्दे पर दे दिया। लगभग दो दर्जन से ज्यादा विधायकों द्वारा दिए गए काम रोको प्रस्ताव को स्पीकर ने स्वीकार करते हुए विधानसभा सत्र के दूसरे दिन यानि सोमवार को इसे चर्चा के लिए सदन में रखा। इस मुद्दे पर विपक्षी विधायकाें ने सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ा।
 विपक्षी विधायकों का कहना था कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग और हरियाणा लोक सेवा आयोग में व्यापक भ्रष्टाचार है। हरियाणा की नौकरियों में पैसे का लेन-देन होने से आयोग की कार्यप्रणाली पर बहुत बड़ा प्रश्न चिन्ह लग चुका है। पेपर लीक से ओएमआर शीट का बदला जाना, आयोग के कर्मचारी का संलिप्त होना, करोड़ों रुपये में सरकारी नौकरी का बिकना, सभी पारदर्शिता का ध्वस्त होना, ओएमआर शीट खाली छोड़ना, एक करोड़ रुपए की अटैची का एक संवैधानिक कार्यालय में पकड़े जाना जैसे मुद्दे उठाते हुए सरकार को घेरने की कोई कसर नहीं छोड़ी। विपक्षी विधायकों ने इसे हरियाणा के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ बताते हुए सरकार पर तीखे प्रहार भी किए और कहा कि हरियाणा लोक सेवा आयोग में सचिव पद एक आईएएस अधिकारी के होते हुए एक एचसीएस अधिकारी को सारे नियम ताक पर रखकर उप सचिव तैनात किया गया और उसे सारी कमान दे दी गई। विपक्षी विधायकों ने सरकार से यह भी सवाल किया कि अगर कोई पैसे लेकर डिग्री लेगा या नौकरी लेगा तो क्या वह ईमानदारी से नौकरी कर पाएगा। विपक्षी विधायकों ने सरकार से इस पूरे मामले की न्यायिक जांच करवाने की मांग की।
मुख्यमंत्री ने किया बचाव
सरकार की ओर से मुख्यमंत्री ने विधानसभा में यह स्वीकार किया कि हरियाणा विजीलैंस ब्यूरो ने 17 नवम्बर को एक केस दर्ज किया था, जिसमें हरियाणा लोक सेवा आयोग के उपसचिव अनिल नागर सहित 3 लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया गया है और उनसे साढ़े 3 करोड़ रुपये नगद राशि बरामद की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नौकरियों में भ्रष्टाचार करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री ने विपक्ष को यह भी चुनौती दी कि अगर विपक्ष को गड़बड़ी करने वालों की कोई जानकारी है तो वे उस जानकारी को सरकार व सतर्कता ब्यूरो को दे, उन सभी पर तुरन्त कार्रवाई की जाएगी। विपक्ष की ओर से लाए गए इस स्थगन प्रस्ताव पर लगातार 3 घंटे से ज्यादा विधानसभा में चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उनकी सरकार में अब तक बिना पर्ची-खर्ची 84 हजार नौकरियां दी हैं। 
विपक्ष पर जवाबी हमला
मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर जवाबी हमला करते हुए 2005 से 2014 तक सत्ता में रही हुड्डा सरकार के समय एचसीएस जैसी नौकरियों पर चयनित किए गए प्रभावशाली लोगों के पारिवारिक सदस्यों को लेकर भी पिछली सरकार पर कटाक्ष किए। उन्होंने विजीलैंस ब्यूरो द्वारा लोक सेवा आयोग के उपसचिव व अन्य आरोपियों के बारे भी विस्तार से ब्यौरा दिया और कहा कि भ्रष्टाचार के आरोप सामने आते ही सरकार ने एचसीएस अधिकारी अनिल नागर को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपी जेल में हैं और उपसचिव का यह पद भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कार्यकाल में सृजित किया गया था। उन्होंने कहा कि भर्तियों का गोपनीय कार्य सचिव को इसलिए नहीं सौंपा गया था क्योंकि उनके परिवार के सदस्य उन भर्तियों के लिए आवेदन करने वालों में शामिल थे। मुख्यमंत्री ने विपक्षी सदस्यों को यह भी आश्वासन दिलाया कि जिन उम्मीदवारों द्वारा ओएमआर शीट खाली छोड़ी गई है उनकी भी व्यापक जांच की जा रही है। कुल मिलाकर सरकार ने मामले में अपनी तरफ से पूरी सफाई तो देने का प्रयास किया लेकिन यह मामला विधानसभा सत्र में पूरी तरह से छाया रहा और सरकार को विपक्ष से तीखी से तीखी बातें भी सुनने को मिलीं। 
गुरनाम सिंह चढूनी की चुनावी गतिविधियां
हरियाणा के किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने संयुक्त संघर्ष पार्टी बनाने का ऐलान करते हुए पंजाब विधानसभा चुनाव में प्रदेश की सभी 117 सीटों पर उम्मीदवार खड़े करने का ऐलान किया है। गुरनाम सिंह चढूनी की पहचान हरियाणा में सबसे ज्यादा सक्रिय किसान नेता की रही है। वह प्रदेश की चुनावी राजनीति में भी निरन्तर दिलचस्पी लेते रहे हैं। किसी समय उन्हें आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के काफी नज़दीक माना जाता था। 
केजरीवाल गुरनाम सिंह चढूनी के पारिवारिक कार्यक्रमों में भी भाग लेने आए थे। 2014 के लोकसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल ने गुरनाम सिंह चढूनी की पत्नी श्रीमती बलविंद्र कौर को कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से आम आदमी पार्टी का उम्मीदवार बनाया था। उस समय भी गुरनाम सिंह चढूनी किसानों के मुद्दों विशेषकर गन्ना किसानों के मुद्दों को लेकर आन्दोलनरत हुआ करते थे। उस समय आम आदमी पार्टी ने प्रदेश की सभी 10 सीटों पर उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे थे लेकिन सभी 10 उम्मीदवारों की ज़मानत जब्त हो गई थी। उस समय गुरनाम सिंह चढूनी की पत्नी बलविंद्र कौर को मात्र 2.17 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे और वे 5वें स्थान पर रही थीं। उसके बाद 2019 के विधानसभा चुनाव में गुरनाम सिंह चढूनी ने कुरुक्षेत्र जिले की लाड़वा सीट से खुद चुनाव लड़ा और उन्हें कुल पड़े वोटों में से 1 प्रतिशत वोट मिले। हरियाणा में लोकसभा व विधानसभा चुनाव लड़ने के बाद कोई सफलता न मिलने पर गुरनाम सिंह चढूनी ने अब किसान आन्दोलन की लोकप्रियता के बाद पंजाब में अपनी पार्टी बनाकर सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारने का ऐलान तो कर दिया है लेकिन पंजाब के ज्यादातर किसान संगठनों की हरियाणा के इस किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी के चुनाव लड़ने के ऐलान से न तो सहमति है और न ही वह उनके साथ खड़े नज़र आते रहे हैं। ऐसे में पूरा जीवन हरियाणा में किसान हितों के लिए संघर्ष करने वाले और हरियाणा से चुनाव लड़ चुके गुरनाम सिंह चढूनी व उनकी पार्टी पंजाब चुनाव में क्या प्रभाव डाल पाएगी फिल्हाल सभी की नज़रें इस ओर लगी हुई हैं। 
हिसार हवाई अड्डे का नाम बदला जाए
हरियाणा विधानसभा में हिसार के हवाई अड्डे का नाम महाराजा अग्रसैन हवाई अड्डा किए जाने को लेकर एक प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया। उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने मंगलवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के बाद यह प्रस्ताव रखा कि हिसार स्थित हवाई अड्डे का नाम महाराजा अग्रसैन हवाई अड्डा रखने के लिए केंद्र सरकार के नागरिक विमानन मंत्रालय को प्रदेश सरकार की ओर से आग्रह किया जाए। इस प्रस्ताव को सत्तापक्ष के साथ-साथ विपक्षी विधायकों ने भी समर्थन दिया और सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित हो गया। अब इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा ताकि हिसार हवाई अड्डे का नाम महाराजा अग्रसैन हवाई अड्डा रखा जा सके। -मो.-98554-65946