कब और कहां से शुरु हुआ समाचार पत्र का प्रकाशन

आज हम विश्व में कहीं भी कोई घटना घट जाएं तो घर बैठे समाचार-पत्र द्वारा उसकी जानकारी प्राप्त कर लेते हैं आज समाचार-पत्र मनुष्य के जीवन का आवश्यक अंग बन गया हैं सुबह उठते ही हमें चाय के साथ समाचार-पत्र की भी ज़रूरत महसूस होती है। 
आज विश्व के प्रत्येक भाग में प्रत्येक भाषा में प्रात:कालीन, दोपहर व सायंकालीन अलग-अलग संस्करण छपते हैं जिन्हें पढ़कर दुनियाभर के अरबों व्यक्ति नई जानकारियों से अवगत होते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि समाचार-पत्र का विकास कैसे हुआ तथा उसे आज के वर्तमान स्वरूप में लाने के लिए कितनी मेहनत और प्रयास करना पड़ा हैं? विश्व में सबसे पहले समाचार-पत्र 1300 वर्ष पूर्व चीन में शुरू हुआ था जिसका नाम था ‘चिना पाओ’। दूसरा समाचार-पत्र रोम में ‘एक्ट्रा ड्यूरना’ प्रकाशित हुआ था। 
विश्व का सर्वप्रथम दैनिक समाचार-पत्र ‘मॉर्निंग पोस्ट’ था जो 1762 में लंदन से छपना प्रारंभ हुआ था। इसके बाद लंदन में ही सन् 1785 में ‘दी टाइम्स’ नामक समाचार-पत्र छपना शुरू हुआ था जो अभी भी छप रहा है। हमारे देश में सबसे पहले कलकश्रा से 29 जनवरी, 1790 में बंगाल गजट नामक समाचार-पत्र छपना प्रारंभ हुआ था।  
देश में सर्वप्रथम हिंदी समाचार-पत्र उदंत मार्तंड भी कलकश्रा से 30 मई, 1826 में छपना शुरू हुआ था। आज तो हमारे देश में हिंदी व अंग्रेजी के अलावा प्राय: सभी प्रादेशिक भाषाओं में दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक समाचार-पत्र प्रकाशित हो रहे हैं। दुनिया में आज प्रतिदिन 80 करोड से अधिक लोग समाचार-पत्र खरीदते है। संसार में सबसे अधिक समाचार पत्र रूस में प्रकाशित होते हैं। प्रसार की दृष्टि में पेरिस से प्रकाशित ला पेटिट जर्नल ऐसा पहला समाचार पत्र था जिसने सन् 1886 में दस लाख प्रतियों की प्रसार संख्या पार कर ली थी। 
जापान से प्रकाशित आशाशि शिम्बुन नामक समाचार-पत्र ने 1970 में एक करोड की प्रसार संख्या पार की ली थी। किसी एक समाचार-पत्र का सबसे बड़ा संस्करण रविवार 10 अक्तूबर, 1971 को दी न्यूयार्क टाइम्स का निकाला गया। इसमें 15 भाग, 1972 पेज, 12 लाख लाइनें विज्ञापनों की थीं तथा इसका वजन 3 किलोग्राम व कीमत 50 सैंट थी। हमारे देश में भी कई ऐसे समाचार-पत्र प्रतिदिन निकलते हैं जिनकी प्रसार संख्या पांच लाख से भी अधिक है। 


(सुमन सागर)