अजूबों का शहर लंदन

ब्रिटिश साम्राज्य की राजधानी महानगर लंदन को इस साल किये गये सर्वे में संसार के दस श्रेष्ठ नगरों में से सर्वश्रेष्ठ की मान्यता दी गई है। टोकियो, न्यूयार्क, सिंगापुर, पेरिस और रोम जैसे नगरों की तुलना में लंदन शहर को सर्वश्रेष्ठ की मान्यता देने के कई कारण हैं। विशालता, सफाई और सुंदरता के अलावा नगर की ऐतिहासिक तथा राजनैतिक उपलब्धियों का भी ध्यान रखा गया है। 
इतिहास प्रसिद्ध नदी टेम्स के किनारे बसा हुआ शहर लंदन अपनी ऐतिहासिक इमारतों, अजायबघरों, सांस्कृतिक केन्द्रों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों के लिए तो मशहूर है ही, इनके साथ यहां फूल-पौधों से भरे अनेक पार्क भी हैं इसलिए कई लोग लंदन को पार्कों का नगर भी कहते हैं। लंदन के मध्यवर्ती इलाके में स्थित है बकिंघम पैलेस जो ब्रिटेन के शाही निवास के रूप में जगत प्रसिद्ध है। हरियाली के बीच इस पैलेस के आगे विशालकाय फव्वारा है। इसे विक्टोरिया फव्वारा कहते हैं, जिसमें चतुर्दिक सुंदर फूलों की मनमोहक क्यारियां हैं। दूसरी ओर दूर तक फैला ऐतिहासिक रिजेंट पार्क हैं जिसमें अनेक प्रकार के गुलाब के पौधे लगे हैं।
लंदन के पार्कों में हाइड पार्क का विशेष स्थान है- रंग बिरंगे पुष्पों की पंक्तियों के साथ साफ पानी की झील है। जिसमें छोटी-छोटी नावें तैरती हैं। यहां दूसरी ओर हरी घास का मैदान फैला है। जहां संध्या समय लोगों की भीड़ जुट जाती है और सामाजिक विषयों पर भाषणबाजी आरंभ हो जाती है। यहां सब कुछ बोलने की छूट है, पर शाही परिवार की प्रतिष्ठा का ध्यान रखना होता है।
महानगर लंदन सदाबहार सरिता टेम्स के दोनों ओर बसा है। आवागमन के लिए इस पर कई पुल बनाये गये हैं जिनमें टावर ब्रिज सबसे अधिक मशहूर है। लोहे और पत्थरों से बनाये गए इस विशाल सेतु के मध्य स्तंभों पर बनी दो मीनारें हैं। मीनार में बने कमरों में शाही साजो-सामानों की प्रदर्शनी हैं। मध्यकालीन ब्रिटेन में खूंखार अपराधियों को भी यहां कैद कर रखा जाता था। यही से थोड़ी दूर पर ब्रिटिश पार्लियामेंट की भव्य इमारत है जिसे रोमन शैली की स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना माना जाता है। ब्रिटिश पार्लियामेंट के साथ हरी घास का सुंदर मैदान है और साथ में दूसरी तरफ वेस्ट मिस्टर एबी का ऐतिहासिक गिरजाघर है जहां शाही परिवार के सदस्यों की समाधियां भी हैं। यहां से अलग हट कर टेम्स के तट पर संसार प्रसिद्ध बिग बेन है। यह पत्थर की मीनार है जिस पर ऊंचाई पर चार दिशाओं में चार विशाल घड़ियां लगी हैं जिसके बजने की आवाज दूर-दूर तक सुनाई पड़ती है।
मध्य लंदन के इलाके में स्थित हैं, ब्रिटिश म्यूजियम की शानदार इमारत जो अपनी विशालता और ऐतिहासिक महत्त्व के लिए मशहूर है। उल्लेखनीय है कि इस संग्रहालय में भारतीय दस्तावेज नाम से अलग विभाग है जहां अनेक भारतीय वस्तुएं और अभिलेख प्रदर्शन मन बहलाव के अनेक स्थल हैं। पिकाडेली सर्कस, किंग्स क्रास, सोहो के अलावा टेऊफलर स्कवायर बहुत मशहूर है। यहां पर खुली जगह में विशाल फव्वारा लगा है जिसके मध्य में ऊंचे स्तंभ पर महान ब्रिटिश जनरल ट्राफरनगर की प्रतिमा स्थित है। संध्या समय पर यहां खूब रौनक रहती है। यहीं पर सफेद और काले कबूतरों के झुंड भी दाने चुगते रहते हैं और निडर होकर दर्शकों के कंधों और हाथों पर बैठ जाते हैं।
थियेटर और अनेक क्लबों के शहर लंदन में अब एक नया अजूबा-तुशाद गैलरी का मूर्तिघर है। यहां ब्रिटेन सहित संसार के अनेक देशों के प्रमुख व्यक्तियों - नायक-नायिकाओं, नेताओं, अभिनेताओं, राजा-रानियों की मोम से बनी प्रतिमाएं रखी गई हैं जो देखने में सजीव प्रतीत होती हैं। यहां पर भारतीय कक्ष में महात्मा गांधी, इंदिरा गांधी तथा अमिताभ बच्चन की प्रतिमाएं देखने योग्य हैं।
लंदन शहर की एक विशेषता यह भी है कि यहां की कुल जनसंख्या का एक चौथाई भाग से अधिक विदेशी मूल का है, जो यहां के समाज में रंग-बिरंगी छटा बिखेरता है। एक अनुमान के अनुसार यहां की कुल जनसंख्या का लगभग दस प्रतिशत भाग भारतीय उपमहाद्वीप यानी भारत, पाकिस्तान, बर्मा, बांग्लादेश, श्रीलंका, भूटान तथा नेपाल से आये हुए लोगों का है। तभी तो लंदन के कई इलाकों में मंदिर-मस्जिद के अलावा बौद्ध तथा पारसी पूजास्थल मिल जाते हैं। यहां साउथ हाल इलाके को छोटा भारत तथा विंबलीज में स्थित स्वामी नारायण मंदिर को लंदन का गुजरात कहा जाता है।
यातायात मामले तथा परिवहन के सुगम साधन के लिए भी महानगर लंदन की सराहना की जा सकती है। रेल और रंग-बिरंगी बसों के अलावा सुरंगों में होकर दौड़ती रहने वाली मेट्रो गाड़ियां जिसे लंदनवासी ट्यूब कहते हैं, आवागमन को सुविधाजनक बना देती है। टेम्स नदी में बड़े जलयानों के साथ मोटर बोट की सवारी भी सुखद होती है। महानगर की यातायात व्यवस्था के कड़े नियमों के बावजूद मोटर कारों की बढ़ती संख्या के कारण अब यहां भी ट्रैफिक जाम की समस्या पैदा हो गई है।
लंदन अपनी अनेक शिक्षण संस्थानों और विश्वविद्यालयों के लिए भी प्रसिद्ध है जहां बड़ी संख्या में लोग बाहर से यहां शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए आते रहते हैं। विशेषकर इंजीनियरिंग और मैडीकल की पढ़ाई अच्छी मानी जाती है। लंदन में ही टेम्स नदी के किनारे ग्रीनविच ग्राम है जहां से संपूर्ण भू-मंडल की पैमाइस के लिए जीरो डिग्री देशांतर आरंभ होता है। यह भी अनुसंधान कर्ताओं के लिए दर्शनीय स्थल है।
लंदन पहुंचने के लिए जलमार्ग और वायुमार्ग का ही अधिक उपयोग होता है। यहां हवाई अड्डा हिथ्रो एयरपोर्ट है, जो दुनियां का व्यस्तम हवाई अड्डा माना जाता है। ..तो ऐसे अजूबे महानगर लंदन की सैर करने का प्रोग्राम आप भी बनायें। (उर्वशी)