नशों का बढ़ रहा प्रचलन

विगत दिवस मानसा में परविन्दर सिंह झोटा की रिहाई के संबंध में नशा विरोधी संयुक्त एक्शन कमेटी द्वारा दिये गए धरने में हज़ारों लोगों ने भाग लिया। वहां जो बात मुख्य रूप में उभर कर सामने आई, वह थी नशे के विरुद्ध सार्वजनिक एकजुटता, तथा यह भी कि पंजाब में नशों के विरोध में एक लहर चलनी चाहिए तथा नशा बेचने वालों का सामाजिक बहिष्कार किया जाना चाहिए ताकि पंजाब की जवानी को बचाया जा सके। इसी जनसमूह में यह भी आरोप लगाया गया कि पंजाब की ‘आप’ सरकार तथा मुख्यमंत्री की ओर से कुछ ही समय में नशा बंद करने के दावे ही हवा नहीं हुये, अपितु पंजाब में नशों का रुझान और भी बढ़ गया है। हम इस बात को अच्छा मानते हैं कि लोगों में तथा खास तौर पर गांवों में नशों के विरुद्ध एक बड़ी जागरूकता पैदा हो रही है।
बहुत-से गांवों की पंचायतें ये फैसले कर रही हैं कि वे नशा करने वालों तथा बेचने वालों का बहिष्कार करेंगे। नशीले पदार्थ बेचने वालों के पकड़े जाने पर उनकी ज़मानत देने के लिए गांव का कोई भी व्यक्ति नहीं जायेगा। ऐसे ही प्रस्ताव अब तक बहुत से गांवों में पारित किये जा चुके हैं। अधिकतर सामाजिक संगठन तथा किसान यूनियनें भी इस पक्ष से पूरी तरह सचेत हो रही हैं।
विगत दिवस चंडीगढ़ में एक किसान कान्फ्रैंस को सम्बोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन के प्रधान बलबीर सिंह राजेवाल ने यह मुद्दा उठाते हुए प्रदेश में इसे गम्भीर समस्या बताया तथा यह भी कहा कि सरकार ड्रग म़ािफया को काबू करने तथा उसके राजनीतिज्ञों के साथ गठबंधन को तोड़ने में विफल रही है। प्रतिदिन सीमा पार से आ रहे नशों के संबंध में समाचार पत्र भरे होते हैं। पकड़े गये नशीले पदार्थों की कीमत करोड़ों में आंकी जाती है। यह तो वे नशीले पदार्थ हैं, जिन्हें पकड़ लिया जाता है परन्तु जो बड़ी खेप निगरानी से बच कर निकल जाती हैं, वे जवानी को घुन लगाने के लिए काफी हैं। इस संबंध में अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शऱीफ के विशेष सुरक्षा सहायक मलिक मोहम्मद अहमद ने स्वयं इस बात को स्वीकार किया है कि वह नशों की तस्करी से बेहद चिंतित हैं। मलिक मोहम्मद कसूर से संबंध रखते हैं। पाकिस्तान का यह शहर भारत-पाकि सीमा के बहुत नज़दीक है। मलिक मोहम्मद ने कहा कि अब नशों के व्यापारी ड्रोन द्वारा पड़ोसी देश के प्रदेश पंजाब में बड़ी मात्रा में नशीले पदार्थों की खेप भेज रहे हैं। पाकिस्तान द्वारा ऐसे नशीले पदार्थ फैंकने के लिए ड्रोनों का उपयोग किया जाने लगा है। इनमें कुछ ड्रोनों को भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा काबू भी कर लिया जाता है। पुलिस के अनुसार पिछले समय में इस संबंधी सैकड़ों मामले दर्ज किये गये हैं। ये मामले ज्यादातर उन ज़िलों में दर्ज हुए, जो पाकिस्तान की सीमा के साथ लगते हैं।
पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्रियों ने भी समय-समय पर ऐसे बयान दिये थे कि सीमा पार से बड़ी मात्रा में नशा भेजा जा रहा है। इस संबंधी वे बड़े वायदे तथा दावे भी करते रहे थे, परन्तु वे भी इस घटनाक्रम को रोक नहीं सके तथा अपने किये वायदों को पूरा करने में वे सफल नहीं हुए थे। मौजूदा प्रदेश सरकार भी आते ही तीन मास में नशा खत्म करने की बात करती रही है, परन्तु वह अब इस मामले में बुरी तरह विफल हुई दिखाई देती है, जिस कारण प्रदेश की जवानी नशों के दरियाओं में डूबती दिखाई दे रही है। आज सभी पक्षों को एकजुट होकर लोगों के सहयोग से इस नकारात्मक घटनाक्रम को सख़्ती से रोकने की ज़रूरत है। 
—बरजिन्दर सिंह हमदर्द