डी.जी.पी. कपूर की गिरफ्तारी की मांग कर रहा है परिवार

ए.डी.जी.पी. वाई. पूरन कुमार आत्महत्या मामला

हरियाणा पुलिस के एडीजीपी वाई पूरन कुमार ने 7 अक्तूबर को अपने घर पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। पिछले एक सप्ताह से उनका अभी तक पोस्टर्माटम नहीं हुआ है किन्तु एक ऐसे बोल्ड अधिकारी ने क्यों खुद को गोली मारकर आत्महत्या की, यह सवाल हर कोई एक-दूसरे से पूछ रहा है। वह अनुसूचित जाति से संबंध रखते थे और 2001 बैच के हरियाणा काडर के आईपीएस अधिकारी थे। उनकी पत्नी अमनीत पी. कुमार हरियाणा काडर की 2001 बैच की आईएएस अधिकारी हैं और विदेश सहयोग विभाग में कमिश्नर एवं सचिव हैं। जब वाई. पूरन कुमार ने आत्महत्या की, उस समय उनकी पत्नी अमनीत पी. कुमार हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी के साथ शिष्टमंडल में सरकारी दौरे पर जापान गई हुई थीं। आत्महत्या करने से पहले एडीजीपी वाई पूरन कुमार ने 8 पेज का एक सुसाइड नोट टाइप किया और उसमें पूरी डिटेल में लिखा कि किस तरह अनुसूचित जाति का अफसर होने के नाते उन्हें बार-बार प्रताड़ित किया गया। उन्होंने स्वयं को प्रताड़ित किए जाने के घटनाक्रम का पूरा ब्यौरा भी दिया। उन्होंने इतना खौफनाक कदम उठाने के लिए हरियाणा के मौजूदा डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक के एस.पी. नरेंद्र बिजारणिया सहित करीब एक दर्जन आईएएस व आईपीएस अधिकारियों पर प्रताड़ना के आरोप लगाए हैं। 
चंडीगढ़ पुलिस ने दर्ज किया मामला
एडीजीपी वाई पूरन कुमार द्वारा आत्महत्या किए जाने की घटना को लेकर चंडीगढ़ पुलिस ने उनकी पत्नी की शिकायत और मृतक द्वारा लिखे गए सुसाइड नोट के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है। पिछले एक सप्ताह से रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारणिया के स्थान पर नया एसपी लगा दिया गया है जबकि डीजीपी शत्रुजीत कपूर सहित अन्य सभी अधिकारी ज्यों का त्यों अपने पदों पर कायम हैं। अमनीत पी. कुमार व उनका परिवार इस बात पर अड़ा हुआ है कि जब तक शत्रुजीत कपूर और नरेंद्र बिजारणिया को गिरफ्तार नहीं किया जाता, तब तक वे वाई पूरन कुमार का न तो पोस्टमार्टम करवाएंगे और न ही उनका अंतिम संस्कार करेंगे। अमनीत पी. कुमार पंजाब के बठिंडा ज़िले से संबंध रखती हैं और उनके भाई अमित रतन कोटफत्ता बठिंडा ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। 
परिवार का पोस्टमार्टम करवाने से इंकार
हरियाणा सरकार के अनुसूचित जाति से संबंधित दो मंत्रियों, सरकार के करीबी लोगों और कई वरिष्ठ अधिकारियों ने अमनीत को पोस्टमार्टम करवाने के लिए राज़ी करने का प्रयास किया था लेकिन अमनीत व उनका परिवार इसके लिए राजी नहीं हुए। वैसे तो वाईपूरन कुमार ने अपने खुदकुशी नोट में डीजीपी शत्रुजीत कपूर और नरेंद्र बिजारणिया के अलावा करीब एक दर्जन आईएएस व आईपीएस अधिकारियों का जिक्र किया है, जिनमें पूर्व मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद, मौजूदा मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, पूर्व गृह सचिव राजीव अरोड़ा, पूर्व डीजीपी मनोज यादव, एडीजीपी अमिताभ ढिल्लों, एडीजीपी संजय कुमार, आईजी पंकज नैन, आईपीएस कला रामचंद्रन, संदीप खिलवार और शिबास कविराज का नाम भी शामिल है, जिन पर उन्हें समय-समय पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के आरोप लगाए गए हैं। परिवार का कहना है कि वैसे तो वाई पुरन कुमार को अनुसूचित जाति का होने के कारण समय-समय पर प्रताड़ित किया जाता रहा लेकिन ताज़ा मामला डीजीपी शत्रुजीत कपूर व एसपी नरेंद्र बिजारणिया को लेकर था जिसके चलते वाई पूरन कुमार को आत्महत्या करने जैसा खौफनाक कदम उठाना पड़ा। माना जा रहा है कि उनकी आत्महत्या के तार हैड कांस्टेबल सुशील कुमार के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर और उसकी गिरफ्तारी से जुड़े होने की संभावना है। रोहतक के एक शराब कारोबारी का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें हैड कांस्टेबल सुशील कुमार पर उससे मंथली मांगने के आरोप थे। सुशील लम्बे समय तक एडीजीपी के साथ रहे हैं और सुशील के खिलाफ मामला दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी होने से यह माना जाने लगा था कि सुशील के बहाने पुलिस एडीजीपी वाई पूरन कुमार को फंसाने की तैयारी कर रही है।
आठ पेज का आत्महत्या नोट 
वाई पूरन कुमार ने अपने 8 पेज के सुसाइड नोट में कई बातों का जिक्र किया है जिनमें वरिष्ठता की उपेक्षा, पदोन्नति में देरी, चुनाव के दौरान तबादले में जातीय भेदभाव व राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की चुनाव आयोग से शिकायत जैसे कई मामले उठाए हैं। उन्होंने सरकारी गाड़ी और आवास मामलों में भेदभाव और एक्स कैडर में ज्यादा पदों का मामला भी उठाते हुए कहा कि यह पदोन्नति ठीक नही है। उन्होंने कई मामलों में केंद्रीय कार्मिक विभाग और मुख्यमंत्री तक को भी पत्र लिखे और अनुसूचित जाति का अधिकारी होने के नाते उनके साथ बार-बार किए जा रहे भेदभाव और प्रताड़ना के मामले भी उठाए। एक इतने बड़े आईपीएस अधिकारी द्वारा जातीय आधार पर प्रताड़ना किए जाने और इस प्रताड़ना से परेशान होकर आत्महत्या करने जैसा खौफनाक कदम उठाए जाने से यह मामला अब पूरी तरह से राष्ट्रीय स्तर का बन गया है। वाई पूरन कुमार मूल रूप से आंध्र प्रदेश से संबंधित थे और परिवार में उनकी आईएएस पत्नी अमनीत पी. कुमार के अलावा दो बेटियां भी हैं। अमनीत उस समय सरकारी दौरे पर जापान गई हुई थीं व उनकी बड़ी बेटी विदेश में पढ़ती है। छोटी बेटी चंडीगढ़ में ही उनके साथ थी। 
अमनीत के घर नेताओं का तांता
अब इस मामले में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी व कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी प्रतिक्रिया दी है। सोनिया गांधी से लेकर खड़गे तक ने भी इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया जताई है। हरियाणा-पंजाब के अलावा अन्य राज्यों से भी वरिष्ठ नेता अमनीत पी. कुमार व उनके परिवार के साथ शोक व संवेदना जताने के लिए उनके निवास पर चंडीगढ़ पहुंच रहे हैं। अमनीत पी. कुमार के घर पहुंचने वाले प्रमुख नेताओं में केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले, तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्का, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, हरियाणा के राज्यपाल प्रो. असीम घोष, हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, जजपा अध्यक्ष डा. अजय चौटाला, कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव सांसद सैलजा, सांसद रणदीप सुरजेवाला, इनेलो प्रमुख अभय चौटाला, मुख्यमंत्री हरियाणा के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, हरियाणा की गृह सचिव डा. सुमिता मिश्रा, मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, सीआईडी चीफ सौरभ सिंह, सीएम के राजनीतिक सचिव तरुण भंडारी, पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरेंद्र सिंह राजा वड़िंग, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, सांसद नवीन जिंदल, पंचायत मंत्री कृष्ण पंवार, मंत्री कृष्ण बेदी, भाजपा राष्ट्रीय सचिव ओपी धनखड़, रोहतक के सांसद दीपेंद्र हुड्डा, सांसद वरुण चौधरी, सोनीपत के सांसद सतपाल ब्रह्मचारी, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान सहित अनेक बड़े नेता दिवंगत आईपीएस अधिकारी के परिवार से शोक जताने अब तक पहुंच चुके हैं। इसी मामले को लेकर रविवार को चंडीगढ़ में महापंचायत भी हुई और महापंचायत में सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग की गई। 
निशाने पर डी.जी.पी. कपूर
वाई पूरन कुमार आत्महत्या मामले में सबसे ज्यादा निशाने पर हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर हैं। वाई पूरन कुमार के परिजन कपूर को उनके पद से हटाने व कपूर और बिजारणिया को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं। अभी तक सरकार की ओर से डीजीपी शत्रुजीत कपूर को हटाने के कोई संकेत नहीं दिए गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हरियाणा की मौजूदा नायब सिंह सैनी सरकार का एक साल पूरा होने पर सोनीपत ज़िले में आ रहे हैं। हरियाणा सरकार प्रधानमंत्री के आगमन से पहले वाई पूरन कुमार का पोस्टमार्टम करवाकर दाह संस्कार करने के लिए परिवार को मनाने की लगातार कोशिश में जुटी हुई है। यह मामला धीरे-धीरे जातिगत रंगत भी लेने लगा है और अनुसूचित जाति के अधिकारी, राजनेता और विभिन्न संगठन खुलकर वाई. पूरन कुमार परिवार के साथ खड़े होने लगे हैं। एक सप्ताह से पोस्टमार्टम न होने के कारण मामला लगातार खिंचता चला जा रहा है और प्रदेश के आईएएस व आईपीएस अधिकारियों में भी खुलकर धड़े बनने लग गए हैं। प्रदेश के एचसीएस अधिकारियों की एसोसिएशन भी अमनीत पी. कुमार के पक्ष में आ गई है। शत्रुजीत कपूर को डीजीपी पद से हटाने के लिए सरकार पर दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। अमनीत पी. कुमार के परिजनों का कहना है कि जब तक शत्रुजीत कपूर डीजीपी पद पर बैठे हैं, तब तक उन्हें न्याय की कोई उम्मीद नहीं है, किन्तु सरकार डीजीपी को हटाने के मूड में कतई नहीं है। इसी के चलते मामला लगातार खिंचता चला जा रहा है।
मो. 9855465946

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