भारत की एकमात्र पुरुष नदी कौन सी है ?
‘दीदी, आज मैंने एक बहुत ही अजीब बात सुनी।’
‘क्या?’
‘यही कि नदियां भी नर और मादा होती हैं।’
‘हां, बात तो सही है।’
‘कैसे?’
‘तकरीबन सभी नदियों के नाम महिलाओं के नाम पर हैं। हम उन नदियों को अपनी माता भी मानते हैं। हमारे देश में महिलाओं को जो महत्व व सम्मान दिया जाता है, उस वजह से लगभग सभी नदियों का नाम महिलाओं के नाम पर रखा गया है।’
‘मैं कुछ समझा नहीं।’
‘अरे, हम गंगा को माता, मैय्या या मां गंगा नहीं कहते?’
‘हां।’
‘माता महिला ही तो होती है। इसी तरह यमुना, नर्मदा, गोदावरी आदि को माता ही कहा जाता है, यानी वह सभी महिला ही हैं।’
‘तो क्या अपने देश में कोई नदी ऐसी नहीं है जो नर हो या जिसका नाम किसी पुरुष के नाम पर रखा गया हो?’
‘अपने देश में केवल एक नदी है जो पुरुष है और उसे पिता माना जाता है।’
‘वह कौन-सी नदी है?’
‘ब्रह्मपुत्र नदी। यह भारत की एकमात्र पुरुष नदी है। मान्यता यह है कि यह भगवान ब्रह्मा के पुत्र हैं।’
‘तो ब्रह्मपुत्र नदी को पुरुष का दर्जा दिया गया है।’
‘हां, धार्मिक मान्यता यही है और इस नदी को पुरुष के रूप में ही पूजा जाता है।’
‘तो इसकी विशेष पूजा तो असम व अरुणाचल प्रदेश में की जाती होगी।’
‘हां। ब्रह्मपुत्र नदी की लम्बाई लगभग 2900 किलोमीटर है। यह तिब्बत में मानसरोवर झील के पास चेम्यंगडुंग ग्लेशियर से निकलती है और फिर अरुणाचल, प्रदेश, असम, पश्चिम बंगाल से होते हुए बंगाल की खाड़ी में समा जाती है।’
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