झारखंड में ‘ऑपरेशन लोटस’ फिर नाकाम 

झारखंड में भाजपा का ऑपरेशन लोटस यानी सरकार गिराने का खेल एक बार फिर नाकाम रहा। दिसम्बर 2019 में राज्य में हेमंत सोरेन की सरकार बनने के बाद से अब तक भाजपा ने सरकार गिराने के अनगिनत प्रयास किए। हर बार विधायकों के टूटने और भाजपा के साथ जाने या अलग पार्टी बनाने की खबरें आईं। हेमंत सोरेन को अपने विधायक छिपाना भी पड़े, लेकिन भाजपा को कामयाबी नहीं मिली। अब सरकार का कार्यकाल चार महीने का बचा है, फिर भी भाजपा ने सरकार गिराने का प्रयास किया है ताकि चुनाव राष्ट्रपति शासन के तहत हो सके, लेकिन अब भी कामयाबी नहीं मिली।
 टीवी चैनलों के मुताबिक इस बार के प्रयास में तो झारखंड के चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान, सह प्रभारी हिमंत बिस्व सरमा और पश्चिम बंगाल में भाजपा विधायक दल के नेता शुभेंदु अधिकारी भी शामिल थे। इससे पहले के प्रयासों में भी हिमंत सरमा के साथ देवेंद्र फडनवीस का नाम आया था लेकिन टीवी चैनल खुल कर नहीं बता रहे थे कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक भाजपा के किस-किस नेता के सम्पर्क में हैं। इस बार यह बताया गया, लेकिन रविवार की शाम होते-होते सारा खेल टांय-टांय फिस्स हो गया। भाजपा को उम्मीद थी कि पूर्व मुख्यमंत्री चम्पई सोरेन के साथ चार-पांच विधायक टूट कर आ सकते हैं, लेकिन जिन विधायकों के टूटने का दावा किया जा रहा था, उन सभी ने ऐसी खबरों का खंडन कर दिया। बाद में चम्पई सोरेन से भाजपा ने ही पल्ला झाड़ लिया। कांग्रेस के विधायक भी मोटे तौर पर एकजुट रहे।
मोदी और राहुल की अमरीका यात्रा 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार संयुक्त राष्ट महासभा की सालाना बैठक में हिस्सा लेने अमरीका जाएंगे तो लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का भी अमरीका जाने का कार्यक्रम है। पहले राहुल अमरीका जाएंगे। नेता प्रतिपक्ष के रूप में उनकी यह पहली अमरीका यात्रा होगी। उनकी हर विदेश यात्रा खास कर अमरीका और ब्रिटेन की यात्रा हमेशा बहुत चर्चित रहती है और कोई न कोई विवाद ज़रूर खड़ा होता है। वैदेशिक मामलों पर उनको राय देने वाले सैम पित्रोदा अमरीका में ही रहते हैं, जिन्हें फिर से ओवरसीज़ कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया है। राहुल 14 और 15 सितम्बर को अमरीका में रहेंगे। वहां वह कई संगठनों के लोगों से मिलेंगे। यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा का आईटी सेल यह खोज कर निकालता है या नहीं कि राहुल अमरीका मे जॉर्ज सोरोस के किसी व्यक्ति से मिले। बहरहाल, अमरीका में राष्ट्रपति का चुनाव होने वाले हैं। चार नवम्बर को मतदान है और उससे पहले सितम्बर के तीसरे हफ्ते प्रधानमंत्री मोदी अमरीका पहुंचेंगे। वहां वह 22 सितम्बर को प्रवासी भारतीयों को संबोधित करेंगे। उस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री के भाषण से उनके रुझान का अंदाज़ा लगेगा। उसमें प्रवासी भारतीयों को संदेश देने की कोशिश हो सकती है। अमरीका में पिछले राष्ट्रपति चुनाव से पहले तो मोदी ने सीधे ‘अबकी बार ट्रम्प सरकार’ का नारा लगवा दिया था। तब डोनाल्ड ट्रम्प राष्ट्रपति थे। हालांकि वह चुनाव हार गए थे। इस बार फिर ट्रम्प चुनाव लड़ रहे हैं, जिनका मुकाबला भारतीय मूल की कमला हैरिस से है।
दल बदलुओं को राज्यसभा में भेजा
लोकसभा चुनाव के बाद से भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस मामले में सोच-विचार कर रहे हैं कि आखिर कहां गड़बड़ हुई, जिससे नतीजे मनमाफिक नहीं आए। इस विचार मंथन में एक सामान्य बात सामने आ रही है कि भाजपा ने बाहर से आए एक सौ से ज्यादा नेताओं को लोकसभा चुनाव का टिकट दिया, जिनमें से ज्यादातर हार गए। अपने नेताओं को दरकिनार कर बाहरी नेताओं पर भरोसा करने का भाजपा को नुकसान हुआ। इसके बावजूद भाजपा ने अब राज्यसभा की नौ सीटों के लिए उम्मीदवारों का ऐलान किया तो तीन सीटों पर दूसरी पार्टियों से आए नेताओं को उम्मीदवार बनाया है।
 लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए और लुधियाना से लोकसभा का चुनाव हारे रवनीत सिंह बिट्टू को राजस्थान से राज्यसभा भेजा जा रहा है। उन्हें चुनाव हारने के बाद केंद्र में मंत्री भी बनाया गया। इसी तरह लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुईं कांग्रेस विधायक किरण चौधरी को हरियाणा से राज्यसभा भेजा जा रहा है। भाजपा में इस बात को लेकर हैरानी है कि उसके पास क्या सिख और जाट नेताओं की इतनी कमी है कि तीन महीने पहले कांग्रेस से आए नेताओं को राज्यसभा भेजा जाए? ऐसे ही ओडिशा में भी बीजू जनता दल की ममता मोहंता भाजपा में शामिल हुईं और राज्यसभा से इस्तीफा दिया तो फिर उस सीट से उन्हें ही उम्मीदवार बना दिया गया। बिहार में एक सीट भाजपा ने अपने किसी नेता को देने की बजाय बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन मिश्रा को दी है।
भारतीय रेलवे की बदहाली की कहानी 
इन दिनों भारतीय रेलवे को लेकर लगभग हर दिन कहीं न कहीं से दुर्घटना की खबर आ रही है। अगर यात्री गाड़ी की दुर्घटना नहीं हो रही है तो कहीं न कहीं से मालगाड़ी पटरी से उतरने की खबर आ रही है। इन दुर्घटनाओं के शोर में एक दूसरी हकीकत छिपाई जा रही है। यात्रियों के लिहाज से रेलवे की स्थिति ठीक नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक समय कहा था कि हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई जहाज़ से चलेगा, लेकिन हकीकत यह है कि अब सूट-बूट वालों के लिए भी हवाई यात्रा मुश्किल हो गई है और दूसरी ओर आम लोगों की सवारी यानी ट्रेनों की संख्या लगातार घट रही है। चूंकि अब रेल बजट अलग से पेश नहीं होता है और आम बजट में भी उसका जिक्र सिर्फ सरसरी तौर पर होता है। इसलिए लोगों को मालूम ही नहीं हो पाता है कि 2014 के मुकाबले अब कम यात्री ट्रेनें चलती हैं। पिछले 10 साल में यात्रियों की संख्या में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई, लेकिन यात्री ट्रेनें कम हो गईं और उसी अनुपात में यात्रियों की संख्या भी कम हो गई। अब ट्रेनों में 2014 के मुकाबले कम यात्री सफर करते हैं। रेल मंत्रालय ने स्लीपर और सामान्य वर्ग के डिब्बों की संख्या बहुत कम कर दी है और एसी डिब्बों की संख्या बढ़ा दी है। 
ओडिशा के मुख्यमंत्री की अक्षम्य गलती! 
दो महीने पहले ओडिशा के मुख्यमंत्री बने मोहन चरण माझी ने एक ऐसी गलती कर दी, जो नरेंद्र मोदी और अमित शाह की भाजपा में अक्षम्य मानी जाती है। हालांकि उन्होंने 24 घंटे के अंदर गलती सुधार ली, लेकिन गलती तो गलती है, जो उनके खाते में दर्ज हो गई। हुआ यह कि मोहन चरण माझी ने दिल्ली के सभी बड़े अंग्रेज़ी अखबारों में पूरे-पूरे पन्ने का विज्ञापन छपवा दिया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो नहीं थी। माझी और उनके जन सम्पर्क विभाग ने सिर्फ मुख्यमंत्री की फोटो के साथ सारे विज्ञापन छपवा दिए। भाजपा शासित राज्यों के लिए यह अघोषित नियम है कि उनके विज्ञापन में प्रधानमंत्री की फोटो होगी और वह मुख्यमंत्री की फोटो से बड़ी होगी। ओडिशा के मुख्यमंत्री ने पेरिस ओलम्पिक में हॉकी का कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय टीम के स्वागत का कार्यक्रम रखा, जिसका विज्ञापन बुधवार यानी 21 अगस्त को छपा। उसमें सिर्फ मुख्यमंत्री की फोटो थी। इसके बाद क्या हुआ, इसकी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है, लेकिन 22 अगस्त के अखबारों में फिर उसी आकार के विज्ञापन छपे, जिनमें प्रधानमंत्री की फोटो भी थी और मुख्यमंत्री के फोटो से बड़ी थी।