बिहार चुनाव: चुनाव आयोग आधार, राशन और वोटर कार्ड को शामिल करने पर करे विचार - सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली, 10 जुलाई - सुप्रीम कोर्ट ने आज बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के पुनरीक्षण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से कहा कि वह आधार, वोटर आईडी और राशन कार्ड को पहचान पत्र के रूप में माने। इस मामले पर अगली सुनवाई अब 28 जुलाई को होगी।
अदालत ने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) यानी मतदाता सूची के पुनरीक्षण पर लगभग 3 घंटे तक सुनवाई की। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि नियमों की अनदेखी करके मतदाता सूची का पुनरीक्षण किया जा रहा है। मतदाता की नागरिकता की जाँच की जा रही है। यह कानून के विरुद्ध है।
इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से पूछा कि आप बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) यानी मतदाता सूची के पुनरीक्षण में नागरिकता के मुद्दे पर ध्यान क्यों केंद्रित कर रहे हैं? अगर आप देश की नागरिकता साबित करने के आधार पर किसी व्यक्ति का नाम मतदाता सूची में शामिल करते हैं, तो यह एक बड़ी परीक्षा होगी। यह गृह मंत्रालय का काम है। आपको इसमें नहीं जाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से तीन मुद्दों पर जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग के वकील से कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि अदालत के समक्ष जो मुद्दा है वह लोकतंत्र की जड़ और मतदान के अधिकार से जुड़ा है। याचिकाकर्ता न केवल चुनाव आयोग के चुनाव कराने के अधिकार को चुनौती दे रहे हैं, बल्कि उसकी प्रक्रिया और समय को भी चुनौती दे रहे हैं। इन तीनों मुद्दों का जवाब दिया जाना ज़रूरी है।