सेहत के लिए फायदेमंद हैं पॉपकॉर्न
भूख लगने पर हम अकसर अल्लम-गल्लम कुछ भी खा लेते हैं। पिज्जा, बर्गरए सैंडविच, छोटी भूख पर चिप्स या कोल्ड ड्रिंक पी लेते हैं। इससे हमारी भूख थोड़ी देर के लिए मिट जाती है लेकिन इन तमाम चीजों का हमारी सेहत पर बहुत बुरा असर होता है। इनकी बजाय पॉपकॉर्न एक ऐसा स्नैक है जो खाने में स्वादिष्ट होता है और सेहत के लिए फायदेमंद भी। पेनिसिल्वेनिया की यूनिवर्सिटी ऑफ स्क्राटन के शोधकर्ताओं का कहना है कि पॉपकॉर्न खाने से शरीर में करीब 300 मिलीग्राम एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर पहुंचता है। दरअसल पॉपकॉर्न एक प्रकार का मक्की का दाना है जिसको अगर गर्म किया जाता है तो यह फूल जाता है या पॉप करता है। कम कैलोरी और भरपूर फाइबरयुक्त पॉपकॉर्न वजन घटाने वालों के लिए एक बेहतरीन नाश्ता है। शोधकर्ताओं के अनुसार पॉपकॉर्न बच्चों और नौजवानों के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है। हम एक दिन में जितना अनाज का सेवन करते हैं, उसका यह एक बेहतर सप्लीमेंट हो सकता है।
हालांकि आजकल पॉपकॉर्न में भी नये-नये फूड प्रोडक्ट्स आ गये हैं, उन्हें मक्खन के साथ खाया जाता है, जिससे उनमें सोडियम और सैचुरेटिड फैट की मात्रा बढ़ जाती है। पॉपकॉर्न एक ऐसा साबुत अनाज है जिसे हमें अपने संतुलित आहार का एक अनिवार्य हिस्सा बनाना चाहिए।
क्यों एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर : पॉपकॉर्न में पॉलीफेनोल्स नामक एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है जो हमारे शरीर में कोशिका की क्षति का कारण बनने वाले ऑक्सीडेटिव तनाव से लड़ने में सहायक होता है। इसमें मौजूद फैरूलिक एसिड हमारे पाचन स्वास्थ्य को सही रखता है और अल्जाइमर और मधुमेह जैसी बीमारियों से बचाता है। यह इंसुलिन और कोलेस्ट्रोल के स्तर में सुधार करता है।
कैलोरी काउंट कम होता है : पॉपकॉर्न कम कैलोरीज वाला खाद्य पदार्थ हो सकता है। इसको अगर ज्यादा मात्रा में भी खाया जाए तो यह फुल फिलिंग होता है। चूंकि यह फूला हुआ होता है, इसलिए इसके तीन या चार कप खा लिए जाएं तो कम कैलोरी वाला यह स्नैक वजन घटाने में सहायक होता है।
फाइबर का अच्छा स्रोत : पॉपकॉर्न फाइबर का एक अच्छा स्रोत है। इसमें अघुलनशील (अनसोल्यूबल) फाइबर होता है। यह फाइबर पचने के दौरान टूटता नहीं है और यह कब्ज को कम करता है। हाई फाइबरयुक्त पॉपकॉर्न को खाने के बाद लंबे समय तक भूख नहीं लगती। यह एक ऐसा साबुत अनाज है, जो मधुमेह और हृदय रोग के जोखिम को कम करता है। पॉपकॉर्न का पोषण उसी स्थिति में सुरक्षित रहता है, अगर इसे हेल्दी तरीके से तैयार किया जाता है। अगर हम इसे घर पर बनाते हैं तो यह हेल्दी बन सकता है लेकिन अगर इसे हम मूवी थियेटर में खरीदकर खाते हैं तो बटर पॉपकॉर्न की एक सर्विंग में जैतून या वनस्पति तेल के साथ इसे जब पकाया जाता है, तो इसमें कैलोरीज अनसैचुरेटिड फैट और सोडियम की मात्रा बढ़ जाती है। इसके अलावा इस सर्विंग में फ्लेवाकोल एक रंगीन नमकीन मसाला डाला जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए नुकसानदेह होता है। आमतौर पर इनमें पोषक तत्वों की मात्रा कम हो जाती है लेकिन अगर आप इसे माइक्रोवेव में बनाते हैं तो यह सेहत के लिए फायदेमंद होता है। मक्खन के स्वाद बने पॉपकॉर्न को फेफड़ों की बीमारी का कारण माना जाता है। कृत्रिम मक्खन जिसमें इसे बनाया जाता है, वह भी हमारे लिए नुकसानदेह है।
कैसे खाएं : जिन लोगों को पाचन संबंधी परेशानियां हों, उन्हें इसका सेवन नहीं करना चाहिए। पांच साल से कम उम्र के बच्चों को पॉपकॉर्न खाने के लिए नहीं देना चाहिए। क्याेंकि यह उनके गले में फंसकर दम घुटने का कारण बन सकता है। एक संतुलित साबुत अनाज वाले पौष्टिक पॉपकॉर्न को लेबल देखकर ही खरीदें। ऐसे पॉपकॉर्न खरीदें जो सरल सामग्रियों से बने हों। आर्गेनिक पॉपकॉर्न, नारियल या जैतून के तेल और नमक के बने पॉपकॉर्न सेहत के लिए सुरक्षित होते हैं। इन्हें घर पर ही बनायें या बाजार में नमक में भुने पॉपकॉर्न लें। मूवी थियेटर के पॉपकॉर्न की छोटी सर्विंग ही खरीदें।
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