डॉ. हमदर्द द्वारा जंग-ए-आज़ादी के सभी पदों से त्याग-पत्र

जंग-ए-आजादी मेमोरियल फाउंडेशन के सदस्य-सचिव और मेमोरियल की प्रबंध समिति के अध्यक्ष डॉ. बरजिंदर सिंह हमदर्द ने भगवंत मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी की सरकार के जंग-ए-आजादी स्मारक के प्रति बुरे व्यवहार और तथाकथित जांच के नाम पर बार-बार पुलिस भेजकर पंजाब के उन शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों जिनकी याद में यह स्मारक बनाया गया है, उनका अपमान करने पर कड़ा विरोध जताते हुए अपने उपरोक्त दोनों पदों से इस्तीफा दे दिया है। उल्लेखनीय है कि 2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्री स. प्रकाश सिंह बादल ने डॉ. बरजिंदर सिंह हमदर्द से इस स्मारक के निर्माण की जिम्मेदारी लेने पर जोर दिया। इसके बाद डॉ. बरजिंदर सिंह हमदर्द ने अपने व्यस्त जीवन के लगभग 10 साल इस स्मारक के निर्माण में लगाये। इस उद्देश्य के लिए पहले पंजाब के प्रसिद्ध इतिहासकारों की एक अवधारणा समिति का गठन किया गया और उसके बाद इस अवधारणा पत्र के आधार पर जंग-ए-पंजाब में स्वतंत्रता संग्राम के दौरान हुए विभिन्न आंदोलनों को समर्पित दीर्घाओं का निर्माण किया गया। इसके निर्माण की आधारशिला तत्कालीन मुख्यमंत्री स. प्रकाश सिंह बादल ने 19 अक्टूबर 2014 को ने रखी थी और इसके पहले चरण का निर्माण 6 नवंबर 2016 को पूरा हुआ था। इस उद्देश्य के लिए फाउंडेशन के सदस्यों और सरकारी अधिकारियों ने बड़ी दिलचस्पी ली और दिन-रात लगन से काम किया। जंग - ए - आजादी मेमोरियल के दूसरे चरण का उद्घाटन उस समय के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा 6 मार्च, 2018 को किया गया था।  इसके तीसरे चरण का उद्घाटन भी कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा ही किया गया था। उस समय की सभी सरकारों ने और सभी मुख्यमंत्रियों ने इस मेमोरियल के निर्माण में बढ़ चढ़ कर अपना सहयोग दिया था। स्मारक का काम लगभग पूरा होने के बाद डॉ. हमदर्द ने भी व्यस्त कार्यक्रम के कारण अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 1 जुलाई, 2020 के अपने पत्र के माध्यम से उनके इस्तीफे को खारिज कर दिया और उनसे जंग-ए-आजादी स्मारक का काम जारी रखने और इसे और विकसित करने को कहा। सुधार के प्रयास जारी रखने की बात कही। साथ ही कैप्टन साहब डॉ. जंग-ए-आज़ादी स्मारक के निर्माण में बरजिंदर सिंह हमदर्द के योगदान की भी सराहना की गई। इस स्मारक की राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशेष रूप से चर्चा हुई है।  26 जनवरी 2022 को पंजाब के गणतंत्र दिवस पर दिखने वाली झांकी भी इसी स्मारक के आधार पर बनाई गई थी। लेकिन जब से राज्य में भगवंत मान के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है, उन्होंने पहले 'अजीत' के प्रति घोर भेदभावपूर्ण व्यवहार दिखाया और 'अजीत' के सभी प्रकार के विज्ञापनों को बंद कर दिया और फिर 'अजीत' पर दबाव बनाकर इसकी संपादकीय नीति को बदलने के लिए और डॉ. बरजिंदर सिंह की प्रतिष्ठा को व्यक्तिगत रूप से धूमिल करने के लिए जंग-ए-आजादी मेमोरियल के निर्माण की तत्काल जांच करने के लिए बार-बार पुलिस और सतर्कता विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों को जंग-ए-आजादी मेमोरियल पर भेज कर शहीदों का अपमान करने और डॉ. बरजिंदर सिंह हमदर्द ने अमानवीय रणनीति का सहारा लिया जबकि पंजाब के सांस्कृतिक विभाग सम्बंधित इस स्मारक का हर साल ऑडिट होता है।पिछले साढ़े चार माह से सरकार के नकारात्मक व्यवहार को ध्यान में रखते हुए डॉ. हमदर्द ने अपने उपरोक्त दोनों पदों से इस्तीफा दे दिया है और साथ ही भगवंत मान की सरकार को भी स्पष्ट संदेश दे दिया है कि 'अजीत' जिसको पंजाब की आवाज कहा जाता है और पंजाबी उसके साथ बेइंतहा प्यार करते हैं, न कभी झुका है, न ही कभी झुकेगा और न ही किसी सरकार के दबाव के नीचे आएगा।