लोकसभा चुनाव : प्रधानमंत्री मोदी को वाराणसी से चुनौती देंगे नितीश!

बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार केन्द्र में नरेन्द्र मोदी सरकार के खिलाफ लोगों का समर्थन प्राप्त करने के एकमात्र उद्देश्य से वाराणसी से 2024 के लोकसभा चुनाव के अभियान की शुरूआत करेंगे। सूत्रों के अनुसार इस संबंधी तारीख का फैसला विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की बैठक के बाद किया जाएगा। 
जे.डी. (यू) ने नितीश कुमार की सार्वजनिक रैली की सफलता को सुनिश्चित करने के लिए वाराणसी के पड़ोसी ज़िलों से पार्टी नेताओं को नामज़द किया है। पार्टी नितीश को विपक्ष के एक प्रमुख राष्ट्रीय चेहरे के रूप में पेश करने के लिए अपने भरसक प्रयास कर रही है, जिसके तहत झारखंड, हरियाणा तथा महाराष्ट्र जैसे कई राज्यों में उनके देश-व्यापी दौरे शामिल हैं। जे.डी. (यू) नेता उत्तर प्रदेश में अपने गठबंधन तथा सांझी बैठकों की संभावना पर चर्चा करने के लिए जल्द ही समाजवादी पार्टी प्रमुख तथा पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से बैठक कर सकते हैं।
 कांग्रेस सूत्रों ने कहा है कि ‘इंडिया’ गठबंधन की सहयोगी पार्टियां अपनी एकता की पुष्टि करेंगी तथा लोकसभा चुनाव में भाजपा का मुकाबला करने के विकल्प तथा सकारात्मक एजेंडे पर चर्चा करेंगी। उत्तर प्रदेश में जे.डी. (यू) नेताओं का मानना है कि आगामी वर्ष होने वाले आम चुनाव में नितीश कुमार को फूलपुर या मिज़र्ापुर की कुरमी बहुसंख्यक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए। नितीश कुमार ओबीसी समुदाय से आते हैं और ‘इंडिया’ गठबंधन उत्तर प्रदेश में ओबीसी तक पहुंच बनाने के लिए इसका लाभ लेने की उम्मीद कर रहा है। 
राहुल ने पुन: उठाया ओबीसी, जातीय जनगणना का मुद्दा
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ तथा राजस्थान विधानसभा चुनाव में हारने के बाद राहुल गांधी अपने ओबीसी एजेंडे पर अडिग हैं। उनका तर्क है कि नरेन्द्र मोदी सरकार जातीय जनगणना के मूल मुद्दों पर से लोगों का ध्यान भटकाने पर आमादा है। राहुल ने कहा, ‘प्रधानमंत्री स्वयं ओबीसी हैं, परन्तु सवाल यह नहीं है। मुद्दा भागीदारी (प्रतिनिधित्व) का है। संस्थागत ढांचे में ओबीसी, दलित तथा आदिवासियों की भागीदारी क्या है? धन पर कौन कब्ज़ा कर रहा है? हम यह सुनिश्चित बनाएंगे कि समाज के गरीबों तथा पिछड़े वर्गों को उनका अधिकार मिले।’ कांग्रेस इस धारणा से सहमत नहीं है कि भाजपा ने मोहन यादव को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बना कर ओबीसी के सवाल को हल कर लिया था। शिवराज सिंह चौहान भी ओबीसी हैं और अनुभवहीन यादव की तुलना में कहीं अधिक शक्तिशाली एवं मज़बूत नेता थे। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि मोदी-शाह ने संसदीय चुनावों से ठीक पहले प्रसिद्ध नेताओं को दृष्टिविगत करके एक बड़ा जोखिम उठाया है और कांग्रेस की वापसी के लिए एक बड़ी शुरुआत की है। 
खड़गे चुनेंगे छत्तीसगढ़ का नया प्रमुख 
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस विधायक दल ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित करके पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को राज्य विधानसभा में अपना नेता चुनने के लिए सहमति दे दी है। बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित सभी 35 नये चुने गए विधायक शामिल हुए, जहां राज्य में कांग्रेस की प्रभारी कुमारी शैलजा तथा उपाध्यक्ष अजय माकन भी मौजूद थे। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा था,जिसमें विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने 90 में से 54 सीटें जीत कर सत्ता में शानदार वापसी की। ऐेसे संकेत हैं कि पूर्व केन्द्रीय मंत्री डा. चरण दास महंत कांग्रेस विधायक दल की पसंद बन कर उभर सकते हैं। प्रदेश कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के रूप में आदिवासी समुदाय के एक व्यक्ति दीपक बैज हैं, इसलिए यह विश्वास है कि कांग्रेस विधायक दल के नेता का पद किसी ओबीसी नेता को मिल सकता है। इस दौरान बैठक से ठीक पहले विधायक ब्रिहस्पत सिंह का प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को लिखा पत्र सामने आया।
 आदिवासी नेता ने पार्टी की हार के लिए पूर्व उप-मुख्यमंत्री टी.एस. सिंह देव तथा अखिल भारत कांग्रेस कमेटी की महासचिव कुमारी शैलजा को ज़िम्मेदार ठहराया। उन्होंने पंचायत तथा ग्रामीण विकास विभाग का कार्यभार छोड़ने के सिंह देव के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत सात लाख घरों का निर्माण करने में अपनी ही सरकार की विफलता के खिलाफ खुले आरोपों  भाजपा को कांग्रेस सरकार को घेरने का अवसर दिया था। 
सपा को पुन: जीवित करने को कोशिश
2024 के लोकसभा चुनावों से पहले समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव अपनी पार्टी का समर्थन आधार बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश में कई छोटी पार्टियों से हाथ मिलाने पर विचार कर रहे हैं। अखिलेश यादव अपने पी.डी.ए. (पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक) मुद्दे पर पूरी तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं और समाजवादी पार्टी अब गैर-यादव अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) को लुभाने के लिए पूरी तरह तैयार है, जो आबादी का लगभग 35 प्रतिशत हिस्सा हैं। प्रत्येक गांव के नौजवानों से सीधे जुड़ कर भविष्य की रणनीति बना रहे हैं। 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए सपा ने उत्तर प्रदेश में मिशन 80 की तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस दौरान कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव से अपने मतभेद सुलझा लिए हैं और सूत्रों के अनुसार 19 दिसम्बर को दिल्ली में होने वाली ‘इंडिया’ गठबंधन की बैठक में अखिलेश के उपस्थित होने के संकेत मिल रहे हैं। आगामी आम चुनावों के लिए सीटों का विभाजन एजेंडे पर होने जा रहा है। (आई.पी.ए.)