बेहद सुंदर मछली है ब्लैक मॉली

 

ब्लैक मॉली ताजे पानी में पाये जानी वाली एक सुंदर मछली होती है। यह दक्षिणी, उत्तरी पश्चिमी, मध्य अमरीका की नदियों में पायी जाती है। इस मछली की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें नर नहीं होते। ब्लैक मॉली मादाएं केवल मादाओं को जन्म देती हैं। मादा ब्लैक मॉली के अंडों का विकास दूसरी प्रजाति के नरों द्वारा किया जाता है। लेकिन ब्लैक मॉली के बच्चों में नर का कोई गुण नहीं होता। इसकी एक नई प्रजाति की मादा का ऊपर का रंग गहरा तथा नीचे का रंग हल्का जैतूनी होता है। प्रजनन के बाद यह काले रंग की एक नई प्रजाति को जन्म देती है। यूरोप के अधिकांश जीव वैज्ञानिक इसी काली मछली को ब्लैक मॉली कहते हैं।
ब्लैक मॉली दांत वाली क्रॉप मछली के परिवार की मछली है, जिसकी शारीरिक संरचना क्रॉप मछली के समान होती है। यह एक छोटे आकार की मछली है जिसकी लंबाई 5 सेंटीमीटर से लेकर 15 सेंटीमीटर तक होती है। नर मॉली मछली की पीठ का मीनपंख मादा के मीनपंख से अधिक बड़ा होता है और यह पतवार जैसा दिखाई देता है। ब्लैक मॉली एक शाकाहारी मछली है, जो कभी-कभी मांसाहार भी करती है। एक्वेरियम की ब्लैक मॉली मछलियां छोटे-छोटे कीड़े मकोड़े, पानी के पिस्सू तथा मच्छरों के लारवे शौक से खाती हैं। 
ब्लैक मॉली मछली के समागम में अन्य जाति के नर के पीठ की मीनपंख की महत्वपूर्ण भूमिका होती है तथा इसका उपयोग समागम के समय किया जाता है। समागमकाल में कभी-कभी एक ही मादा ब्लैक मॉली के निकट दो नर आ जाते हैं, जिनमें प्रतिस्पर्धा होने लगती है। मीनपंखों द्वारा जो अच्छा शक्ति प्रदर्शन करता है, वही जीत जाता है। वह अन्य नर मछलियों को भगाकर अपने मीनपंख समेटकर मादा के निकट आ जाता है। समागमकाल में इसके शरीर का रंग बदल जाता है। यह आंतरिक समागम होता है। समागम करने वाले नर के पेट का मीनपंख अपना रूप बदलकर एक विशिष्ट प्रकार का प्रजनन अंग बन जाता है और मादा ब्लैक मॉली के शरीर में प्रवेश करके उसकी डिंब वाहिनी में शक्राणु छोड़ता है। मादा ब्लैक मॉली उसके सभी शुक्राणु अस्वीकार करके शरीर से बाहर निकाल देती हैं किंतु इन शुक्राणु के संपर्क मात्र से ही इसके अंडों का विकास शुरु हो जाता है। कई सप्ताह का गर्भकाल समाप्त होने के बाद वह विकसित बच्चों को जन्म देती है। यदि पानी का तापक्रम अधिक हो तो गर्भकाल छोटा हो जाता है। गर्भकाल में बच्चे उसके शरीर के भीतर मुड़ी हुई अवस्था में रहते हैं। 
मादा ब्लैक मॉली एक बार में केवल एक बच्चे को जन्म देती है। किंतु कभी कभी जुड़वा बच्चे भी पैदा होते देखे गये हैं। जन्म के एक सप्ताह बाद शरीर का रंग हल्का पड़ जाता है। जब ये दो तीन सेंटीमीटर के हो जाते हैं तो उनके शरीर पर काले रंग के धब्बे दिखाई देने लगते हैं। 
ब्लैक मॉली के बच्चे छह महीने में पूरी तरह से काले हो जाते हैं, लेकिन कुछ बच्चे दो वर्षों में क्या जीवनभर काले नहीं होते। ब्लैक मॉली की एक ऐसी प्रजाति भी होती है, जिसका बच्चा जन्म से ही काले रंग का होता है और यह जीवनभर ऐसा ही बना रहता है। जलीय जीव जंतुओं के प्रजनन संबंधी एक सामान्य नियम के अनुसार दो विभिन्न प्रजातियों की मछलियों से उत्पन्न होने वाली संतानें प्राय: मादाएं होती हैं तथा ये मादाएं केवल मादाओं को जन्म देती है। यह नियम पूरी तरह ब्लैक मॉली पर लागू होता है।

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