पंजाब में बढ़ती आपराधिक घटनाएं


कानून-व्यवस्था एवं समाज में शांति बहाल रखने की प्रक्रिया के धरातल पर पंजाब इन दिनों एक बार फिर रसातल के कगार पर जा खड़ा हुआ है। अपहरण, फिरौती मांगने और फिर फिरौती मिल जाने अथवा न मिलने पर निर्दोषों की हत्या कर दिये जाने की घटनाएं प्रदेश में आम हो गई हैं। गैंगस्टरों का पंजाब में जैसे समानांतर सिक्का चलता है। वे बाकायदा धमकी और चेतावनी देकर हत्या करते हैं। सितमज़रीफी की हद यह भी है कि पुलिस को सूचना देने पर गैंगस्टरों द्वारा फिरौती की राशि बढ़ा दी जाती है। इससे पुलिस और प्रशासन की नि:सहायता और जन-साधारण की बेबसी का पता चलता है। लूटमार, स्नेचिंग और खासकर बैंक एवं ए.टी.एम. लूटने की घटनाएं भी आम हो गई हैं। पुलिस के  पास बाकायदा लिखित में शिकायत और रिपोर्ट दर्ज होने के बावजूद सरकार और पुलिस प्रशासन कार्रवाई नहीं करते, या नहीं कर पाते। 
पंजाब में फिरौती की मांग एवं रंगदारी को लेकर की जाने वाली हत्याओं के मामले में प्रदेश के औद्योगिक शहर लुधियाना में घटित हुई दो ताज़ा घटनाओं ने एक बार फिर पूरे पंजाब और पंजाबियों को दहला कर रख दिया है। इन दोनों घटनाओं में एक मुक्तसर के एक युवा छात्र के अपहरण और फिर उसकी हत्या से सम्बद्ध है। विगत 25 नवम्बर को हुए इस अपहरण में 30 लाख रुपये की फिरौती मांगी गई थी। अपहर्ताओं ने अपहरण के तत्काल बाद युवक की हत्या कर दी थी, किन्तु इसके बावजूद वे फिरौती मांगते रहे। दूसरी घटना लुधियाना के एक नाबालिग युवा के अपहरण की है। अभियुक्त एक युवक का अपहरण कर जालन्धर की ओर जा रहे थे, कि फिल्लौर में बच्चे को होश आ गई। स्टेशन पर टी.टी.ई. द्वारा संदेह होने पर उसकी ओर से पूछताछ किये जाने पर अपहरणकर्ता भाग गये, और युवक की जान बच गई। इस सम्पूर्ण परिप्रेक्ष्य में पुलिस की अक्षमता का ही पता चलता है। इन घटनाओं ने पंजाबियों के जले हुए घावों पर नमक छिड़के जाने का काम किया है क्योंकि विगत 6 दिसम्बर को नकोदर के कपड़ा व्यापारी भूपिन्दर सिंह टिम्मी और उसके गनमैन कांस्टेबल मनदीप सिंह की ऐसे ही एक रंगदारी मामले में निर्मम हत्या कर दिये जाने के कारण लोगों की आंखों से बहे आंसुओं की ताब अभी ठंडी भी नहीं हुई थी। स्थितियों की त्रासदी का आलम यह भी है कि ताज़ा एक मामले में गिरफ्तार किये गये अभियुक्तों में से एक महिला भी शामिल है। यह भी, कि अभियुक्तों में से एक फिरौती वाली चिट्ठियां अपनी नाबालिग छात्रा बेटी से लिखवाता रहा।
प्रदेश में विगत 6 मास से भिन्न-भिन्न वर्गों और समुदायों के 58 लोगों को देश-विदेश की धरती पर सक्रिय गैंगस्टरों की ओर से विदेशी टैलीफोनों के माध्यम से फिरौती मांगने की धमकियां  मिल चुकी हैं। इन सभी मामलों की रिपोर्ट बाकायदा पुलिस प्रशासन के रोजनामचे में दर्ज होने के बावजूद इनमें से तीन लोगों की हत्या की जा चुकी है।  इसके पीछे कैसी विकृत मानसिकता और हिंसक मनोभावना अथवा प्रशासनिक विवशता उत्तरदायी है, इसका पता  स्वयं प्रदेश की आम आदमी पार्टी की सरकार ही बता सकती है। अपराधियों के दु:साहस और उनके कानून से बेख़ौफ होने का पता इस एक बात से भी चल जाता है कि हत्यारों के हाथ और उनके हथियार कानून की नाक तले चलने लगे हैं। विगत एक मास में पुलिस सुरक्षा एवं संरक्षण में तीन-तीन लोगों की हत्या प्रदेश की सत्ता व्यवस्था की पोल खोलने के लिए काफी है। कानून के हाथ लम्बे होने का मुहावरा इन दिनों पंजाब में अपना पानी खो चुका प्रतीत होने लगा है। स्थितियों की गम्भीरता का पता इस एक तथ्य से भी चल जाता है कि स्वयं केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी पंजाब की स्थिति को चिन्ताजनक करार दे चुके हैं। विपक्ष भी निरन्तर आक्रामक हो रहा है और प्रदेश के ‘आप’ मुख्यमंत्री से त्याग-पत्र दिये जाने की मांग भी की जाने लगी है, किन्तु पंजाब की सरकार और उसका सम्पूर्ण प्रशासनिक तंत्र जैसे बेफिक्र होकर सो रहे हैं यानि रोम एक बार फिर जल रहा है, और नीरो एक बार फिर चैन की बांसुरी बजा रहा है। हिंसा और अपराध की इन घटनाओं का एक चिन्ताजनक और दुखद पहलू यह भी है कि इनके तार प्रदेश के साम्प्रदायिक सद्भाव को पलीता लगाने की हद तक को छूने लगे हैं। इससे प्रदेश के उद्योग एवं व्यापार को भी आघात पहुंचने की आशंका है। फिरौती के लिए की जाने वाली हत्याओं से प्रदेश के उद्योगपतियों, व्यापारियों एवं छिट-पुट कारोबारियों तक में दहशत का माहौल है। प्रदेश में वैसे तो स्थिति सभी ओर एक समान है, परन्तु लुधियाना, जालन्धर और अमृतसर इस मामले में इन आपराधिक घटनाओं का विशेष केन्द्र बने हुए हैं। लुधियाना इसलिए कि यह प्रदेश का एक बड़ा औद्योगिक हब बन कर उभरा है और विगत कुछ दशकों से प्रदेश की समृद्धि का भागीदार भी बना है। जालन्धर और दोआबा के युवक-युवतियां बड़ी संख्या में विदेश गये हैं, अत: यहां के नव-धनाढ्य बन रहे लोग भी इस आपराधिक मानसिकता वाली हिंसा का शिकार हो रहे हैं। अमृतसर और तरनतारन पाकिस्तान की सीमा से सटे होने के कारण पाकिस्तानी हिंसक साज़िश का शिकार होते रहते हैं। लुधियाना के व्यापारियों एवं उद्योगपतियों को फिरौती की मांग हेतु धमकियां दिये जाने और लूट-पाट की घटनाओं में हाल ही में बड़ा इज़ाफा हुआ है।
हम समझते हैं कि पंजाब की सामूहिक समृद्धि, औद्योगिक विस्तार और सामान्य कारोबार के लिए यह स्थिति कदापि साज़गार नहीं है। रंगदारी मांगे जाने जैसी घटनाएं सिने पर्दे पर देखी/सुनी गई हैं, परन्तु वर्तमान में प्रदेश के सामान्य जन-जीवन में ऐसी घटनाएं आज आम जैसी बात होती जा रही हैं। आपराधिक वृत्ति के लोगों और खास तौर पर गैंगस्टरों ने जैसे इसे एक धंधे के रूप में अपना लिया है, किन्तु यह मानसिकता बेहद ़खतरनाक साबित हो सकती है। इससे प्रदेश की भावी पीढ़ी के भविष्य के कैनवास पर भी संदेह की लकीर गहरी होते जाने की सम्भावना है। हाल ही में कुछ आपराधिक घटनाओं में नाबालिग किस्म के युवकों की शमूलियत का पाया जाना इस चिन्ता को बढ़ाने के लिए काफी है। इससे प्रदेश में एक ओर हिंसक साम्राज्य बढ़ने की प्रबल आशंका उपजती है, वहीं आर्थिक धरातल पर मंदी जैसी स्थितियां पैदा होते जाने का भी बड़ा ़खतरा है। इससे प्रदेश कई दशक पीछे की ओर खिसक सकता है। नि:सन्देह पंजाब में आम आदमी पार्टी की भगवंत मान सरकार के लिए यह एक बेहद चुनौतीपूर्ण मुद्दा है। आपराधिक हिंसा के इस अजगर की फांस से निपटने के लिए बेहद सटीक योजनाबंदी, उत्साह, दृढ़ता और ठोस निर्णय लिये जाने की बड़ी आवश्यकता है। बेशक सरकार की अपनी नैतिक ज़िम्मेदारियां हैं, किन्तु सरकार इस उद्यम में कब और किस सीमा तक सफल होती है, इसे देखने/जानने के लिए प्रदेश के अधिकतर लोगों की नज़रें उसी ओर लगी हैं।