प्रभु यीशु का धरा पर अवतरण

25 दिसम्बर क्रिसमस डे पर विशेष

प्रभु ईसा मसीह का जन्म बेथलेहम (इज़रायल) में एक गोशाला में हुआ था। सभी प्रमुख धर्मिक अवतारों की भांति प्रभु यीशु के जन्म की कथा भी अत्यंत रोचक है। एक बार नाजरथ नामक एक शहर में परमेश्वर का भेजा देवदूत मरियम नाम की कुंवारी लड़की के पास आया और उसे प्रभु यीशु के धरती पर अवतरण की सूचना दी। दैवीय आज्ञा के अनुसार मरियम को गर्भवती होना था, और अपने मंगेतर जोजफ (दूसरा नाम युसूफ) के साथ भागकर बेथलेहम जाना था। उन दिनों इज़रायल पर अत्याचारी रोमनों का राज था।
जब रोमन सम्राट को इस दैवीय आज्ञा का पता चला तो वह राज्य में जन्में हर नवजात शिशु की हत्या पर उतारु हो गया। मरियम किसी भी तरह अपने गर्भ में पल रहे शिशु को लेकर बेथलेहम पहुंची, पर वहां भी कहीं आश्रय न मिलने के कारण मजबूरन उन्हें एक गोशाला में शरण लेनी पड़ी और वहीं प्रभु यीशु का जन्म हुआ।
प्रभु ईसा के जन्म के तुरंत बाद आकाश में एक सितारे के उदय की बात भी कही जाती है, जिसने तीन राजाओं (वाइज मैन) को रास्ता दिखाया और यीशु के जन्म स्थल तक पहुंचाया। प्रोटेस्टेंट मत में यह भी कहा जाता है कि प्रभु के अवतार की गवाही देने वाले तीन नहीं, बल्कि चार राजा थे, पर उनमें से एक गोशाला तक नहीं पहुंच पाए, और आगे चलकर उन्होंने ‘सांता क्लॉज’ के रुप में बच्चों को उपहार बांटना शुरु किया। (सुमन सागर)

#प्रभु यीशु का धरा पर अवतरण