गुजरात का डेयरी सेक्टर ग्रामीण क्षेत्र को दे रहा है मजबूती
खेड़ा (गुजरात), 22 नवंबर - गुजरात के खेड़ा ज़िले के महुदा तालुका स्थित रूप्पुरा गाँव के अधिकांश लोग किसान और पशुपालक हैं, जिनके पास गाय-भैंस हैं जो अच्छा दूध देती हैं। यहां के छोटे किसान दूध का व्यवसाय करते हैं, खासकर जिनके पास कम या कोई ज़मीन नहीं है। गुजरात ने सहकारी डेयरी मॉडल अपनाया, जिसमें किसान अपना दूध सहकारी समितियों में जमा करते हैं, जो फिर डेयरी में जांच के बाद बड़े प्लांट्स में भेजा जाता है। इस पारदर्शी प्रक्रिया से किसानों को उनका सही दाम मिलता है। गुजरात का सहकारी मॉडल 1942 में शुरू हुआ और 2001 में नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री बनने के बाद इसमें और सुधार हुआ, जैसे बुनियादी ढांचा, तकनीकी उन्नति और महिलाओं का सहयोग। वर्तमान में 18,164 गाँवों की 36 लाख किसानों से जुड़ी समितियाँ 215 लाख लीटर दूध का प्रबंधन करती हैं और ₹80,000 करोड़ का कारोबार करती हैं। गुजरात आज देश में दूध उत्पादन में शीर्ष पर है।