उभरते कबड्डी खिलाड़ियों को भी मिलें ज़रूरी सुविधाएं

पंजाबियों के खून में रची खेल दायरे वाली कबड्डी के भिन्न-भिन्न देशों में होने वाले टूर्नामैंटों पर प्रत्येक वर्ष करोड़ों रुपए खर्च किये जाते हैं। इस दौरान प्रसिद्ध खिलाड़ियों को बड़े ईनाम एवं सम्मान दिये जाते हैं, जो कबड्डी खिलाड़ियों को आर्थिक खुशहाली प्रदान करते हैं। कबड्डी के इस अमीर पहलू का दूसरा निराशाजनक पहलू यह है कि नये उभरते खिलाड़ियों के लिए कबड्डी में नाममात्र ईनाम हैं जिस कारण अधिकतर खिलाड़ियों का खेल सफर प्राथमिक चरण में ही समाप्त हो जाता है।  पंजाब में कबड्डी का सीज़न लगभग अगस्त महीने से आरंभ होकर, अप्रैल के मध्य तक चलता है जिस दौरान जनवरी से मार्च तक बड़े बजट वाले फैडरेशनों के कप होते हैं  जिन का बजट लगभग 15 लाख से लेकर 50-50 लाख तक भी पहुंच जाता है। इस दौरान विजेता तथा उप-विजेता टीमों को लाखों में ईनाम मिलते हैं और शीर्ष खिलाड़ियों को मोटरगाड़ियां, मोटरसाइकिलें, ट्रैक्टर, भैंसें तथा स्वर्ण आभूषणों के रूप में लाखों रुपये ईनाम मिलते हैं। इसी तहत शीर्ष खिलाड़ियों को विदेशी धरती पर खेलने का अवसर मिलता है और उनकी आय लाखों में पहुंच जाती है।  पंजाबी क्षेत्र में अगस्त से भार वर्ग कबड्डी के मुकाबले शुरू होते हैं परन्तु इन में ईनामी राशि बहुत कम होती है और अधिकतर खिलाड़ी तो स्वयं किराया लगा कर ही खेलने जाते हैं। प्रत्येक वर्ष अनेक नये खिलाड़ी कबड्डी मैदानों में पांव रखते हैं परन्तु उनमें से 30 प्रतिशत तो सही कीमत न पड़ने के कारण या घरेलू मजबूरियों के कारण खेलना छोड़ जाते हैं। उक्त बातों से पता लगता है कि कबड्डी के बड़े कैम्पों के दौरान खर्च की जाती लाखों रुपये की ईनामी राशि का कुछ हिस्सा भार वर्ग मुकाबलों के लिए भी रखा जाए ताकि कबड्डी की नई पौध को भी उत्साह मिलता रहे। दूसरी बात भार वर्ग कबड्डी के टूर्नामैंट प्रबंधक, टीमों को सीमित संख्या में बुलाएं और उनको बनता किराया तथा कुछ न कुछ ईनाम भी अवश्य दें। पंजाब के कुछ संगठनों ने अंडर-21 टीमें बना कर इस तरफ कदम उठाया है परन्तु ईनामों के मामले में अभी अंडर-21 वाले खिलाड़ियों के लिए कंजूसी भी बरती जा रही है। आवश्यकता है जिस तरह बड़े तथा प्रसिद्ध खिलाड़ियों को बड़े ईनाम-सम्मान मिलते हैं, उसी तरह नये उभरते खिलाड़ियों के लिए भी ईनामों-सम्मानों में वृद्धि की जाए जिससे कबड्डी का दायरा और विशाल होगा और नयी पीढ़ी का कबड्डी के प्रति रुझान भी बढ़ेगा।