भारत शीघ्र विकसित देशों की कतार में होगा शामिल

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी भारतीय लोकतंत्र एवं विकसित भारत का स्पष्ट प्रमाण हैं। पिछले नौ वर्षों के दौरान भारतीय विदेश निति में व्यापक परिवर्तन आये हैं जिनका सकारात्मक परिणाम विश्व विदित है। प्रधानमंत्री की हालिया अमरीका यात्रा ने भारत-अमरीका द्विपक्षीय संबंधों को नया शिखर प्रदान किया। रक्षा समझौते, आईटी पेशेवरों और नए अमरीकी वाणिण्य दूतावासों के लिए वीजा में छूट, प्रौद्योगिकी सहयोग में एक नए युग का आरम्भ हुआ या बड़े निवेश और नौकरी के अवसर मिले स्वच्छ ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन सी-गार्जियन ड्रोन खरीदना, भारतीय विमानों के लिए भारत में जेट इंजन बनाना हो, प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा ने एक नए इतिहास की रचना की है। प्रधानमंत्री की राजकीय यात्रा के दौरान व्हाइट हाउस के साउथ लॉन में ‘मोदी-मोदी’ के नारों के बीच अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और प्रथम महिला जिल बाइडेन ने उनका का भव्य स्वागत किया। प्रधानमंत्री की इस यात्रा ने द्विपक्षीय संबंधों को और मज़बूत किया और दोनों देशों के लिए परिवर्तनकारी उन्नति एवं विकास के नए मार्ग खोले।   प्रधानमंत्री मोदी की इस तीन दिवसीय यात्रा ने विकास एवं उन्नत्ति के नए मार्गों को प्रशस्त किया है। दोनों देश क्षेत्रीय और वैश्विक व्यवस्था के पुनर्गठन में निरंतर योगदान जारी रखेंगे।  
प्रधानमंत्री मोदी सदैव भारत की विदेश नीति को तैयार करने और उसे कार्यान्वित करने के लिए सराहे जाते हैं। उन्होंने अपने प्रयासों से भारत को विश्व मंच पर वैश्विक नेताओं के बीच स्थापित किया है। भारतीय रक्षा में एक और महत्वपूर्ण तत्व जनरल एटॉमिक्स से सशस्त्र एमक्यू.9बी सी-गार्जियन यूएवी की खरीद होगी। इससे देश की खुफिया निगरानी और निरीक्षण क्षमताओं को बढ़ावा मिलेगा। भारत का इरादा जनरल एटॉमिक्स द्वारा बनाए गए 31 ड्रोन खरीदने का है, जिनकी कीमत 3 बिलियन डॉलर से कुछ अधिक है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इन्हें भारत में असेंबल किया जाएगा। जनरल एटॉमिक्स भारत में एक नई सुविधा स्थापित करने का भी इरादा रखता है। अंतरिक्ष तथा अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकियों में देश का अद्वितीय सहयोग भारत को एक प्रमुख वैश्विक खिलाड़ी के रूप में देखे जाने का स्पष्ट संकेत है।
भारत ने चंद्रमा, मंगल और उससे आगे की खोज में अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाते हुए आर्टेमिस समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं। इस प्रकार भारत उन 26 देशों में शामिल हो गया है जो इस क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। अंतरिक्ष साझेदारी में नासा और इसरो ने 2023 के अंत तक मानव अंतरिक्ष उड़ान सहयोग के लिए एक रणनीतिक ढांचा विकसित करने के लिए एक नई अंतरिक्ष यात्रा शुरू करने के लिए सहयोग किया है। इसके साथ ही वे 2024 में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए एक संयुक्त मिशन शुरू करने पर भी सहमत हुए हैं जो लगभग चार दशकों के बाद भारत के लिए एक बड़ी सफलता है।
अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ द्विपक्षीय बैठक के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने प्रवासी भारतीयों को एक बड़ी राहत देते हुए एक महत्वपूर्ण घोषणा अंतर्गत पेशेवर भारतीयों को विदेश यात्रा किए बिना भी अपने कार्य वीजा को नवीनीकृत करने का अवसर प्रदान किया है। दुनिया में बदलती तकनीकी व्यवस्था के महत्व को समझते हुए, प्रधानमंत्री मोदी और जो बाइडेन के बीच महत्वाकांक्षी समझौतों के ज़रिये प्रौद्योगिकी सहयोग को सराहना मिली है।  प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों ने भारत को विकास के पथ पर अग्रणी  श्रेणी में स्थापित किया है जिसके परिणामस्वरूप भारत निवेशकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। कई प्रमुख निगमों ने जल्द ही देश में निवेश और रोज़गार सृजन का वादा भी किया। प्रधानमंत्री मोदी ने माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला, एप्पल के सीईओ टिम कुक और ओपन, आई के सीईओ सैम अल्टमैन सहित कई सीईओ से भी मुलाकात की। बोइंग की मेगा घोषणा के अनुसार वह भारत में बुनियादी ढांचे और पायलट प्रशिक्षण कार्यक्रमों में 100 मिलियन डॉलर का निवेश करेगी। भारत-अमरीका दोनों देश स्वच्छ ऊर्जा में परिवर्तन और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए पूर्णतया प्रतिबद्ध हैं। विश्व की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं ने दुनिया की जलवायु कार्रवाई को संचालित करने की आपसी जिम्मेदारी को साझा किया। यह प्रतिबद्धता यूएस-भारत जलवायु और स्वच्छ ऊर्जा एजेंडा 2030 साझेदारी और रणनीतिक स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी (एससीईपी) में भी परिलक्षित होती है। भारतीय सौर पैनल निर्माता विक्रम सोलर लिमिटेड द्वारा समर्थित एक नया उद्यम अमरीकी सौर ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखला में 1.5 बिलियन तक का निवेश करेगा। यह अगले साल कोलोराडो में एक कारखाना शुरू करेगा और चीन के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए स्वच्छ ऊर्जा विनिर्माण क्षेत्र के निर्माण में अमरीका को मदद करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी और अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने आतंकवाद और संयुक्त राष्ट्र-सूचीबद्ध आतंकवादी संगठनों की कड़ी निंदा की। उन्होंने आतंकवादी समूहों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की प्रतिबद्धता दोहराई। दोनों ने एक संयुक्त बयान में सीमा पार आतंकवाद पर पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया। अमरीकी कांग्रेस को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है और इससे निपटने के लिए कोई अगर-मगर नहीं हो सकता।   
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह अमरीका यात्रा विश्व इतिहास के पन्नों में दर्ज होगी। उन्होंने अपने देश को शीर्ष देशों में से एक बनाने के लिए अथक मेहनत की है। उनके नेतृत्व में भारत ने विश्व को वसुधैव कुटम्बकम अर्थात ‘एक परिवार’ माना है तथा भारत अपने परिवार के साथ निरंतर आगे बढ़ रहा है। उम्मीद है कि भारत जल्द ही विकसित देशों की सूची में शामिल हो जाएगा।
-चांसलर, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी
मुख्य संरक्षक, एनआईडी फाउंडेशन।