कई दिग्गज नेता नहीं लड़ेंगे आगामी लोकसभा चुनाव !

ममता बनर्जी, के. चंद्रशेखर राव और मायावती ने अपने-अपने राजनीतिक उत्तराधिकारी तय कर कर दिए हैं, लेकिन अभी इनमें से कोई भी नेता रिटायर नहीं हो रहे हैं। कई नेता हैं, जो सक्रिय राजनीति से रिटायर होने वाले हैं और संभव है कि अगले साल लोकसभा चुनाव वे नहीं लड़े और एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार की तरह वे राज्यसभा में चले जाएं। कम से कम चार दिग्गज नेताओं—सोनिया गांधी, एच.डी. देवगौड़ा, फारूक अब्दुल्ला और शिबू सोरेन के बारे में संकेत हैं कि वे लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे। एच.डी. देवगौड़ा और शिबू सोरेन पिछली बार लोकसभा का चुनाव लड़े थे और हार गए थे। बाद में वे राज्यसभा में चले गए थे। दोनों की सेहत बहुत अच्छी नहीं है। इसलिए दोनों लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे। कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी अगले साल मार्च में राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनावों में कर्नाटक से राज्यसभा सदस्य बन सकती हैं। अगर वह राज्यसभा में जाती हैं तो इसका मतलब होगा कि वह रायबरेली से लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगी। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस वहां से किसे लड़ाती है, क्योंकि अमेठी और रायबरेली सीट हमेशा गांधी परिवार के सदस्यों के पास या परिवार के बहुत करीबी किसी व्यक्ति के पास रही है। उधर नेशनल कान्फ्रैंस में यह तय होने की खबर है कि फारूक अब्दुल्ला उम्र और खराब सेहत के कारण श्रीनगर सीट से लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे। 
पार्टी प्रवक्ता की भूमिका में प्रधानमंत्री
लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा की रणनीति में एक बड़ा बदलाव दिख रहा है। अब भाजपा के आईटी सेल और आधिकारिक सोशल मीडिया अकाऊंट के मुकाबले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सोशल मीडिया हैंडल से कांग्रेस और विपक्ष पर ज़्यादा हमला हो रहा है। अब तक प्रधानमंत्री मोदी के एक्स (ट्विटर) हैंडल से उनके आधिकारिक कार्यक्रमों की सूचना उनके भाषणों के क्लिप्स और बधाई-शुभकामना-श्रद्धांजलि आदि के पोस्ट होते थे, लेकिन अब उससे हर छोटे-बड़े मुद्दे पर कांग्रेस और विपक्षी पार्टियों पर हमले किए जा रहे हैं और वह भी संबित पात्रा, सुधांशु द्विवेदी और गौरव भाटिया जैसे अपने पार्टी प्रवक्ताओं के अंदाज़ में। इसकी शुरुआत पांच राज्यों के चुनाव नतीजे आने के तुरंत बाद हुई। उन्होंने ढेर सारे ‘इमोजी’ के साथ कांग्रेस पर हमला किया और कहा कि वह अपने अहंकार, अज्ञानता के साथ खुश हैं। उन्होंने लोगों को आगाह किया कि वे कांग्रेस और विपक्ष के विभाजनकारी एजेंडे से सावधान रहें।
 प्रधानमंत्री मोदी ने शराब कारोबारी और कांग्रेस सांसद धीरज साहू के यहां से 350 करोड़ रुपये की नकदी बरामद होने पर भी दो ट्वीट किए। पहली पोस्ट में उन्होंने कहा कि नोटों से भरी अलमारियां देखिए और ईमानदारी पर कांग्रेस नेताओं का भाषण सुनिए। उन्होंने यह भी कहा कि लूट की पाई-पाई वसूली जाएगी। इसके तीन-चार दिन के बाद एक अन्य ट्वीट में उन्होंने नेटफ्लिक्स के चर्चित स्पेनिश शो ‘मनी हाइस्ट’ का ज़िक्र करते हुए कहा कि भारत में लोगों को ‘मनी हाइस्ट’ देखने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि यहां 70 साल कांग्रेस की लूट चली है।
राहुल की यात्रा रद्द
कांग्रेस नेता राहुल गांधी 9 दिसम्बर को एक हफ्ते की विदेश यात्रा पर जाने वाले थे, लेकिन नहीं गए। वह वियतनाम, मलेशिया आदि दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के दौरे पर जाने वाले थे। वहां उन्हें सेमिनार में हिस्सा लेना और लोगों से मिलना था। माना जा रहा है कि राहुल गांधी का कार्यक्रम यह सोच कर बना था कि पांच राज्यों के चुनावों में कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन करेगी और कम से कम तीन राज्यों में सरकार बनाएगी। ऐसे में वह एक विजेता के तौर पर विदेश दौरे पर जाएंगे। लेकिन कांग्रेस की यह योजना चौपट हो गई। कांग्रेस चार राज्यों में विधानसभा का चुनाव हार गई। कांग्रेस नेताओं ने दबी जुबान में माना कि नतीजों की वजह से राहुल की यात्रा रद्द हुई तथा दूसरी ओर संसद का शीतकालीन सत्र भी चल रहा है, इसलिए राहुल का दिल्ली में रहना ज़रूरी है, लेकिन हकीकत यह है कि सोशल मीडिया के दबाव में राहुल की यात्रा स्थगित हुई। असल में चुनाव नतीजे आते ही सोशल मीडिया में प्रचार होने लगा और मीडिया समूहों ने भी लिखना शुरू कर दिया कि राहुल विदेश चले गए। यह चर्चा तब थमी जब तेलंगाना के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के साथ उनकी तस्वीर आई। कांग्रेस को लगा कि भले ही राहुल राजनीतिक काम से या ब्रांडिंग के लिए विदेश जा रहे हों, लेकिन प्रचार होगा कि चुनावी हार के बाद राहुल विदेश चले गए। इससे फिर भाजपा को राहुल के अगंभीर नेता होने का नैरेटिव बनाने का मौका मिलेगा, जिसे कांग्रेस लोकसभा चुनाव से पहले वहन नहीं कर सकती है।
भाजपा बनाम महुआ मोइत्रा
भाजपा ने तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता समाप्त करा दी। पहले उसके एक सांसद ने महुआ के भागीदार रहे एक व्यक्ति की ओर से मुहैया कराए गए दस्तावेज़ों के आधार पर आरोप लगाया कि महुआ ने पैसे लेकर संसद में सवाल पूछे हैं। फिर उसी भाजपा सांसद ने स्पीकर से लेकर लोकपाल तक महुआ की शिकायत की। फिर भाजपा सांसद की अध्यक्षता वाली एथिक्स कमेटी में भाजपा के सांसदों ने 6-4 के बहुमत से महुआ को लोकसभा से निष्कासित करने का प्रस्ताव मंजूर कराया। उसके बाद इस रिपोर्ट को लोकसभा में ध्वनि मत से पारित कराया गया। इस तरह से महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता समाप्त हो गई। 
महुआ पहली बार की लोकसभा सांसद थीं और अपने फायरब्रांड भाषणों की वजह उन्हें खूब लोकप्रियता मिली थी। फासीवाद पर दिए अपने भाषण और अडानी के खिलाफ स्टैंड को लेकर वह चर्चा में रहीं। पैसे लेकर सवाल पूछने के आरोपों के बाद भारत में नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में उन्हें समर्थन मिला। पार्टी ने उनकी सदस्यता समाप्त होने से पहले ही संगठन की बड़ी उन्हें ज़िम्मेदारी सौंप दी थी। अब पार्टी ने उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ाने का ऐलान किया है। वह खुद कह रही हैं कि वह पहले से ज्यादा अंतर से जीतेंगी। सदस्यता खत्म होने को उन्होंने महिला को प्रताड़ित करने का मुद्दा बनाया है। भाजपा भी महिला मतदाताओं को अपने साथ जोड़ने के अभियान में लगी है, लेकिन ममता और महुआ मोइत्रा का मामला बंगाल में भाजपा को भारी पड़ सकता है।
धीरज साहू को रियायत नहीं 
झारखंड से कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य धीरज साहू और उनके रिश्तेदारों से जुड़े शराब कारोबार के कार्यालयों पर आयकर विभाग ने छापे मार कर करीब तीन सौ करोड़ रुपये नकद पकड़े हैं। पहले कहा गया कि उनका शराब का बहुत बड़ा कारोबार है और यह कारोबार कच्चा माना जाता है, जिसमें हर दिन करोड़ों रुपये नकद ही आते हैं। इसलिए धीरज साहू और अन्य कारोबारियों को यह साबित करने मे दिक्कत नहीं आएगी कि यह वैध पैसा है, जो बैंक में जमा होने से पहले पकड़ लिया गया, लेकिन ऐसा नहीं लग रहा है कि आयकर विभाग से इस आधार पर धीरज साहू को राहत मिल पाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ट्वीट के बाद उनकी मुश्किल बढ़ गई हैं। हालांकि कोई दो साल पहले कानपुर के इत्र कारोबारी पीयूष जैन के यहां जीएसटी का छापा पड़ा था, जिसमें दो सौ करोड़ रुपये की नकदी के साथ कोई चार सौ करोड़ रुपये की ज़ब्ती हुई थी, लेकिन उनकी यह बात मान ली गई थी यह उनका पैसा वैध है और वह जीएसटी का जुर्माना भर कर छूट गए थे, लेकिन वैसी राहत धीरज साहू को नहीं मिलेगी। इसका कारण यह है कि जैन के यहां छापे के बाद प्रधानमंत्री ने ट्वीट नहीं किया था और उनके यहां छापा समाजवादी पार्टी के करीबी पीयूष जैन के भ्रम में पड़ा था।