विश्व की विशाल  इमारतें

माना जाता है कि ईसा से हजारों साल पहले बेबीलोन (इराक) के एक राजा ने एक ऐसी ही इमारत का निर्माण प्रारंभ कराया जिसकी मीनार जन्नत (स्वर्ग) तक पहुंच सके। उस समय भी यह मान्यता थी कि ऊपर आसमान में स्वर्ग है। राजा की मुराद पूरी न हो सकी क्योंकि इमारत निर्माण में लगे कारीगर और मजदूर एक-एक कर किसी न किसी कारण से काम छोड़ गये। ईसा के बाद कई ऊंची इमारतें तो बनी मगर वे कोई विशेष उल्लेखनीय हैं जिनमें मिस्र के कुछ पिरामिड, कोलोन (जर्मनी) स्थित कैथेड्रल तथा एस्टोनिया के ताल्लिन स्थित सेंट ओलाव चर्च आदि कुछ ऊंची बिल्डिंगें शामिल हैं।न्यूयार्क (अमेरिका) में 20 वीं सदी में बनी एम्पायर स्टेट बिल्डिंग पहली चर्चित बिल्डिंग बनी जो 1250 फुट ऊंची है और इसमें 102 मंजिलें हैं। 1931 में तैयार यह बिल्डिंग 3400 कारीगर-कर्मचारियों ने बनाई। सन् 1972 तक 41 वर्ष यह भवन सबसे ऊंचे भवन के रूप में जाना जाता रहा लेकिन अमेरिका में ही एम्पायर स्टेट से बड़ा भवन तैयार हो गया ’वल्ड ट्रेड सेंटर‘ जो एक कथित आतंकी हमले में ग्यारह सितंबर 2001 को ध्वस्त हो गया। एक सौ दस मंजिली यह इमारत 1973 में बनकर तैयार हुई। विश्व की मौजूदा सबसे बड़ी बिल्डिंग भी अमेरिका में है। अमेरिकी फिल्मी नगरी शिकागो में एक कंपनी सियर्स रोइबेक एंड कंपनी ने अपना मुख्यालय स्थापित करने के लिए ’सियर्स टावर‘ 1974 में बना डाला। 145० फुट ऊंचे सियर्स टावर में 11० मंजिलें हैं। यहां से,मौसम साफ हो तो इलिनॉयस, इंडियाना, विस्कोंसिन और मिशीगन राज्यों को देखा जा सकता है। ’पेट्रोनॉस टावर‘ अमेरिका की एक और ऊंची इमारत है। इसकी ऊंचाई तो सियर्स टावर से अधिक है अर्थात 1483 फुट है मगर इसमें मंजिलें सिर्फ 88 हैं। इसमें जांिगंग और वाकिंग ट्रैक सहित बच्चों के लिए प्लेग्राउंड, फाउंटेन, वाटर स्पोर्टस इत्यादि भी हैं।इन सबसे ऊंची इमारत ताइवान में ’ताइवे 101‘ बनी है जो 1667 फुट ऊंची है। इसमें मंजिलें सिर्फ 110 ही हैं। सन 2004 में तैयार हुए इस भवन में विभिन्न कंपनियों के कार्यालय, शॉपिंग मॉल्स, रेस्तरां और मनोरंजक केंद्र हैं। जिन माओ भवन शंघाई में 1999 में बना है। इसमें चीन के शुभांक 8 विशेष महत्व देते हुए 88 मंजिलें रखीं हैं। इस बिल्डिग के बारे में कहा गया है कि रिक्टर पैमाने पर 7 का भूकंप और 200 किलोमीटर प्रति घंटे की हवाएं इसका कुछ नहीं बिगाड़ पाएंगी। इसका मैंटनेंस खर्च प्रतिदिन 12100 डालर बताया जाता है। एक और 88 मंजिला’ (टू आई.एफ.सी‘ टू इंटरनेशनल फाइनेंस सेंटर) हांगकांग में 2००3 में बनी। इसमें मुख्यत: प्रसिद्ध फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस के ऑफिस हैं।दुबई में बने बुर्ज खलीफा में 160 मंजिलें हैं ऊंचाई 2717 फुट। दफ्तरों, होटलों व पार्क आदि के अतिरिक्त रिहायशी फ्लैट्स भी है। नींव 50 फुट गहरी है।

  (उर्वशी)