बेहद दुखद घटनाक्रम

विगत दिवस ज़िला संगरूर के हल्का दिड़बा के एक गांव गुज्जरां में ज़हरीली शराब पीने से घटित हुआ बड़ा घटनाक्रम जिस में पांच व्यक्तियों की मृत्यु हो गई थी, से इलाके में सहम पैदा हो गया था। लोग सतर्क भी हो गए थे तथा यह प्रभाव भी मिला था कि शायद घटित यह दुखांत एक दो गांवों तक ही सीमित रहेगा, परन्तु धीरे-धीरे संगरूर ज़िले के कई अन्य गांवों में भी ऐसी शराब पीने से हो रही मौतों एवं भारी संख्या में मरीज़ों के अस्पतालों में भर्ती होने के समाचार आने से यह मामला बेहद गम्भीर हो गया है। 
अब तक की जानकारी के अनुसार गुज्जरां गांव के अलावा ढंडोली, रविदासपुरा टिब्बी आदि गांवों में भी ऐसे घटनाक्रम घटित हुये हैं तथा कुल 21 लोगों की मृत्यु हो गई है। 20 से अधिक लोग अस्पताल में उपचाराधीन हैं। इस अवैध शराब कांड ने अन्य नशों पर भी नियन्त्रण पाने के सरकारी दावों की पोल पूरी तरह खोल दी है। लगभग दो वर्ष पहले आम आदमी पार्टी की सरकार बनने से पूर्व तथा बाद में भी मुख्यमंत्री भगवंत मान लगातार ऊंचे स्वर में ऐसे बयान देते रहे थे कि उनकी सरकार की ओर से प्रदेश में फैले नशों को पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा, परन्तु दो वर्ष पहले किये गये इन वायदों एवं दावों के ढोल की पोल उस समय खुल गई, जब मुख्यमंत्री के अपने ही ज़िले में ऐसा ज़हर फैलने के विवरण सामने आये। प्रतिदिन यह दुखांत और भी बड़ा हो रहा है। मरने वालों की एवं गम्भीर बीमारों की संख्या बढ़ती जा रही है परन्तु मुख्यमंत्री साहिब को न तो शोकमय परिवारों के घरों में जाकर हमदर्दी प्रकट करने का समय मिला तथा न ही उन्हें ज़िले के भिन्न-भिन्न अस्पतालों में जाकर गम्भीर हालत में पड़े बीमारों की सुध लेने का समय मिला। इस समय के दौरान न सिर्फ उनकी ओर से गाये जा रहे गीतों के वीडियो ही सोशल मीडिया पर नशर हुए, अपितु उनके अनेक तरह की ढींगें मारने वाले बयानों का सिलसिला भी तेज़ हो गया। यहां यह भी वर्णननीय है कि पूर्व सरकारों के समय के दौरान यदि कहीं ऐसा ़गमगीन घटनाक्रम घटित होता था तो मौजूदा मुख्यमंत्री उस समय अपने साथियों को साथ लेकर स्थान-स्थान पर धरने-प्रदर्शन करते थे, तथा लगातार ये बयान देते रहते कि उनकी सरकार बनने पर वह हर स्थिति में ऐसे मामलों की जांच करवाएंगे तथा आरोपियों को सज़ा देंगे।
 पूर्व सरकार के समय राजपुरा के निकट एक बार अवैध शराब बनाने वाली एक फैक्टरी पकड़ी गई थी, जिसमें भारी मात्रा में अवैध शराब तैयार की जाती थी। उस समय भी ‘आप’ के जरनैलों ने बढ़-चढ़ कर बयान देते हुए इस मामले की पूरी जांच करवाने की बात कही थी, परन्तु विगत दो वर्ष की अवधि में घटित पिछले ऐसे कांडों को तो जैसे मौजूदा सरकार ने भुला ही दिया हो, परन्तु उसके अपने कार्यकाल में ही जिस तरह ऐसे दुखद घटनाक्रमों का रुझान बढ़ा है, वह बेहद चिन्ताजनक है। मिल रही सूचनाओं के अनुसार अवैध शराब तथा अन्य नशों का रुझान पहले से कहीं बढ़ गया है तथा प्रत्येक स्थान पर ऐसे नशे सरेआम बिकते दिखाई दे रहे हैं, जिससे इस सरकार की ज़मीनी स्तर पर सक्रियता की निरर्थकता सामने आती है। ऐसी स्थिति में आज हर ओर निराशा का आलम ही छाया दिखाई देता है।

—बरजिन्दर सिंह हमदर्द