सामूहिक विकास पर केन्द्रित है आम बजट

2023-24 का केन्द्र सरकार का बजट 7 प्राथमिकताओं को अपनाते हुए तथा अमृतकाल के माध्यम से मार्गदर्शन करते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा वर्ष 2023-24 के लिए पेश किया गया बजट एक खुशहाल एवं समावेशी भारत की कल्पना करता है, जिसके विकास के फल सभी वर्गों तथा नागरिकों, विशेषकर नौजवानों, महिलाओं, किसानों, मध्यम वर्ग, ओबीसी तथा अनुसूचित जातियों तक पहुंचेंगे। 
वित्त मंत्री के बजट भाषण के अनुसार 10 लाख करोड़ रुपये का पूंजी निवेश, लगातार तीसरे वर्ष 33 प्रतिशत की ज़बरदस्त वृद्धि, विकास की संभावना तथा नौकरियों का सृजन, निजी निवेश को गति प्रदान करेगा। 
राज्यों को राहत-बजट में मूलभूत ढांचे में निवेश को उत्साहित करने तथा समूची नीति के तहत कार्रवाइयों के लिए हौसला बढ़ाने के लिए राज्य सरकारों को एक और साल के लिए 50 वर्षों के ब्याज मुक्त ऋण को जारी रखने का भी प्रबंध किया गया है। 
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के माध्यम से किसानों को राहत देते प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत 11.4 करोड़ किसानों को 2.2 लाख करोड़ रुपये वितरित किये गए। सरकार ने इस योजना को जारी रखने का फैसला किया है। 
पशु पालन, डेयरी तथा मछली पालन पर ध्यान केन्द्रित करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि ऋण का लक्ष्य बढ़ा कर 20 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा। नौजवान उद्यमियों को कृषि की ओर आकर्षित करने के लिए ‘एग्रीकल्चरल एक्सलेटर फंड’ स्थापित किया जाएगा। 
प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए बजट अलाटमैंट को 66 प्रतिशत बढ़ा कर 79,000 करोड़ रुपये से अधिक कर दिया गया है। 
2014 से स्थापित मौजूदा 157 मैडिकल कालेजों के साथ लगते स्थानों पर 157 नये नर्सिंग कालेज स्थापित किये जाएंगे। 
आम नागरिकों को राहत देते हुए मासिक आय खाता योजना की अधिक से अधिक जमा सीमा एक खाते के लिए 4.5 लाख रुपये से बढ़ा कर 9 लाख रुपये तथा संयुक्त खाते के लिए 9 लाख से बढ़ा कर 15 लाख रुपये की जाएगी।
आधारभूत ढांचे को उत्साहित करते हुए बजट-2023 में बंदरगाहों, कोयला, स्टील, खाद तथा अनाज तक जोड़ने के लिए सौ महत्वपूर्ण ट्रांस्पोर्ट आधारभूत ढांचे के प्रोजैक्टों हेतु 75,000 करोड़ रुपये के निवेश हेतु व्यवस्था की है।
रेलवे के लिए पूंजी खर्च-इसके अतिरिक्त रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपये दिये गए हैं, जो कि अब तक की सबसे अधिक राशि है और 2013-14 में किये गए ्रखर्च से यह लगभग 9 गुणा है। वित्त मंत्री के बजट भाषण के अनुसार कारोबार करने में आसानी को बढ़ाने के लिए 39,000 से अधिक बाधाओं को कम कर दिया गया है और 3,400 से अधिक कानूनी व्यवस्थाओं को आपराधिक बनाया गया है। साथ ही निवेशकों तथा कारोबारियों को विश्वास दिलाने के लिए 42 केन्द्रीय कानूनों में संशोधन करने के लिए जन विश्वास विधेयक पेश किया गया है।
2023-24 का अमृत काल बजट वेतन भोगियों तथा मध्यम वर्ग को बड़ी राहत देता है। निजी आय कर की छूट सीमा को वर्तमान 5 लाख रुपये से बढ़ा कर 7 लाख रुपये किया जाएगा। नई कर प्रणाली में इस प्रकार के 7 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्ति को कोई कर अदा नहीं करना पड़ेगा। 
नई निजी आयकर प्रणाली में कर ढांचे के लिए 6 आयकर स्लैबें 2020 में पेश की गई थीं, अब स्लैबों की संख्या कम करके 5 तथा कर छूट की सीमा को बढ़ा कर 3 लाख रुपये कर दिया गया। इस बदलाव से नई व्यवस्था में सभी करदाताओं को बड़ी राहत मिलेगी। अब नई व्यवस्था के तहत नई कर दरों के अनुसार 3 लाख रुपये आय तक कोई टैक्स अदा नहीं करना पड़ेगा, जबकि 3 से 6 लाख रुपये पर 5 प्रतिशत, 6 से 9 लाख रुपये पर 10 प्रतिशत, 9 से 12 लाख रुपये तक 15 प्रतिशत, 12 से 15 लाख रुपये पर 20 प्रतिशत तथा 15 लाख रुपये से ऊपर आय पर 30 प्रतिशत कर अदा करना पड़ेगा। 
-केन्द्रीय राज्य मंत्री, भारत सरकार