जो राम के बिना भारत की कल्पना करते हैं, वो भारत को नहीं जानते - अमित शाह

नई दिल्ली, 10 फरवरी - गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "राम मंदिर आंदोलन से अनभिज्ञ होकर कोई भी इस देश के इतिहास को पढ़ ही नहीं सकता। 1528 से हर पीढ़ी ने इस आंदोलन को किसी न किसी रूप में देखा है। ये मामला लंबे समय तक अटका रहा, भटका रहा।  मोदी जी के समय में ही इस स्वप्न को सिद्ध होना था और आज देश ये सिद्ध होता देख रहा है।" गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, " जो राम के बिना भारत की कल्पना करते हैं, वो भारत को नहीं जानते। वो हमारे गुलामी के काल का प्रतिनिधित्व करते हैं।..राम प्रतीक हैं कि करोड़ों लोगों के लिए आदर्श जीवन कैसे जीना चाहिए, इसीलिए उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहा गया है।  उन्होंने कहा कि, "22 जनवरी आने वाले वर्षों के लिए एक ऐतिहासिक दिन होगा...यह वह दिन था जिसने सभी राम भक्तों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा किया..." गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "22 जनवरी का दिन महान भारत की यात्रा की शुरुआत का दिन है।  ये दिन मां भारती विश्व गुरु के मार्ग पर ले जाने को प्रशस्त करने वाला दिन है। इस देश की कल्पना राम और रामचरितमानस के बिना नहीं की जा सकती। राम का चरित्र और राम इस देश के जनमानस का प्राण है।