छोटे बच्चें को प्यार करें लेकिन संभल कर

जब कभी भी किसी नव-विवाहिता के घर कोई बच्चा पैदा होता है तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं होता। अक्सर ही बच्चे के माता-पिता और रिश्तेदार प्यार-प्यार में छोटे बच्चों को खेलाने का यत्न करते रहते हैं, लेकिन यह याद रखना ज़रूरी है कि नवजन्मे बच्चे और छोटे बच्चों को खेलाने के समय बहुत सावधानियां रखनी पड़ती हैं, ताकि आपका बच्चा सुरक्षित रहे। अक्सर ही देखा जाता है कि छोटे बच्चे को माता-पिता हवा में उछालते हैं। ऐसा करने पर बच्चा खुशी में किलकारियां भी मारता है, चाहे कुछ बच्चे ऐसा करने पर डरते हैं और रोने लग जाते हैं। ऐसा करने से उनकी सेहत और दिमाग पर बुरा असर पड़ता है। छोटे बच्चों का दिमाग और शरीर बहुत नाजुक होता है, इसलिए यह बहुत ज़रूरी होता है। ऐसा करने से परहेज करें। इसी प्रकार कई माता-पिता अपने बच्चों को एक बाजू से उठाने का यत्न करते हैं। ऐसा करने से कई बार बच्चों की बाजू निकल आती है। इसलिए ऐसा कुछ भी करने से पहले ज़रूर सोचें। बच्चों के निकट कभी भी ऊंची आवाज़ में न बोलें और टैलीविज़न, रेडियो, टेप आदि की आवाज़ भी कम रखें, नहीं तो बच्चों के सुनने की शक्ति पर बुरा असर पड़ता है। कई माता-पिता अपने बच्चे को उनकी कमज़ोर टांगों के सहारे जबरदस्ती चलाने का यत्न करते हैं। ऐसा करना भी ठीक नहीं क्योंकि बच्चा एक वर्ष की आयु तक खुद चलना शुरू कर देता है। इस मामले में माता-पिता को कभी भी जल्दबाज़ी नहीं करनी चाहिए। छ: महीने या इससे छोटे बच्चे को जबरदस्ती चलाने का यत्न नहीं करना चाहिए। छोटे बच्चे के लिए नींद बहुत ज़रूरी है। इसलिए जब वह सो रहा हो थोड़ी सावधानी का प्रयोग करें। कच्ची नींद में जागा बच्चा अक्सर रोता रहता है। नहलाते समय छोटे बच्चे को ज्यादा समय पानी में नहीं रखना चाहिए। थोड़ा परहेज़ करना चाहिए। बच्चे को गोद में उठाते समय भी सावधानी बरतनी चाहिए। बच्चे को हमेशा नरम हाथों से पकड़ना चाहिए। ज्यादा कसकर या सख्त हाथों से नहीं।  खिलौनों को बच्चे मुंह में डालते हैं, बल्कि ऐसा करने से परहेज़ करें, क्योंकि प्लास्टिक के खिलौनों पर रसायन पदार्थ लगा होता है, जोकि बच्चे के लिए खतरनाक है। उपरोक्त सावधानियों का प्रयोग करके आप अपने बच्चे को सुरक्षित रख सकते हैं।

—जगमोहन सिंह लक्की