पंचायत यूनियन पंजाब की राज्य स्तरीय बैठक आयोजित

लुधियाना, 10 मई (भूपिंद्र बैंस): पंचायत यूनियन पंजाब की राजय स्तरीय बैठक राज्य प्रधान हरमिंद्र सिंह की अध्यक्षता में लुधियाना में हुई। इस मौके राज्य के सभी जिलों के प्रधानों, महासचिवों व अन्य कार्यशाली पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया। इस मौके विभिन्न प्रवक्ताओं ने अपने संबोधन में कहा कि पंजाब सरकार ने लोकतंत्र प्रणाली के तौर पर जानी जाती पंचायतों की अनदेखी की है। उन्होने कहा कि अकाली भाजपा सरकार ने सरपंचो और पंचो को मान वेतन देने के लिए जो वायदा किया था, वह पूरा नहीं हुआ। इसी तरह कैप्टन सरकार ने अस्तित्व में आने से पहले गांवों की पंचायतो के साथ वायदा किया था कि वह सरपंचो और पंचों की सेवाफल में बढ़ौतरी कर दें, लेकिन चार साढे चार साल बीत जाने के बावजूद भी कोई भी वायदा वफा नहीं हुआ। नेताओं ने कहा कि गांवों की पंचायतों लोकतंत्र का आधार है। जबकि वर्तमान सरकारो की तरफ से गांवों की अनदेखी की जा रही है। गांवों में से अब तक जितने में विधायक या लोक सभा सांसद बने है।  वे थोडे समय के बाद ही अपना गांव छोडकर या तो अपने नजदीक के शहर में जा विराजे है या फिर ज्यादातर विधायकों और सांसदों ने चंडीगढ़ में रिहायशें रख ली है, जिसके कारण गांवो के लोगो ने अपनी समस्याएं हल करवाने के लिए बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड रहा है। इस मौके विभिन्न नेताओ ने पंजाब सरकार से मांग की सरपंचो और पंचो को मानवेतन देने के लिए सरकार ने वायदा किया था। वह पूरा किया जाए। नहीं तो पंचायतें संघर्ष के रास्ते पर चल पड़ेगी, जिसकी जिम्मेवारी सरकार की होगी।  उन्होंने कहा कि पंचायतों की मांगे न मानी तो पहले सभी जिलों के जिलाधीशों के कार्यालयों के समक्ष रोष प्रदर्शन किये जाएंगें और फिर मुख्यमंत्री की कोठी का घेराव किया जाएगा। इस मौके नरिंद्रपाल सिंह, बलौर सिंह, उजागर सिंह, सोहन सिंह, तेजिंद्र सिंह व अन्य उपस्थित थे।