फेल होना मतलब एक मौका और

प्यारे बच्चो! आप सब एक बात से भली भांति अवगत हो कि अगली कक्षा में जाने के लिए हमें परीक्षाओं में से गुज़रना पड़ता है। परीक्षाओं की प्रक्रिया शुरू करने वाले ‘हैनरी फिशल’ ने क्या कमाल की चीज़ खोज़ कर इसको लोगों के सामने पेश किया है। ये परीक्षाएं ही हैं, जो हमें हमारी ज़िंदगी में खुद की काबलियत के बारे में जानने में मददगार सिद्ध होती हैं। इस संबंधी हम स्वयं को साबित करने के लिए अनयक मेहनत करते हैं। इन परीक्षाओं में से पार निकलना जहां हमें आनंद, सुख और चिंतामुक्त करता है, वहीं हमें अपनी प्रतिभा को दर्शाने के लिए अच्छा मौका भी प्रदान करता है।
जैसे प्रत्येक सिक्के के दो पहलु होते हैं, उसी प्रकार परीक्षाओं में भी हमेशा दो तरह के परिणाम सामने आते हैं, पास और फेल। हम अपनी ज़िंदगी में आम ही देखते होंगे कि परिणाम आने पर पास होने वाले बच्चों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं होता, वहीं किसी कारण अपना प्रदर्शन बेहतर न देने के कारण फेल हो जाने या कुछ नम्बरों पर पीछे रह जाने वाले बच्चों के चेहरे पर मायूसी देखने को मिलती है। इस परिस्थिति में वह अपने आप को नीचा और अयोग्य समझने की भूल कर बैठते हैं। कई बार हम खबरों और सोशल मीडिया पर देखते हैं कि फेल हो जाने या अपनी उम्मीद अनुसार अच्छा परिणाम ना आने के कारण वह निराशा में चले जाते हैं और गलत धारणाओं का शिकार हो जाते हैं।
मैं निजी अनुभव के आधार पर यह कहता हूं कि मेरे अनुसार फेल होने वाले बच्चे को एक और अधिक अवसर मिलता है, जिसका वह पूर्ण तौर पर इस्तेमाल करे तो अपनी ज़िंदगी में ज़रूर सफल और कामयाब इन्सान बन सकता है। मैं यहां फेल होने को बढ़ावा नहीं दे रहा बल्कि बदकिस्मती के साथ फेल होने के कारण निराशा में डूबे बच्चों को यह बताने की कोशिश कर रहा हूं कि वह यह सोचें कि हम धरती पर जन्म लेते ही चलने नहीं लग जाते। उदाहरण के तौर पर यदि बात करूं तो एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक ‘थॉमस एडिसन’ भी बल्ब बनाने के प्रयोग के दौरान बहुत बार फेल हुआ परन्तु फिर उसने हार न मानते हुए लगभग 9999 बार फेल होने के बावजूद अपने बल्ब बनाने के प्रयोग को जारी रखा और अंत में सफलता हासिल की। यदि वह भी एक बार फेल हो जाने पर निराश होकर बैठ जाते तो शायद आज उसको कोई याद न करता। यहां तक शायद घरों में रोशनी भी न होती। अंत में यही कहूंगा कि फेल हो जाना निराशाजनक नहीं बल्कि अपने छुपे हुए हुनर को साबित करने का एक विशेष अवसर है।

-लैक्चरार, बायलोज़ी, स.स.स. समार्ट स्कूल, गग्गो बूआ, तरनतारन।