मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर एम.वी.ए. में आंतरिक मतभेद

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (एम.वी.ए.) गठबंधन में इस बात को लेकर आंतरिक मतभेद चल रहे हैं कि गठबंधन का मुख्यमंत्री उम्मीदवार कौन होना चाहिए। एक ओर एन.सी.पी. (एस.पी.) प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (एम.वी.ए.) गठबंधन संयुक्त नेतृत्व में महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव सम्पन्न होने के बाद ही मुख्यमंत्री के चेहरे पर फैसला करेगा। पवार ने कहा कि यह फैसला पूरी तरह एम.वी.ए. के   सहयोगी कांग्रेस, शिवसेना (यू.टी.बी.) तथा एन.सी.पी. (एस.पी.) द्वारा जीती गईं सीटों की संख्या पर आधारित होगा। दूसरी ओर उद्धव ठाकरे गुट ने शिवसेना (यू.बी.टी.) प्रमुख उद्धव ठाकरे को एम.वी.ए. गठबंधन का मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करने की अपनी मांग को पुन: उठाया है, जबकि कांग्रेस ने पवार के रुख का समर्थन किया है। प्रदेश कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हम एम.वी.ए. के रूप में एकजुट होकर चल रहे हैं और सीटों की संख्या के आधार पर मुख्यमंत्री के चेहरे पर फैसला चुनाव के बाद लिया जाएगा। यह स्पष्ट है कि भावी मुख्यमंत्री चेहरे का मुद्दा एम.वी.ए. सहयोगियों में कुछ आंतरिक तनाव पैदा कर रहा है। 
 

बिहार उप-चुनाव लड़ेंगे प्रशांत किशोर 


जन सुराज पार्टी के 2 अक्तूबर को अस्तित्व में आने के साथ ही चुनाव सलाहकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर बिहार की चार विधानसभा सीटों पर होने वाले उप-चुनाव में अपना राजनीतिक भाग्य आज़माएंगे। किशोर ने कहा कि उनका संगठन जन सुराज पार्टी चुनाव चिन्ह मिलने के बाद उप-चुनाव लड़ सकती है। वह पहले ही जाति को ध्यान में रखते हुए, अलग-अलग जातियों की आबादी के अनुपात में टिकटों का वितरण एवं अलग-अलग जातियों में पार्टी की कमान को घुमाने की योजना की भी घोषणा कर चुके हैं। इसके अतिरिक्त वह विभिन्न राजनीतिक पार्टियों से दरकिनार किए गए नेताओं को भी अपने साथ जोड़ रहे हैं। चार विधानसभा सीटों रामगढ़, तरारी, इमामगंज तथा बेलागंज में उप-चुनाव इसलिए होने हैं, क्योंकि इन सीटों के मौजूदा विधायक इस वर्ष के शुरू में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद चुने जा चुके हैं। चार सीटों में से रामगढ़ तथा बेलागंज पर पिछले विधानसभा चुनाव में राष्ट्रीय जनता दल के विधायक सुधाकर सिंह तथा सुरेन्द्र यादव ने जीत दर्ज की थी, तरारी से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवाद) के उम्मीदवार सुदामा प्रसाद विजयी हुए थे, जो अब काराकाट से सांसद हैं। एन.डी.ए. के सहयोगी तथा हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा-सैकुलर (एच.ए.एम.-एस.) के संस्थापक जीतन राम मांझी, जो इमामगंज सीट से विधायक हैं, ने गया लोकसभा सीट से चुनाव जीतने के बाद पद छोड़ दिया था। वह मौजूदा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कैबिनेट में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम  उद्योग मंत्री हैं। हालांकि उप-चुनाव की तारीखों की घोषणा अभी नहीं की गई। 

अखिलेश-योगी के बीच ज़ुबानी जंग 

योगी सरकार द्वारा चलाई जा रही ‘बुलडोज़र न्याय’ की विवादित प्रथा पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाल ही में की गईं टिप्पणियों के बाद उत्तर प्रदेश में राजनीतिक पारा बढ़ गया है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने एक बयान में जायदादों को गिराने की बजाय उचित कानूनी कार्रवाई की ज़रूरत पर ज़ोर दिया है, जबकि समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री के आवास की वैधता पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि क्या मुख्यमंत्री के आवास का नक्शा पास हुआ है? वह निजी लाभ के लिए बुलडोज़र का इस्तेमाल करते हैं। बुलडोज़र में दिमाग नहीं होता, सिर्फ स्टीयरिंग व्हील होता है। यादव ने यह भी कहा कि 2027 में जब सपा सत्ता में वापस आएगी तो ये बुलडोज़र आदित्यनाथ के राजनीतिक गढ़ गोरखपुर की ओर मुड़ जाएंगे। इसके तुरंत बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यादव की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए कहा कि हर किसी में बुलडोज़र चलाने की ‘हिम्मत या समर्था’ नहीं होती। उन्होंने कहा कि ‘बुलडोज़र चलाने के लिए दिल एवं दिमाग दोनों की ज़रूरत होती है, जिस का अर्थ है कि सिर्फ दृढ़ संकल्प तथा समर्था वाले लोग ही ऐसे कार्यों को सम्भाल सकते हैं।’

हरियाणा में कांग्रेस-‘आप’ गठबंधन की संभावना

कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में गठबंधन के लिए ‘आप’ तथा अन्य पार्टियों के साथ बातचीत शुरू कर दी है। यह बातचीत लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की भावुक अपील के बाद शुरू हुई है। राहुल गांधी संभावित सहयोगियों को कुछ जगह देकर ‘इंडिया’ के प्रयोग को अन्य राज्यों में आगे बढ़ाने के इच्छुक दिखाई देते हैं। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस हरियाणा में ‘आप’ को 5 सीटें, जबकि समाजवादी पार्टी तथा सी.पी.आई. (एम.) को एक-एक सीट दे सकती है। हालांकि ‘आप’ 10 सीटें मांग रही है और उसकी मांग इस तर्क पर आधारित है कि उसने हरियाणा में कांग्रेस के साथ गठबंधन में एक लोकसभा सीट लड़ी थी, जिसमें 9 विधानसभा सीटें हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे भी राहुल के इस विचार से सहमत हैं कि भाजपा से मुकाबला करने के लिए एक बड़े गठबंधन की ज़रूरत है और ‘इंडिया’ गठबंधन को किसी भी स्तर पर टूटते हुए नहीं देखा जाना चाहिए। इस दौरान ‘आप’ के सूत्रों के अनुसार दोनों पार्टियों के बीच दिल्ली में भी गठबंधन के लिए बातचीत चल रही है। चाहे कि यह शुरुआती चरण में ही है, परन्तु दिल्ली कांग्रेस इकाई के नेता प्रदेश में गठबंधन के पक्ष में नहीं हैं। (आई.पी.ए.)