डायनासोर के बारे में इन्सान को पहली बार कब मालूम हुआ ? 

‘दीदी, किसी इंसान ने तो जीवित डायनासोर को कभी देखा नहीं।’ 
‘हां। यह बात तो सही है।’
‘क्यों? कहा तो यह जाता है कि डायनासोर दुनिया के हर क्षेत्र में रहते थे।’
‘दरअसल, इस पृथ्वी ग्रह पर डायनासोर्स 6,50,00,000 वर्ष पहले रहते थे, लेकिन किसी भी प्रकार के मानव की ज़मीन पर उत्पत्ति लगभग 25,00,000 साल पहले ही हुई है। इसलिए पृथ्वी पर मानव के आने से बहुत पहले ही डायनासोर्स लुप्त हो गये थे।’
‘तो फिर डायनासोर्स के बारे में इंसान को कैसे मालूम हुआ?’
‘उनके फॉसिल या अवशेषों से मालूम हुआ। डायनासोर्स की हड्डियां अलग-अलग या कंकाल के रूप में मिली हैं। रॉक्स पर उनके फुटप्रिंट्स मिले हैं। त्वचा के इम्प्रेशंस भी रॉक्स पर मिले हैं। डायनासोर्स के अंडे भी मिले हैं।’
‘यह सब कब मालूम हुआ?’
‘इस बारे में तो कुछ शक है कि डायनासोर्स की पहली पहचान करने योग्य हड्डियां कब मिलीं। फुटप्रिंट्स के बारे में तो बहुत वर्षों से मालूम था। अनुमान यह है कि 1700 के आस पास हड्डनफील्ड, न्यू जर्सी में डायनासोर्स के कंकाल दिखायी दिये थे।’
‘यानी सही समय मालूम नहीं है।’
‘दरअसल, डायनासोर्स की जो पहली हड्डियां जांच व पहचान के लिए के लिए आज भी उपलब्ध हैं,वे इंग्लैंड में खोजी गईं थीं। एक सेट 1822 में मिला था और वह अब भी लंदन के ब्रिटिश म्यूजियम ऑ़फ नेचुरल हिस्ट्री में मौजूद है।’
‘तो इसी से ही डायनासोर का पहला वैज्ञानिक विवरण तैयार किया गया?’
‘नहीं। वह हड्डियों का दूसरा सेट था, जो लगभग उसी समय मिला था। उसके आधार पर ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर ने 1824 में डायनासोर का पहला वैज्ञानिक विवरण तैयार किया था।’
‘इसका मतलब यह हुआ कि इंसान को डायनासोर के बारे में बहुत देर में मालूम हुआ।’ 
‘हां। वैसे अब तो डायनासोर्स के स्पेसिमेंस बड़ी मात्रा में अमरीका, कनाडा, अर्जेंटीना, ब्राज़ील, भारत, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, मंगोलिया, चीन, फ्रांस, जर्मनी, पुर्तगाल, और रूस में मिले हैं। इससे मालूम हुआ है कि डायनासोर्स वास्तव में पूरी दुनिया में रहते थे।’
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर 

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