मैंने RSS जैसे प्रतिष्ठित संगठन से जीवन का सार और मूल्य सीखा - पीएम मोदी 

नई दिल्ली, 16 मार्च - प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लेक्स फ्रीडमैन के साथ पॉडकास्ट में RSS से अपने जुड़ाव के बारे में बात करते हुए कहा कि मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि मैंने RSS जैसे प्रतिष्ठित संगठन से जीवन का सार और मूल्य सीखा। मुझे उद्देश्यपूर्ण जीवन मिला। उन्होंने आगे कहा कि बचपन में RSS की सभाओं में जाना हमेशा अच्छा लगता था। मेरे मन में हमेशा एक ही लक्ष्य रहता था, देश के काम आना। यही 'संघ' (RSS) ने मुझे सिखाया। RSS इस साल 100 साल पूरे कर रहा है। RSS से बड़ा कोई 'स्वयंसेवी संघ' दुनिया में नहीं है। RSS को समझना आसान काम नहीं है, इसके कामकाज को समझना होगा। यह अपने सदस्यों को जीवन का उद्देश्य देता है। यह सिखाता है कि राष्ट्र ही सब कुछ है और समाज सेवा ही ईश्वर की सेवा है। हमारे वैदिक संतों और स्वामी विवेकानंद ने जो सिखाया है, संघ भी यही सिखाता है। RSS के कुछ सदस्यों ने शिक्षा में क्रांति लाने के लिए 'विद्या भारती' नामक संगठन की शुरुआत की। उनके देश भर में करीब 25 हजार स्कूल चलते हैं, एक समय में 30 लाख छात्र इन स्कूलों में पढ़ते हैं। वामपंथियों द्वारा प्रचारित श्रमिक आंदोलन 'दुनिया के मजदूरों, एक हो जाओ!' का नारा लगाते हैं, जबकि RSS का श्रमिक संगठन 'मजदूरों, दुनिया को एक करो!' का नारा लगाता है।

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