दो सप्ताह में 3 रुपए और सस्ता हो सकता है पैट्रोल

जालन्धर, 10 नवम्बर (शिव शर्मा): सितम्बर में महंगे पैट्रोल व डीज़ल ने तो लोगों की जेबें हल्की कर दी थीं परन्तु इसको चाहे संयोग कहें या फिर आगामी विधानसभा चुनावों का असर या फिर अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल के सस्ते होने के कारण एक माह से भी कम समय में ही पैट्रोल 6 रुपए व डीज़ल 3 रुपए प्रति लीटर सस्ता हुआ है। सितम्बर में तो महंगा पैट्रोल व डीज़ल तो एक बड़ा मुद्दा बन गया था तथा केन्द्र चाह कर भी इस मामले में लोगों को राहत नहीं दे सका था जबकि पंजाब में पहले ही सरकार ने कह दिया था कि वह वैट की दरें इसलिए नहीं घटा सकती क्योंकि उसका राजस्व कम हो जाएगा। पैट्रोल व डीज़ल 15 अक्तूबर से सस्ता होना शुरू हुआ था कि इससे सस्ता होने के बाद तो पैट्रोल, डीज़ल का मुद्दा भी राजनीतिक पार्टियों के लिए समाप्त हो गया था। अब अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल के सस्ते होने व भारतीय रुपए के कुछ मज़बूत होने के कारण भी पैट्रोल, डीज़ल के सस्ता होने के कारण लोगों को राहत मिली है। 17 अक्तूबर 2018 को पैट्रोल का भाव 88.17 रुपए प्रति लीटर था जबकि 10 नवम्बर को पैट्रोल का भाव 83.08 रुपए तथा इस समय डीज़ल का भाव पिछले माह 75.41 रुपए तथा आज 72.35 रुपए प्रति लीटर है। इस समय अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में ही कच्चा तेल गिर कर 69.13 डालर प्रति बैरल तक आ गया है। तेल कारोबारियों की मानें तो यदि अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल का भाव और गिरा तो आगामी दो सप्ताह में पैट्रोल 3 रुपए प्रति लीटर के लगभग और सस्ता हो सकता है। अक्तूबर के प्रथम दो सप्ताह में तो कच्चे तेल में इसलिए भी तेज़ी आ गई थी क्योंकि अमरीका ने इरान पर अपनी पाबंदियां लागू कर दी थीं जिससे कच्चे तेल का भाव और बढ़ गया था। वैसे तेल कारोबारी सूत्रों का कहना है कि भारत को इरान से तेल लेने की छूट मिलने का असर भी दिख रहा है कि अब तेल की कीमतें भविष्य में और घटेंगी। अगस्त-सितम्बर व अक्तूबर का आधा माह लोगों के लिए महंगा साबित हुआ था परन्तु यह दिन सरकार के खज़ाने के लिए काफी अच्छे साबित हुए हैं क्योंकि जब भी अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चा तेल महंगा होता है तो कम्पनियां तेल महंगा कर देती हैं। पंजाब में वैट की दर अधिक होने के कारण ही पैट्रोल, डीज़ल चंडीगढ़ की अपेक्षा पैट्रोल 10.50 रुपए व डीज़ल चार रुपए महंगा है परन्तु राज्य सरकार के वैट की अधिक दर होने के कारण चाहे अधिक राजस्व मिल जाता है परन्तु 6 पड़ौसी राज्यों की वैट वसूली के मामले में काफी पीछे है। पैट्रोल पम्प डीलर एसोसिएशन पंजाब के प्रधान परमजीत सिंह दोआबा व प्रवक्ता मोंटी सहगल का कहना था कि वैसे अगस्त-सितम्बर व अक्तूबर के आधे माह में डीज़ल की बिक्री तो काफी गिरी थी तथा पैट्रोल की बिक्री भी काफी कम हो गई थी। नवम्बर में पैट्रोल, डीज़ल के सस्ता होने से इसकी बिक्री में कुछ राहत मिलने की सम्भावना है। पैडी सीज़न में तो इस बार वर्षा अच्छी होने के कारण डीज़ल की बिक्री नहीं निकली परन्तु ट्रांसपोर्ट क्षेत्र में भी मंदे के कारण 25 प्रतिशत बिकरी कम दर्ज की गई है।