परिवार को खुश कैसे रखें

दादा-दादी, माता-पिता, लड़का-लड़की व भाई-बहन को मिलकर एक परिवार बनता है। परिवार का दूसरा नाम है ताकत। समझ लें कि अंगुलियां और हाथ मिलकर एक परिवार है जिसमें शक्ति होती है। परिवार के बिना हमारा जीवन बिल्कुल अधूरा है। परिवार हमारे जीवन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हमें परिवार को खुश रखना आना चाहिए। परिवार को खुश रखने में परिवार के सभी सदस्यों की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है।  पति-पत्नी, माता-पिता, दादा-दादी को अपने रिश्ते को पहल देनी चाहिए। इसके विपरीत आज हम अपने बच्चों को प्राथमिकता देते हैं। बच्चों को प्राथमिकता देने से पति-पत्नी के आपसी संबंध खराब हो जाते हैं। प्राचीन काल में पति-पत्नी एक-दूसरे को प्राथमिकता देते थे। घर में लड़ाई-झगड़ा रहने से एक-दूसरे के साथ आक्रोश में बोलने से घर का माहौल खराब हो जाता है। इसका प्रभाव पूरे परिवार पर पड़ता है। वर्तमान  में पति-पत्नी को एक-दूसरे का ध्यान रखना चाहिए। एक-दूसरे के बारे में सोचना चाहिए। एक-दूसरे को समय देना चाहिए। एक-दूसरे की बात को दिलचस्पी और ध्यान से सुनना चाहिए।
बुजुर्ग ज़िन्दगी के जो तुजुर्बे बताते हैं, उनको ध्यान से सुने और उनका लाभ उठाएं। ऐसा करने से रिश्ते मजबूत होते हैं। अगर परिवार के किसी सदस्य को कोई समस्या, कठिनाई आ जाए, जिससे उसे परेशानी हो रही है तो उनकी समस्या को दूर करने का प्रयास करें। उसे चिन्ता मुक्त करें। उसकी आवश्यकतानुसार सहायता करें। परिवार में बड़े दाद-दादी, माता-पिता का सम्मान करें। उनकी बातों को उनके पास बैठकर ध्यान से सुनें। जिससे उन्हें और आपको बहुत खुशी होगी। आपस में लड़ाई-झगड़ा, किसी की निंदा-चुगली, बुराई न करें। सकारात्मक बातें करें। यदि घर या परिवार का कोई सदस्य दूसरे शहर में रहता है तो उसे टैलीफोन, मैसेज व्हाट्सएप करते रहें ताकि पूरे परिवार में प्यार और खुशी बनी रहे। घर में पुराने रीति-रिवाज़ और संस्कृति को महत्त्व देने से आपसी रिश्ते मजबूत रहते हैं। एक इन्सान तब तक सुरक्षित है, जब तक वह परिवार से जुड़ा हुआ है। परिवार एक विशाल ब्रह्मांड है, जिसकी छांव में बैठकर हम आराम करते हैं और चिन्तामुक्त हो जाते हैं।