हम सभी से मित्रता रखेंगे, लेकिन सुरक्षा के प्रति सतर्क रहेंगे - मोहन भागवत
नागपुर, 2 अक्टूबर - राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने आज कहा कि पहलगाम हमले में आतंकवादियों ने हिंदुओं से उनका धर्म पूछकर उनकी हत्या कर दी। हमारी सरकार और सेना ने इसका जवाब दिया। इस घटना ने हमें मित्र और शत्रु में अंतर करना सिखाया।
उन्होंने कहा कि अब से हमें अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में समझदारी बनाए रखनी होगी। इस घटना ने हमें सिखाया कि हम सभी के प्रति मैत्रीपूर्ण भावना रखते हैं और रखेंगे, लेकिन हमें अपनी सुरक्षा के प्रति अधिक सतर्क और सक्षम होना होगा।
आरएसएस प्रमुख ने यह बयान आज नागपुर में विजयादशमी पर संगठन के शताब्दी समारोह में दिया। अपने 41 मिनट के भाषण में उन्होंने समाज में हो रहे बदलावों, सरकारों के रवैये, जन असंतोष, पड़ोसी देशों में अशांति और अमेरिकी टैरिफ का ज़िक्र किया। इससे पहले भागवत ने आरएसएस संस्थापक डॉ. हेडगेवार को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद शस्त्र पूजन किया गया।
उन्होंने आगे कहा कि आज पूरी दुनिया में अराजकता का माहौल है। ऐसे समय में, पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है। आशा की एक किरण यह है कि देश की युवा पीढ़ी में देश और संस्कृति के प्रति प्रेम बढ़ा है। समाज स्वयं को सशक्त महसूस कर रहा है और सरकार की पहल पर, अपनी समस्याओं का समाधान स्वयं करने का प्रयास कर रहा है। बुद्धिजीवी भी अपने देश के कल्याण के लिए चिंतित हैं।
उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा अपनाई गई नई टैरिफ नीति का प्रभाव सभी पर पड़ रहा है। इसलिए, हमें दुनिया में रिश्ते बनाने होंगे। आप अकेले नहीं रह सकते, लेकिन इस निर्भरता को मजबूरी में नहीं बदलना चाहिए। इसलिए, हमें इसे मजबूरी न बनाकर आत्मनिर्भर बनना होगा।