चीमा, मजीठिया व ग्रेवाल की मांग सिद्ध को मंत्रिमंडल से तुरन्त बर्खास्त किया जाए

चंडीगढ़, 13 अप्रैल (एन.एस. परवाना) : पंजाब सरकार द्वारा एक हत्या केस में स्थानिय सरकारों के बारे में मंत्री नवजोत सिंह सिद्ध की सज़ा को सुप्रीम कोर्ट में सही ठहराए जाने के बाद तीन सीनियर अकाली नेताओं ने आज सिद्ध को तुरन्त मंत्रिमण्डल से बर्खास्त किए जाने की मांग की व कांग्रेस सरकार पर सिद्ध के साथ मिले होने का आरोप लगाते हुए कहा है कि ‘सरकार कैबिनेट की बैठकों में बैठा एक ‘कातिल’ को बचाना बंद करे।’अकाली नेताओं बिक्रम सिंह मजीठिया, डाक्टर दलजीत सिंह चीमा और महेश इन्द्र सिंह ग्रेवाल ने विचार प्रकट किया है कि पंजाब मंत्रिमण्डल में सिद्ध का मौजूद रहना न केवल नैतिक तौर पर गलत है, बल्कि यह भारत के संविधान का मज़ाक उड़ा रही एक गम्भीर कानूनी और संवैधानिक बेहूदी है। वह उस सरकार का हिस्सा बन कर नहीं रह सकता, जो एक बुजुर्ग, निर्दोष और लाचार व्यक्ति के कत्ल के लिए उसको सज़ा दिलाने के लिए अदालत में गवाही दे रही है। इसने आज़ाद भारत के इतिहास में सबसे अजीब स्थिति पैदा कर दी है। आज यहां पार्टी के मुख्य कार्यालय में एक प्रैस कान्फ्रैंस को सम्बोधित करते हुए उक्त अकाली नेताओं ने कहा कि यह बहुत ही अजीब स्थिति है कि एक मंत्री एक निर्दोष का कत्ल करने के लिए अपनी सरकार के स्वयं को सज़ा दिलाने के फैसले का पक्ष बना हुआ है। उन्होंने पंजाब सरकार पर आरोप लगाया है कि वह सिद्धू को गम्भीर कत्ल के आरोप से बचाने के लिए पूर्व क्रिकेटर के साथ मिलकर ड्रामा कर रही है और पंजाब के लोगों को धोखा देने का प्रयास कर रही है। अकाली नेताओं ने आम आदमी पार्टी के नेता सुखपाल सिंह खैहरा विधायक पर भी सिद्धू को बचाने की साज़िश का हिस्सा होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कितनी अजीब बात है कि निर्दोष पीड़ित के लाचार परिवार के साथ खड़े होने के स्थान पर खैहरा एक सोची समझी और योजनाबद्ध पटकथा के तहत इस सरकार के एक मंत्री की हिमाइयत कर रहा है।
यह दोहरा खेल है क्या ? : अकाली नेताओं ने कहा कि इस मामले में सरकार द्वारा खेली जा रही दोहरी खेल के बड़े स्पष्ट संकेत सामने दिखाई दे रहे हैं। यहां कुछ ऐसे व्यवहारिक, कानूनी और नैतिक प्रश्न हैं, जोकि सरकार से तुरन्त और स्पष्ट जवाब मांगते हैं। सबसे पहले सवाल यह है कि इस्तगासा सिद्ध  के खिलाफ पीड़ित के परिवार जैसे कत्ल का आरोप लगाने के लिए क्यों ज़ोर नहीं डाल रहा ? पीड़ित के परिवार द्वारा सिद्धू के लिए की जा रही उम्र कैद की मांग की सरकार हमायत क्यों नहीं कर रही? हत्या के आरोप के तहत प्रदेश सरकार ने सज़ा बढ़ाए जाने की मांग क्यों नहीं की ? एक तरफ सरकार स्वीकार करती है कि सिद्ध ने कत्ल किया था और दूसरी तरफ केवल तीन वर्ष की सज़ा की मांग कर रही है, की कभी किसी ने किसी निर्दोष बुजुर्ग की हत्या के लिए केवल तीन वर्ष की सज़ा के बारे में सुनाया है?किस कांग्रेसी ने धोखा दिया? : अकाली नेताओं ने आरोप लगाया है कि यह बात साफ है कि पंजाब विधानसभा के चुनावों से पहले कांग्रेसी नेताओं और नवजोत सिंह सिद्ध में इस मामले को लेकर कोई गुप्त समझौता हुआ था। यह बिल्ली स. सिद्ध  ने उस समय स्वयं थैले में से बाहर निकाल दी थी, जब उनको कहा था कि ‘कांग्रेस ने उसके साथ धोखा किया है और उसकी पीठ में छुरा मारा है। यह धोखा क्या था ?’ अकाली नेताओं ने मांग की कि स. सिद्ध को उसके कांग्रेस के साथ हुए गुप्त समझौते को सार्वजनिक करना चाहती है। उसने यह समझौता किसके साथ किया था : श्रीमती सोनिया गांधी, राहुल गांधी या किसी अन्य के साथ ?