पर्यटन की महाशक्ति बन कर उभर रहा है भारत

27 सितम्बर विश्व पर्यटन दिवस पर विशेष

इसमें कोई दो राय नहीं है कि भारत वैश्विक पर्यटन के परिदृश्य में अभी भी बहुत निचले पायदान में खड़ा है। लेकिन अगर हाल के एक दशक में हम भारतीय पर्यटन का विस्तार देखें, तो वह जबरदस्त है। खासकर 2013 में अपना पर्यटन कैलेंडर जारी करने के साथ अतुल्य भारत की जो आक्रामक प्रचार नीति अपनायी गई थी, उससे भारत के पर्यटन उद्योग में बहुत लाभ हुआ है। इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 2011-12 में जहां भारत में आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या 10 लाख से भी कम थी, वहीं साल 2019 में यह बढ़कर 1 करोड़ 93 हजार तक पहुंच गई, जो हालांकि विश्वव्यापी कोरोना महामारी के कारण साल 2020 और 2021 में काफी घट गई। साल 2021 में महज 10,52,000 पर्यटक भारत पधारे, तो 2022 में वे फिर बढ़कर 61,90,000 तक पहुंच गये और उम्मीद है कि इस साल यह आंकड़ा 1 करोड़ 20 लाख तक पहुंचेगा, क्योंकि जनवरी से जून 2023 तक की अवधि में ही भारत आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या में साल 2022 के मुकाबले 104 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि हो चुकी है। मतलब साफ है कि अब जबकि कोरोना का खौफ पूरी दुनिया में लोगों के दिलोदिमाग से निकलता जा रहा है, तो पर्यटन उद्योग अपनी नई ऊंचाईयों की तरफ बढ़ रहा है।
इसमें कोई दो राय नहीं है कि फ्रांस जहां औसतन हर साल 12 करोड़ पर्यटकों को आकर्षित कर रहा हो और मैक्सिको जैसा देश भी सालभर में 5 करोड़ से ज्यादा विदेशी पर्यटकों की मेहमाननवाजी करता हो, वहां भारत जैसे इतिहास, माइथोलॉजी के साथ-साथ प्राकृतिक खूबसूरती के स्वर्ग वाले देश में पर्यटकों की संख्या का इतना कम होना निश्चित रूप से आश्चर्य की बात है। लेकिन इस सबमें किसी और की बजाय हमारी अपनी ही सबसे बड़ी भूमिका है। दरअसल पिछली सदी के आखिरी तक तो हम पर्यटन को अर्थव्यवस्था का प्रमुख अवयव ही नहीं मानते थे, यही वजह है कि साल 2022 में वर्ल्ड टूरिज्म बैरोमीटर पब्लिकेशन के मुताबिक जब 96 करोड़ 30 लाख से ज्यादा पर्यटक विश्व भ्रमण के लिए निकले, तो ये 2021 के मुकाबले भले 111 प्रतिशत ज्यादा रहे हों, लेकिन साल 2019 के मुकाबले 34.3 प्रतिशत कम थे। पर्यटकों की इस कम संख्या में भी हम टॉप-10 में तो थे ही नहीं, टॉप 50 में भी नहीं थे, हमारा स्थान 54वां था। यहां तक कि 2019 में जब एशिया और एशिया पैसफिक के देशों में 36 करोड़ 70 हजार से ज्यादा वैश्विक पर्यटक सैर-सपाटे के लिए आये, तब भी भारत के खाते में 1 करोड़ 74 लाख पर्यटक ही आये थे, जोकि 2017-18 के मुकाबले 12 प्रतिशत से भी कुछ ज्यादा थे। 
लेकिन तब भी हम एशिया में भी 8वें पायदान पर थे। हमसे 1/15वें हिस्से वाला दक्षिण कोरिया 1,50,30,000 वैश्विक पर्यटक आकर्षित करने में कामयाब रहा था। इस तरह देखें तो हम अपनी क्षमताओं से बहुत कम पर्यटन क्षेत्र का दोहन कर रहे हैं। लेकिन अच्छी बात यह है कि अब भारत लगातार इस क्षेत्र के आर्थिक महत्व को पहचान रहा है और लगातार अपनी पर्यटन क्षमताओं का दोहन करने की कोशिशों में जुटा है। इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि आज भारत की अर्थव्यवस्था में पर्यटन राजस्व का योगदान 18.91 बिलियन डॉलर पहुंच चुका है और विशेषज्ञों का अनुमान है कि साल 2027 तक पर्यटन के क्षेत्र में भारत लगातार विकास करते हुए अपने राजस्व को बढ़ाकर 32 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंचा देगा। भारत में आज की तारीख में 8.33 बिलियन अमरीकी डॉलर से भी बड़ा हॉलीडेज पैकेज का पर्यटन बाज़ार है, लेकिन अभी भी यह हमारी क्षमताओं के मुकाबले बहुत कम है। अभी हमारा होटल बाज़ार महज 6.7 प्रतिशत ही पर्यटकों तक ही पहुंच पाया है। हालांकि  साल 2027 तक 9.6 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि के साथ यह 6,10,33,000 पर्यटकों तक पहुंचने की उम्मीद रखता है। ..तो इस बात की भरपूर संभावना है कि अभी जहां भारतीय अर्थव्यवस्था के कुल जीडीपी में पर्यटन राजस्व की भूमिका करीब 7 प्रतिशत के आसपास है, वह 2023-24 में तक बढ़कर 12 से 15 प्रतिशत तक हो सकती है और अभी जहां पर्यटन अर्थव्यवस्था 40 लाख से ज्यादा भारतीयों को प्रत्यक्ष रोज़गार दे रहा है, वहीं इसके साल 2027 तक 55 लाख नौकरियां देने की क्षमता तक पहुंच जाने का अनुमान है।
भारत के साथ सबसे बड़ी बात यह है कि जहां हमारे पास कुदरत की खूबसूरती का विशाल पर्यटन बाज़ार है, वहीं हमारे रोमांचक इतिहास, रंग बिरंगी बेहद आकर्षक संस्कृति का भरपूर पर्यटन भी है, वहीं इस सबके साथ साथ भारत में आधुनिक पर्यटन की भी जबरदस्त संभावनाएं हैं, क्योंकि भारत दुनिया के उन गिने चुने देशों में से है, जहां दुनिया का सबसे गुणवत्तापूर्ण और सबसे सस्ता मैडीकल पर्यटन उपलब्ध है। अनुमान है कि भारत का मैडीकल पर्यटन बाकी सभी क्षेत्रों से ज्यादा तेज रफ्तार से बढ़त हासिल करने जा रहा है और साल 2030 तक यह 150 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंच जायेगा। यह बहुत बड़ी छलांग होगी और मैडीकल पर्यटन भारत में तब तक 50 से 65 लाख तक रोज़गार पैदा करेगा और यह विश्व पर्यटन की विश्व अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ी भूमिका वाले क्षेत्र के रूप में उभरने में मददगार साबित होगा। लेकिन भारत की ताकत देश में तेजी से बढ़ रहे विदेशी पर्यटक नहीं हैं। ये हमारे अपने घरेलू पर्यटक हैं जो साल 2021 में 67.76 करोड़ थे। भारत दुनिया के उन देशों में से एक है जहां सबसे ज्यादा घरेलू पर्यटक, पर्यटन करते हैं। इस तरह भारत में बढ़ते पर्यटन और सरकार द्वारा पर्यटन क्षेत्र के अधिकाधिक दोहन के लिए सचेत होना इस बात का संकेत है कि हिंदुस्तान में विश्व पर्यटन की बड़ी ताकत बनने की तरफ बढ़ा दिए हैं।


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