बनें बायो-एनवायरमेंटलिस्ट

आज पर्यावरण की समस्या किसी एक देश की नहीं है, पूरी दुनिया की है। प्रदूषण पूरी दुनिया को परेशान कर रहा है। ग्लोबल वार्मिंग का खतरा जितना किसी छोटे देश को है, उतना ही किसी बड़े देश को भी है, इसलिए बायो-एनवायरमेंटलिस्ट या जैव पर्यावरणविद आज दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण विशेषज्ञ हैं, इन्हें धरती का रक्षक भी इसीलिए कहा जाता है। लेकिन जैसे यह समस्या सदियों के इंसानी व्यवहार से पैदा हुई है, उसी तरह इस पर्यावरण समस्या से निजात पाने में भी कई सदियां लग जाएंगी। लबोलुआब यह है कि जिस पर्यावरण की समस्या के चलते बायो-एनवायरमेंटलिस्ट आज दुनिया के लिए जरूरी हो गये हैं, वह जरूरत अभी अगली कई सदियों तक या कम से कम एक सदी तक तो बनी ही रहेगी। जिसका मतलब यह है कि इस क्षेत्र में विशेषज्ञों की मांग अगली एक सदी तक कम से कम बनी रहेगी।  बायो एनवायरमेंटलिस्ट दरअसल, आम पर्यावरण विशेषज्ञ होते हुए भी पर्यावरणविद से बढ़कर होता है। आम पर्यावरणविद जहां पर्यावरण से बचाव के लिए पर्यावरण के संरक्षण, कामकाज के तरीके और कम से कम प्रदूषण से पैदा होने वाली तकनीक के बारे में विशेषज्ञता हासिल करता है, वहीं बायो-एनवायरमेंटलिस्ट यह सब कुछ होने के साथ-साथ प्रदूषण और कचरे के अतिरिक्त उपयोग का भी विशेषज्ञ होता है। वह रिसाइकिलिंग के जरिए पर्यावरण की सुरक्षा करता है, वनस्पतियों को जैव परिवर्तन के जरिए उन्हें पर्यावरण के अनुकूल बनाता है तथा कामकाज के ढंग को भी जैव तकनीक के जरिए वातावरण के अनुकूल ढालता है।  जिस तरह ग्रीन और बायो तकनीक की रोजमर्रा की जिंदगी में भूमिका बढ़ती जा रही है, उसके चलते आज के महानगरीय जीवन में बायो एनवायरमेंटलिस्ट की जबरदस्त जरूरत पैदा हो गई है। देश ही नहीं पूरी दुनिया के औद्योगिक जगत में ऐसे विशेषज्ञों की खूब मांग है। आज हर बड़ी मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी में बायो-एनवायरमेंटलिस्ट की पोस्ट बनायी जा चुकी है। क्योंकि भविष्य का हर उत्पाद बायो इनग्रेडेबल होगा। बायो-एनवायरमेंटलिस्टों को एक आम एग्जीक्यूटिव से वेतन कम नहीं मिलता बल्कि उससे कई बार कुछ ज्यादा ही मिलता है। दूसरे शब्दों में आज की तारीख में किसी भी महत्वपूर्ण संस्थान से शिक्षित बायो-एनवायरमेंटलिस्ट को शुरुआत से ही 45-50 हजार रुपये प्रतिमाह की नौकरी बहुत आराम से मिल जाती है। 
जहां तक काम के क्षेत्र की बात है तो कुछ सालों पहले तक इनका कार्यक्षेत्र केमिकल, सीमेंट, ईंट, कृषि से जुड़े उद्योग, बागवानी और चमड़े की रंगाई जैसे कुछ खास क्षेत्र तक ही सीमित था। वहीं आज की तारीख में इनकी नियुक्ति करीब-करीब हर क्षेत्र की उत्पादक कंपनियों में होने लगी है।  भविष्य में इन्हें अस्पतालों, घरों, स्कूलों, फूड प्रोसेसिंग कंपनियों, सेनिटोरियम्स, ऑडीटोरियम्स, पिकनिक स्पॉट जैसे तमाम क्षेत्रों में भी नियुक्त किया जायेगा। कुल मिलाकर कहने की बात यह है कि बायो एनवायरमेंटलिस्ट के रूप में कॅरिअर बनाना पूरी तरह से सुरक्षित है। इसके लिए बायोलॉजिकल साइंस में तीन साल की डिग्री लेना उपयुक्त शुरुआत है। इसमें आप बायोलॉजी, जेनेटिक्स, बायो केमिस्ट्री, माइक्रो बायोलॉजी, बॉटनी या जुलॉजी में विशेषज्ञता या खास दक्षता हासिल कर सकते हैं। अगर आप विज्ञान विषय के साथ 10़+2 परीक्षा उत्तीर्ण हैं, तो विभिन्न संस्थानों से बायो-टेक्नोलॉजी में ग्रेजुएशन कोर्स कर सकते हैं। 
-नरेंद्र कुमार