अशोक तंवर बने रहेंगे राज्य कांग्रेस के अध्यक्ष-हुड्डा गुट को लगा झटका



हरियाणा कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर को उनके पद पर बनाए रखने के कांग्रेस आलाकमान के फैसले से कांग्रेस में गुटबाजी कम होने की बजाय और ज्यादा बढ़ने के आसार हो गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा गुट से जुड़े हुए कांग्रेस विधायक यह उम्मीद लगाए हुए थे कि देर सबेर अशोक तंवर की छुट्टी होना तय है और विधायकों व सांसदों में से ज्यादातर भूपेंद्र हुड्डा के पक्ष में बताए जाते हैं इसलिए कांग्रेस आलाकमान आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनावों के दृष्टिगत तंवर के स्थान पर प्रदेश कांग्रेस की कमान भूपेंद्र सिंह हुड्डा को सौंप देगा।
पिछले हफ्ते कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने एक पत्र जारी कर यह स्पष्ट कर दिया कि देश भर के सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अपने-अपने पदों पर बने रहेंगे। इस पत्र के जारी होते ही अशोक तंवर के खेमे में एक नया जोश और उत्साह देखने को मिला जबकि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के समर्थकों में थोड़ी मायूसी पाई गई। तंवर समर्थकों ने तो इसे नई नियुक्ति के तौर पर मानते हुए एक तरह से जीत का जश्न मनाना शुरू कर दिया।
कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष पद के दावेदारों में अशोक तंवर और भूपेंद्र हुड्डा के अलावा कुमारी शैलजा, श्रीमती किरण चौधरी, रणदीप सिंह सूरजेवाला, चंद्रमोहन विश्नोई व कैप्टन अजय सिंह सहित आधा दर्जन से ज्यादा दावेदार माने जाते थे। आलाकमान ने सभी प्रदेशाध्यक्षों को फिलहाल उनके पदों पर बरकरार रखते हुए हालांकि गुटबाजी को खत्म करने व फिलहाल कोई नया विवाद पैदा न हो ऐसा करने का प्रयास किया है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा समर्थक करीब एक दर्जन विधायक पिछले एक साल से अशोक तंवर को हटाए जाने और उनके स्थान पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा अथवा उसके खेमे से हुड्डा के पसंद के किसी अन्य नेता को अध्यक्ष बनाए जाने की निरंतर मांग कर रहे थे। कांग्रेस के कुछ विधायकों ने तो यहां तक धमकी दे रखी थी कि अगर तंवर को हटा कर पार्टी की कमान हुड्डा को न सौंपी गई तो वे कांग्रेस से भी बगावत कर सकते हैं। आलाकमान की घोषणा के बाद हुड्डा गुट नए सिरे से अपनी रणनीति बनाने में जुट गया है।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा अगले महीने से प्रदेश में रथयात्रा शुरू करने और प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर प्रदेश भर में साइकिल यात्रा शुरू करने की घोषणा पहले ही कर चुके हैं। पार्टी आलाकमान द्वारा जारी किए गए पत्र जिसमें तंवर समेत सभी प्रदेशाध्यक्षों को उनके पदों पर बने रहने को कहा गया है, के बारे में हुड्डा गुट इसे एक रूटीन में जारी किया गया पत्र मानता है और उन्हें उम्मीद है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद में अभी भी बदलाव संभव है जो किसी भी समय हो सकता है। दूसरी तरफ तंवर गुट इसे आलाकमान का आशीर्वाद और उनके कामकाज पर मोहर मान रहे हैं। उनका यह भी कहना है कि वे पार्टी के सभी नेताओं से एकजुट होकर संगठन के लिए काम करने और मौजूदा सरकार की नीतियों से परेशान लोगों के लिए कांग्रेस की ओर से सामूहिक आवाज बनने का आग्रह करेंगे। सरकार के खिलाफ आंदोलन की रणनीति बनाने को वे अगले हफ्ते 15 से 17 जनवरी तक गुरूग्राम में पार्टी की एक मंथन बैठक भी करेंगे जिसमें सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू करने के लिए व्यापक रणनीति तैयार की जाएगी। दोनों गुट चाहे जो भी कहें लेकिन इनके बीच आपसी मनमुटाव व टकराव इतना आगे बढ़ गया है कि इन्हें एकजुट करना आसान ही नहीं बल्कि नामुमकिन-सा लगता है और पार्टी आलाकमान को कोई ऐसा बीच का रास्ता तलाश करना पड़ेगा जिससे दोनों गुट संतुष्ट हो सकें और आपसी टकराव छोड़ सरकार के खिलाफ जमकर आंदोलन चला सकें। अन्यथा यह झगड़ा कम होने की बजाय बढ़ता ही नज़र आएगा।
पैंशन व भत्तों में
बढ़ौतरी की मांग
प्रदेश के पूर्व विधायक फिलहाल भाजपा सरकार से काफी नाराज़ नजर आ रहे हैं। हरियाणा में पूर्व विधायकों की अपनी एक एसोसिएशन बनी हुई है और इस एसोसिएशन में कांग्रेस, इनेलो, भाजपा, बसपा के अलावा प्रदेश के निर्दलीय रहे पूर्व विधायक भी शामिल हैं। इन पूर्व विधायकाें की एसोसिएशन की राज्य कार्यकारिणी की बैठक पिछले हफ्ते चंडीगढ़ में हुई और बैठक के बाद एसोसिएशन के अध्यक्ष नफे सिंह राठी व प्रवक्ता रण सिंह मान सहित अनेक पदाधिकारियों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के प्रति काफी गुस्सा जताया।
उनका कहना था कि पहले जब भी मौजूदा विधायकों के वेतन भत्ते व सुविधाएं बढ़ाई जाती हैं तो उसी के साथ पूर्व विधायकों की पैंशन, भत्तों व सुविधाओं में बढ़ोतरी की जाती है। भाजपा सरकार के कार्यकाल में तीन बार मौजूदा विधायकों के वेतन-भत्ते व सुविधाएं बढ़ाई जा चुकी हैं। जबकि पूर्व विधायकों से बार-बार वादा करने के बावजूद भी अभी तक उनकी पैंशन व भत्तों में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई। उन्होंने कहा कि इस बारे सीएम से लेकर स्पीकर तक और वित्त मंत्री से लेकर संसदीय कार्य मंत्री तक सभी को मिल चुके हैं और सभी ने उन्हें बढ़ातरी का भरोसा भी दिलाया था।
पिछले बजट सत्र में जब मौजूदा विधायकों के वेतन-भत्ते बढ़ाए गए तो कहा गया कि अगले सत्र में पूर्व विधायकों के भी पिछली तारीख से ही बढ़ा दिए जाएंगे लेकिन तीन दिवसीय सत्र में इसका उल्लेख तक नहीं किया गया और बढ़ाना तो दूर पहले से विधायकों को मिल रहे महंगाई भत्ते की बढ़ोतरी भी रोक दी गई। उनका यह भी कहना है कि महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, उत्तर प्रदेश व हिमाचल प्रदेश सहित अनेक राज्यों में पूर्व विधायकों को हरियाणा के मुकाबले में ज्यादा पैंशन व भत्ते मिलते हैं। वे इस बारे विभिन्न सरकारों की अधिसूचनाएं भी सरकार को दे चुके हैं मगर सरकार बात नहीं सुन रही। अब उनकी सारी उम्मीदें अगले बजट सत्र पर हैं। बजट सत्र में सरकार उनकी कोई सुनवाई करेगी या नहीं यह तो समय बताएगा। फिलहाल प्रदेश के पूर्व विधायक सरकार से काफी खफा जरूर नज़र आ रहे हैं।
 शीत लहर के चलते स्कूलों में अवकाश घोषित
हरियाणा सहित पूरे उत्तर भारत में चल रही शीत लहर, भारी ठंड व धुंध के चलते हरियाणा सरकार ने प्रदेश के सभी सरकारी, गैर-सरकारी, मान्यता प्राप्त व निजी स्कूलों में 14 जनवरी तक शीतकालीन अवकाश की घोषणा कर दी है। पहले 8 जनवरी को स्कूल खुलने थे लेकिन अब 15 जनवरी को स्कूल खुलेंगे। सरकार के करीबी सूत्रों का मानना है कि इतनी भारी सर्दी व ठंड में बच्चों के बीमार होने व उन्हें कई प्रकार की दिक्कतें आने के आसार रहते हैं। इसके अलावा आए दिन धुंध में स्कूली बसों व वाहनों की दुर्घटनाओं में अनेक बच्चे इसकी चपेट में आ जाते हैं।
प्रदेश के शिक्षा विभाग का कहना था कि अभिभावक भी निरंतर छुट्टियां बढ़ाए जाने की मांग कर रहे थे जिसके चलते सरकार ने आठवीं तक के बच्चों के लिए स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिए हैं जबकि नौवीं से 12वीं तक के बच्चों के लिए स्कूलों का समय बदल कर सुबह 10.30 से 3.30 कर दिया गया है। स्कूलों में पहले घोषित की गई छुट्टियों के खिलाफ कुछ निजी स्कूलों ने अदालत का दरवाजा भी खटखटाया था लेकिन कोई राहत न मिलने से अब प्रदेश के सभी स्कूल इन आदेशों के तहत आठवीं तक के बच्चों के लिए 14 जनवरी तक बंद रहेंगे।
(विशेष प्रतिनिधि ‘अजीत समाचार’)
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