भाजपा विरोधी पार्टियों को एकजुट करने के लिए पुन: यत्नशील हैं नितीश

2024 में सत्ता पर काबिज़ होने की उम्मीद के साथ विपक्षी दलों के एकजुट होने की धारणा अभी अच्छी तरह दृढ़ भी नहीं हुई कि अब इस बात को लेकर चर्चा शुरू हो गई है कि प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार कौन होगा? इस सन्दर्भ में विधान परिषद् के जे.डी. (यू.) सदस्य ़खालिद अनवर द्वारा आयोजित एक इफ़्तार पार्टी जहां बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार मुख्यातिथि बन कर पहुंचे थे, में दिल्ली के लाल किले का एक विशाल बैनर लगाया गया था।
 पोस्टर पर एक नारा भी लिखा हुआ था, जिसमें दावा किया गया कि देश नितीश का इंतजार कर रहा है, जिन्होंने महा-गठबंधन के कुछ सहयोगियों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया, जिसके बाद इस बात की चर्चा शुरू हो गई कि बिहार के मुख्यमंत्री देश का नेतृत्व करने में कितने सक्षम हैं। इस दौरान राष्ट्रीय जनता दल (आर.जे.डी.) के नितीश तथा बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे तथा वरिष्ठ नेता राहुल गांधी के साथ उनके 10, राजाजी मार्ग स्थित निवास स्थान पर मुलाकात की। बैठक में जे.डी.यू. अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह, आर.जे.डी. के राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा एवं कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद भी उपस्थित थे। इस बैठक में भाजपा का मुकाबला करने के लिए एक संयुक्त मोर्चा बनाने पर चर्चा हुई, जिसे खड़गे, राहुल तथा नितीश कुमार सहित सभी नेताओं ने ऐतिहासिक बताया। खड़गे से उन पार्टियों के साथ बात करने की उम्मीद की जा रही है, जिनके नितीश के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध हैं, जबकि नितीश को कांग्रेस विरोधी या उनसे दूरी बनाए रखने वाली पार्टियों तक सम्पर्क करने की ज़िम्मेदारी दी गई है। यह फैसला लिया गया है कि किसी भी ़गैर-भाजपा शक्ति को बाहर न रखा जाए तथा प्रत्येक विपक्षी दल तक सम्पर्क किया जाएगा। ऐसा प्रतीत होता है कि कांग्रेस ने यह सुनिश्चित बनाने के लिए नितीश को नेतृत्व करने की इजाज़त दी है कि परम्परागत कांग्रेस विरोधी रुकावट न बने।
कांग्रेस की एक और पद-यात्रा
भाजपा तथा कांग्रेस दोनों ने अपने-अपने स्तर पर मध्य प्रदेश की सत्ता में पुन: काबिज होने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस दौरान नरसिंहपुर-नर्मदापुरम ज़िले के कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ‘कमलनाथ लाओ, प्रदेश बचाओ’ नाम की 12 दिवसीय पद-यात्रा 10 अप्रैल से शुरू की। इस यात्रा के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता 12 दिन तक प्रदेश में भाजपा सरकार की कमियों को गिनाते हुए 200 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ स्वयं पद-यात्रा के समापन समारोह में शामिल होंगे तथा सभा को सम्बोधित करेंगे। इस पद-यात्रा में लगभग 100 यात्री प्रतिदिन 20 किलोमीटर पैदल चलेंगे। 22 अप्रैल को सिवनी मालवा में यह यात्रा सम्पन्न होगी। इसके अलावा कांग्रेस बुंदेलखंड, मालवा तथा विंधिया क्षेत्र पर भी अपना ध्यान केन्द्रित कर रही है। पार्टी की नज़र महिला मतदाताओं पर है तथा पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने घोषणा भी की है कि यदि उनकी पार्टी इस वर्ष के अंत में होने वाले प्रदेश विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करके फिर से मध्य प्रदेश में सरकार बनाती है, तो उन्हें 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। प्रदेश में महिलाओं को प्रत्येक वर्ष 18 हज़ार रुपए दिए जाएंगे तथा यह विश्व की सबसे बड़ी ‘महिला सशक्तिकरण योजना’ होगी।
कर्नाटक चुनाव लड़ेगी एन.सी.पी.
महाराष्ट्र के अलावा अन्य प्रदेशों में अपने कदमों का विस्तार करने के उद्देश्य से शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एन.सी.पी.) आगामी कर्नाटक विधानसभा चुनावों में 40-45 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है, जहां भाजपा, कांग्रेस तथा जे.डी. (एस.) में त्रिकोणीय मुकाबला दिखाई दे रहा है। त्रिकोणीय मुकाबले में पवार ने कर्नाटक में 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनावों की योजना को अंतिम रूप देने के लिए 15 अप्रैल को मुम्बई में पार्टी नेताओं की एक बैठक बुलाई थी। गोवा, मेघालय तथा मणिपुर जैसे राज्यों में अपनी खराब राजनीतिक किस्मत के कारण एन.सी.पी. को अपना राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा गंवाना पड़ा, उनके इस कदम को पुन: वही रूतबा हासिल करने के प्रयास स्वरूप देखा जा रहा है।  पवार ने कर्नाटक के लिए योजनाओं की घोषणा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे तथा राहुल गांधी के साथ आगामी वर्ष होने वाले लोकसभा चुनावों में भाजपा का मुकाबला करने के लिए विपक्षी एकता को मज़बूत करने की ज़रूरत पर मुलाकात के एक दिन बाद की।
बघेल बनाम देव 
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने हाल ही में माओवाद प्रभावित बस्तर का दौरा किया और छत्तीसगढ़ में ‘भरोसे का सम्मेलन’ में सत्तारूढ़ कांग्रेस के लिए एक चुनाव अभियान की शुरुआत की, जहां उन्होंने लोगों को भाजपा के पिछले 15 वर्षों की तुलना वर्तमान कांग्रेस सरकार के साथ करने की अपील की। प्रियंका ने ज़ोर देकर कहा कि कांग्रेस के शासन ने जनता का विश्वास जीता है और प्रदेश का गौरव बहाल किया है। मुख्यमंत्री भुपेश बघेल ने बस्तर डिवीज़न की सभी 1840 ग्राम पंचायतों को वार्षिक 10 हज़ार रुपये की वित्तीय सहायता देने के लिए ‘मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना’ शुरू की है ताकि आदिवासी समुदाय को अपने त्यौहारों को धूमधाम से मनाने की सुविधा मिल सके। इस दौरान मुख्यमंत्री बघेल तथा छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंह देव के बीच चल रहा सत्ता विवाद अभी भी चिन्ता का विषय बना हुआ है।
 विधानसभा चुनावों में एक वर्ष से भी कम समय शेष बचा है, छत्तीसगढ़ में सत्तारूढ़ कांग्रेस में प्रादेशिक पार्टी संगठन में बदलाव के पक्ष में तथा विरोध में बातें बढ़ रही हैं। मुख्यमंत्री बघेल ने बदलाव के संकेत दिये हैं तथा नये प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रमुख की संभावित नियुक्ति के संबंध में अनुमान लगाए जा रहे हैं। इस दौरान राजस्थान के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट द्वारा अपनी ही सरकार के खिलाफ भूख हड़ताल की घोषणा करने के बाद, टी.एस. सिंह देव ने ज़ोर देकर कहा है कि उन्हें तथा उनके मंत्रियों को प्रदेश में खुल कर बोलने की इजाज़त नहीं है। बघेल तथा देव दोनों गुट टिकटों को लेकर अपनी-अपनी सूची बना रहे हैं और टिकटों की वितरण प्रक्रिया में प्रमुख हिस्सेदारी की मांग कर रहे हैं।