तनाव में बच्चे दांत क्यों किटकिटाते हैं?

दांतों का किटकिटाना एक आम समस्या है। छोटी आयु के बच्चों में अक्सर यह पाया गया है कि रात को सोते-सोते बच्चे अपने दांत किटकिटाते हैं। कभी-कभी यह समस्या बड़े बच्चों में भी देखी गई है। ऐसे में डॉक्टरी सलाह ले लेनी चाहिए। कभी-कभी दांतों की समस्या के कारण भी ऐसा हो सकता है। 
दांतों का किटकिटाना बच्चों को नींद में स्वयं को पता नहीं चलता। उनके साथ सो रहे उनके माता-पिता को ही पता चलता है। ऐसे में यदि आप बच्चे को जगाते भी हैं तो उन्हें ऐसा कोई आभास नहीं होता कि कुछ क्षण पहले वे दांतों से आवाज कर रहे थे। यदि कभी-कभी बच्चे ऐसा करें तो ध्यान नहीं देना चाहिए। अक्सर ऐसा करने पर दांतों के डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।
कारण
कुछ लोगों का कहना है कि बच्चे दांत इसलिए किटकिटाते हैं क्योंकि उनके पेट में कीड़े हैं। विज्ञान तो इन बातों को नहीं मानता परन्तु कीड़ों की दवा देने में कोई हर्ज नहीं होता। वैसे भी डॉक्टरों के अनुसार बच्चों को छ: माह में एक बार ‘डी-वर्म’ करवा लेना चाहिए। 
कभी-कभी मानसिक तनाव के कारण भी बच्चे ऐसा करते हैं। ये तनाव पारिवारिक, स्कूल की किसी समस्या को लेकर, अधिक काम के बोझ के कारण, दोस्तों में सही तालमेल न होने के कारण आदि हो सकते हैं। कभी-कभी ऐसे बच्चे अपना गुस्सा उस समय न निकालकर अपने अंदर पी जाते हैं। उन बच्चों को भी रात्रि में ऐसा हो सकता है। 
दांतों में किसी प्रकार से किसी छिद्र का होना, दांतों की बनावट ठीक न होना, दांतों में फिलिंग सही न होने के कारण से कुछ बच्चों और बड़ों में दांतों के किटकिटाने की समस्या का कारण हो सकता है।
सुझाव
रात्रि में बच्चों को मौसम के अनुसार ताजे या गुनगुने पानी से नहलाकर सुलायें।
जिन बच्चों का स्वभाव जिज्ञासु है, उनकी जिज्ञासा को शांत करने का प्रयास करें।
लम्बे सांस लेने का व्यायाम ऐसे बच्चों को प्रतिदिन करवायें।
रात्रि में सोने से पहले बच्चों को प्यार भरा वातावरण दें। टी.वी. पर कोई लड़ाई, झगड़े संबंधी प्रोग्राम न देखें।
डॉक्टरी परामर्श अनुसार रात्रि में सोने से पहले दांतों में ‘रबड़ गार्ड’ लगायें जिससे दांतों की सुरक्षा बनी रह सके।
बच्चों में किसी प्रकार का डर हो तो उनसे प्यार से बात कर डर की भावना दूर करने का प्रयास करें। ऐसे में मनोवैज्ञानिक मदद भी ले सकते हैं।
यदि बच्चे अकेले कमरे में सोते हुए ऐसा करते हैं तो सोने से पूर्व उनको सहला कर सुलाने के बाद ही आप अपने बिस्तर पर जायें। (स्वास्थ्य दर्पण)