मन के स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी है अच्छी नींद

बच्चों के लिए यह कहावत बहुत मशहूर है कि ‘जब बच्चा पूरी नींद लेकर स्वयं उठता है तो वह प्रफुल्लित रहता है।’ वैसे यह बात सब पर चरितार्थ होती है। नींद पूरी होने पर जो ताजगी चेहरे पर दिखती है, उसकी बात ही कुछ और होती है। जिन लोगों की नींद किसी कारण से पूरी नहीं होती, वे सुबह थके थके, उनींदे लगते हैं।
नींद पूरी न होने के कई कारण हैं जैसे बुढ़ापा, देर रात तक जागना, तनावग्रस्त रहना, शारीरिक तकलीफ होना, बुखार होना, चाय कॉफी का अत्यधिक सेवन करना, बिस्तर चेंज होना, स्थान में परिवर्तन होना आदि। ये कारण जानने पर अधिक परेशान न हों। यदि सभी परिस्थितियां अनुकूल हैं और फिर भी नींद आने में परेशानी हो तो इसे समस्या समझना चाहिए।
यदि आप भी इस समस्या से परेशान हैं तो अपनाइये कुछ टिप्स। शायद कुछ हद तक छुटकारा मिल सके।
स्कूल जाने वाले छोटे बच्चों को 8-10 घंटे तक नींद लेनी चाहिए जबकि किशोर किशोरियों के लिए 8-9 घंटे की नींद ज़रूरी है। युवाओं और प्रौढ़ों के लिए 7-8 घंटे की नींद पर्याप्त है।
बिस्तर आरामदेह होना चाहिए और कमरे का तापमान भी सामान्य होना चाहिए। अधिक ठंडा या गर्म तापमान भी नींद न आने में विघ्न डालता है।
अपने बैडरूम में टीवी, कम्प्यूटर, लैपटॉप, म्यूजिक सिस्टम को जगह न दें क्योंकि ये इलेक्ट्रानिक गैजेट्स भी नींद भगाने में सहायक होते हैं।
बिस्तर पर जाने से तीन चार घंटे पहले चाय, कॉफी का सेवन न करें। कैफीन भी नींद को दूर भगाती है।
अपनी एक डायरी बनायें जिसका नाम ‘वरी डायरी’ रखें। सोने से पहले दिन भर किन परेशानियों से जूझना पड़ा उसे नोट कर लें। डायरी बैड रूम में सोने से पहले न लिखें। इसे किसी अन्य कमरे में सोने से एक घंटा पहले लिखें और वहीं छोड़ दें जिससे परेशानियां आपके साथ बैडरूम में न जाने पायें और आप शांत मन से अपने सोने वाले कमरे में जाएं ताकि शांत नींद आ सके।
रात के खाने का टाइम बार बार न बदलें। हो सके तो रात्रि का खाना 8 बजे से पहले खा लें ताकि सोने तक आपका पेट कुछ हल्का हो जाए।
रात्रि में भोजन हल्का करें। भारी भोजन से परहेज करें।
बहुत सारे लोगों को रात्रि में सोने से पहले 1 गिलास गर्म दूध पीने की आदत होती है। ऐसे में खाना 7 बजे तक खा लें। 9:3-10:00 बजे तक दूध पी सकते हैं। नींद अच्छी आती है। योग और ध्यान से तनाव कुछ कम होता है और हमारी नसें शांत होती हैं। इससे नींद अच्छी आती है।
नींद न भी आ रही हो तो लाइटें बंद कर आंखें बंद कर चुपचाप बिस्तर पर लेटे रहें। अपनी आती जाती सांसों पर ध्यान दें। नींद जल्दी आ जाएगी। 
(स्वास्थ्य दर्पण)