पेट में गैस बनने के घरेलू उपचार

अपनी ही भूल के कारण, खान-पान में अनियमितता करने के कारण हमारे पेट में बहुत गैस पैदा होने लगती है। यह बनकर निष्कासित होती रहे, तब तक तो तकलीफ नहीं होती मगर जब यह निकलने का नाम न ले और अफारा बना रहे, तब बड़ी ही कठिनाई होती है। असहनीय स्थिति से गुजरना पड़ता है। आइए, इस रोग से छुटकारा पाने के लिए कुछ घरेलू उपचार देखें।
- गैस कम से कम बने, इसलिए आलू, चावल, तेल, मांस, शराब आदि का सेवन बंद कर दें।
- भूखे मत रहें। पेट खाली रहेगा तो भी गैस बनेगी।
- व्रत रखना एक अच्छा उपचार है। सात दिनों में केवल आधा पौना दिन व्रत रखें।
- पुदीना, अनारदाना, प्याज, धनिया आदि की चटनी ज़रूर लिया करें।
- लहसुन, अदरक का प्रयोग अवश्य करें।
- अपनी आदत बना लें कि एक गिलास गुनगुने पानी में नींबू निचोड़ कर प्रतिदिन पिया करें। उसके बाद ही शौच आदि जाएं।
- जिन्हें कब्ज़, भी रहता हो और गैस भी काफी बनती हो, वे खाना खाने के बाद काला नमक, जीरा, नींबू मिलाकर खारा सोडा पी लें। उससे काफी आराम मिलेगा। आंतड़ियां साफ हो जाएंगी।
- जिन्हें पेट में अधिक गैस बनने की तकलीफ रहती हो, वे गर्मी के मौसम में तरबूज, खरबूजा तथा आम आदि को अधिक मात्रा में न खाएं। इनसे भी गैस बनती है।
- भोजन पचेगा, पेट साफ रहेगा तो गैस कम बनेगी। हरे साग जैसे बथुआ, पालक, सरसों का साग खाएं। खीरा, ककड़ी, गाजर, चुकन्दर भी इस रोग को शान्त रखते हैं। इन्हें कच्चा खाना चाहिए।
- नारियल का पानी दिन में तीन बार पिएं। इससे सारा कष्ट मिट जाएगा।
- खाना खाने के बाद आइसक्रीम खाना या ठंडे पेय पीना भी हानि करता है। ऐसे में ठंडा जूस पीना भी ठीक नहीं रहता।
- यदि किसी को चाय या काफी की आदत हो तो यह भी नुकसान करती है। इस आदत को छोड़ना ही अच्छा है।
- मैदे से बने पदार्थ या सुपरफाइन आटे की रोटी आसानी से नहीं पचती। गैस पैदा करते हैं। अत: मोटे चोकर युक्त आटे से या चना अथवा सोयाबीन मिले आटे की रोटी खाएं। यह जल्दी पचेगी भी और अफारा जैसी तकलीफें नहीं होगी। इस प्रकार यदि हम अपने खानपान में सुधार कर लें तो गैस बनने या अफारा होने की तकलीफ नहीं रहेगी। (स्वास्थ्य दर्पण) 

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