केंद्र ने चंडीगढ़ में हरियाणा की अलग विधानसभा बनाने की मांग खारिज की
चंडीगढ़, 1 दिसंबर (संदीप कुमार महना) - केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हरियाणा के लिए अलग विधानसभा बनाने के प्रस्ताव को खारिज करते हुए पंजाब के पक्ष में फैसला किया है। आने वाले 2027 के चुनाव नजदीक हैं, जिसे देखते हुए केंद्र सरकार नहीं चाहेगी कि पंजाब में केंद्र सरकार के फैसले का कोई विरोध हो, चाहे वह PU का मुद्दा हो, चाहे चंडीगढ़ पर पंजाब के हक का मुद्दा हो, या पानी का मुद्दा हो।
गौरतलब है कि सरकारी अधिकारियों की तरफ से यह प्रस्ताव दिया गया था कि चंडीगढ़ में हरियाणा की अलग विधानसभा के लिए जमीन दी जाए, जिस पर अब केंद्र सरकार ने सीधे तौर पर इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। आने वाले 2027 के चुनावों को लेकर पंजाबियों के बढ़ते गुस्से को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हरियाणा सरकार की चंडीगढ़ में अलग विधानसभा बिल्डिंग बनाने की मांग को शुरू से ही खारिज कर दिया है। इस फैसले के बाद अब यह साफ हो गया है कि चंडीगढ़ में हरियाणा विधानसभा के लिए अलग बिल्डिंग नहीं बनेगी।
हरियाणा में भी नए डिलिमिटेशन की वजह से विधानसभा सीटों की संख्या 90 से बढ़कर 126 होने का अनुमान है, जिससे मौजूदा विधानसभा बिल्डिंग में जगह की कमी की बात सामने आ सकती है। इसे ध्यान में रखते हुए विधानसभा स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने 2022 की शुरुआत में पंजाब और हरियाणा की जॉइंट कैपिटल चंडीगढ़ में हरियाणा की अलग विधानसभा बनाने के लिए ज़मीन देने की मांग की थी। इसके बाद UT एडमिनिस्ट्रेशन ने हरियाणा सरकार को तीन जगहें ऑफर की थीं। जिसमें मनीमाजरा में IT पार्क के पास, कलाग्राम कलम के पास और रेलवे लाइव पॉइंट से IT पार्क की ओर जाने वाली सड़क पर ज़मीन शामिल थी। हरियाणा के उस समय के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने रेलवे लाइट पॉइंट से IT पार्क की ओर जाने वाली सड़क पर 10 एकड़ ज़मीन लेने पर सहमति जताई थी। बदले में हरियाणा सरकार UT एडमिनिस्ट्रेशन को पंचकूला के सेकेटी में 12 एकड़ ज़मीन दे रही थी, हालांकि चंडीगढ़ एडमिनिस्ट्रेशन ने इस प्रपोज़ल को यह कहते हुए रिजेक्ट कर दिया था कि हरियाणा जो ज़मीन दे रहा है, वह कंस्ट्रक्शन के लिए सही नहीं है और कंस्ट्रक्शन के दौरान एनवायरनमेंट डिपार्टमेंट समेत कई कानूनी अड़चनें हैं।

