नापाक गठजोड़

नशे और नशीले पदार्थों को लेकर पंजाब में एक बार फिर चर्चाओं का बाज़ार गर्म है। इस दौरान प्रदेश में एक ओर जहां नशे की खेप बरामद होने की घटनाएं बढ़ी हैं, वहीं नशे की ओवरडोज़ से होने वाली युवाओं की मौतों की संख्या में भी वृद्धि हुई है। अभी दो ही दिन पूर्व पंजाब में कबड्डी के एक बड़े खिलाड़ी की नशे की ओवरडोज़ से हुई मृत्यु इसका बड़ा प्रमाण है। इस बीच प्रदेश में नशीले पदार्थों के तस्करों, गैंगस्टरों और आतंकवादियों के बीच उभरते एक नापाक एवं घातक गठजोड़ का पता चलने पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी एन.आई.ए. की ओर से पंजाब के अतिरिक्त हरियाणा, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश के दर्जनों स्थानों पर व्यापक रूप से छापेमारी अभियान चलाया गया है। इस गठजोड़ से नि:सन्देह राष्ट्र की सीमांत अखंडता पर भी ़खतरा उपजते दिखाई दिया है। गोपनीय सूचनाओं के अनुसार नशीले पदार्थों के तस्करों को गैंगस्टरों का संरक्षण और सहयोग मिलने से इस अवैध कारोबार को बल मिलता है, और कि यह धन गुप्त तरीकों से आतंकवादियों तक पहुंचने की भी सूचनाएं हैं। उक्त राष्ट्रीय एजेंसी द्वारा इस छापेमारी से पूर्व दक्षिण और उत्तर भारत के कुछ अन्य राज्यों में जेहादी तत्वों के विरुद्ध ऐसा ही अभियान चलाया जाना भी मात्र कोई संयोग तो नहीं हो सकता। नि:संदेह यह आशंका निर्मूल नहीं है कि नशे की एक राज्य-व्यापी समस्या की गम्भीरता को देखते हुए राष्ट्र की एक अहम जांच एजेंसी द्वारा इतने बड़े स्तर पर कार्रवाई किया जाना एक व्यापक ़खतरे का संकेत भी हो सकता है। इन छापों के दौरान जिन तीन लोगों को हिरासत में लिया गया, उनमें से एक पंजाब के मोगा ज़िला का है, जिसके सम्पर्क आतंकवाद और खालिस्तानी समर्थक अभियान से भी बताये गये हैं।
पंजाब में नशे की समस्या की गम्भीरता का पता इस एक तथ्य से भी चल जाता है कि प्रदेश में नशीले पदार्थों की तस्करी और नशे के सेवन की गिरफ्त में आई युवा पीढ़ी में अब युवतियां भी बड़ी संख्या में शामिल पाई गई हैं। ऐसी युवतियां केवल ़गरीब घरों की नहीं, अपितु सम्पन्न घरानों की बेटियां भी होती हैं। नशीले पदार्थों की तस्करी में भारतीय और पाकिस्तानी पक्ष के तस्करों का सीमा-पार से व्यापारिक आदान-प्रदान भी बड़े स्तर पर सामने आ रहा है। सीमा-पार से ड्रोनों के माध्यम से अथवा अन्य कई तरीकों से हेरोइन आदि नशीले पदार्थों के साथ-साथ अवैध हथियारों की खेपों का भेजा जाना भी जारी है। पंजाब चूंकि एक सीमांत प्रदेश है, और कि पाकिस्तान की नापाक हरकतों के कारण पंजाब की पाकि से सटी सीमाएं सदैव नाज़ुक स्थिति में बनी रहती हैं अत: हथियारों और नशीले पदार्थों की यह तस्करी पंजाब की शांति-व्यवस्था के लिए भी घातक एवं हानिकारक हो सकती है। अमृतसर के एक तस्कर से बड़ी मात्रा में हेरोइन, अवैध पिस्तौल एवं ड्रग मनी का बरामद किया जाना भी एक ़खतरनाक संकेत है। इन तस्करों के हौसले कितने बुलंद हैं, इसका पता इस एक घटना से भी चल जाता है कि नशीले पदार्थों के तस्करों को काबू करने गए विशेष पुलिस कार्य बल की टुकड़ी पर तस्करों ने गोलियां चला दीं। तथापि, पुलिस दल ने दो तस्करों को गिरफ्तार कर लिया।
पाकिस्तानी सत्ता की शह-प्राप्त पंजाब के तस्करों, गैंगस्टरों और आतंकवादियों के इस गठजोड़ को पुलिस की कुछ काली भेड़ों का निजी वरद्हस्त संरक्षण इस समस्या की गम्भीरता को और बढ़ा देने के लिए काफी है। पिछले दिनों पंजाब में उच्च स्तर पर हुए एक रहस्योद्घाटन में आई.जी. और इंस्पैक्टर स्तर तक के अधिकारियों की संलिप्तता के दृष्टिगत नि:संदेह समस्या से सख्ती के साथ और केन्द्रीय सहयोग से निपटे जाने की बड़ी आवश्यकता है। पंजाब में नशे के प्रसार में प्रदेश के नशा छुड़ाओ केन्द्र भी कोढ़ में खाज बनते नज़र आ रहे हैं। पिछले दिनों प्रदेश के उच्च पुलिस सूत्रों ने ऐसे कुछ केन्द्रों में नशे का उपचार होने की बजाय इनके नशे के प्रसार का केन्द्र बनते जाने और कि इनमें अवांछित तत्वों के पनपने के भी रहस्योद्घाटन किये थे। पंजाब जो कभी देश की खुशहाली और समृद्धि का प्रतीक माना जाता था, आज नशे की दलदल में धंसता जाते देख पंजाब का हित-चिन्तन करने वाले अत्यंत पीड़ा महसूस करते हैं। नि:सन्देह इन आरोपों एवं दृष्टांतों में अतिश्योक्ति तो कदापि नहीं है। घटनाओं के तथ्य और प्रमाण इस दुरावस्था की व्याख्या करने के लिए काफी हैं। हम समझते हैं कि इस समस्या और खासकर इस नापाक गठजोड़ को पूर्णतया ध्वस्त करने के लिए नि:संदेह एक बड़ी एवं संयुक्त सामूहिक कार्रवाई किये जाने की महती आवश्यकता है। यह कार्रवाई जितनी जल्दी होगी, उतना ही इस प्रांत, यहां के लोगों तथा राष्ट्र की सुरक्षा और अखंडता के हित में होगा।